28 जनवरी, 2012
25 जनवरी, 2012
गणतंत्र दिवस अमर रहे
उत्तराखंड के लंबे प्रवास के बाद मै आज ही लौटा हूँ . सर्वर की समस्या के कारण पिछले कई दिनों से पोस्ट लगाना संभव नहीं था . हालाँकि प्रवास के दौरान अनेक ऐसे अनेक प्रसंग आये जिससे ग्राम चौपाल सुसज्जित हो सकती थी लेकिन समुद्र तल से 2500-3000 फीट की उचाई से लिख पाना संभव भी नहीं था . भारी बर्फबारी , बरसात और शीत लहर में रजाई , कंबल और स्वेटर से ठण्ड भी नहीं मिटती थी . वहां के अखबारों ने इस ठण्ड को हाड़ कपने वाला तहद निरुपित किया था . इस साल की ठण्ड और बर्फबारी ने कई वर्षों का रिकार्ड तोडा है .इस स्थिति में की-बोर्ड पर उंगलियाँ चलाना भी दुष्कर था . कंप्यूटर की स्पीड भी इतनी धीमी थी की लिखना मुमकिन नहीं था . आगे की पोस्ट में आपको संस्मरण से वाकिफ करने की कोशिश करूँगा .
आप सबको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
18 जनवरी, 2012
चीन का झांसा
भारत और चीन ने हिमालय की विवादास्पद सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए एक पैनल बनाया है. हिमालय की यही सीमा भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध का कारण बनी थी.
साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर शांति के लिए पैनल बनाने का फैसला आज 15वीं बार हुई बैठक में लिया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा सचिव शिवशंकर मेनन और चीनी स्टेट काउंसलर दाई बिंगुओ के बीच यह बातचीत नई दिल्ली में हुई. समझौते के तहत भारत चीन के सीमाई इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए एक सिस्टम बनाया जाएगा जो अहम सीमाई मुद्दों को सुलझाएगा.
इसका यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए की चीन अपने पुराने रवैये से पीछे हट रहा है . चीन आज दुनिया के सबसे ताकतवर देश बनने का ख्वाब देख रहा है .इस स्थिति में वह भारत से अपनी पुरानी दुश्मनी को ख़त्म करने के लिए कदापि तैयार नहीं होगा अतः भारत को चीन के झांसे में नहीं आना चाहिए .
08 जनवरी, 2012
गोदामों के शीघ्र निर्माण तथा भण्डारण घाटा कम करने के निर्देश
नये जिलों में नोडल अधिकारी घोषित
( समाचार )
छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने आज
छ0ग0 राज्य भण्डारगृह निगम के नोडल अधिकारियों की एक बैठक ली। श्री बजाज ने
स्कंध के भण्डारण एवं परिवहन में होने वाली भण्डारण हानि पर चिन्ता व्यक्त
करते हुए भण्डारण हानि को राष्ट्रीय क्षति बताया तथा वैज्ञानिक भण्डारण के
दौरान विभिन्न कारणों से अनाज में होने वाली भण्डारण हानि को न्यूनतम स्तर
पर लाने के निर्देश दिए। साथ ही श्री बजाज ने इस नव वर्ष 2012 को छ0ग0
राज्य भण्डारगृह निगम के लिए -‘‘भण्डारण हानि घटाओ‘‘ वर्ष के रूप में मनाने
की घोषणा की । उन्होंने कहा कि न्यू रायपुर में प्रांतीय कार्यालय एवं
कर्मचारी आवास बनाने प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने निर्देश
दिया कि वर्ष 2012 में ही न्यू रायपुर में कार्यालय भवन निर्माण सुनिश्चित
करें ।
बैठक को संबोधित करते हुए निगमाध्यक्ष श्री बजाज ने सभी गोदामों के रखरखाव एवं मरम्मत के निर्देश दिए तथा निर्माणाधीन गोदामों को समयसीमा में पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने तथा धर्मकांटों की स्थापना के भी निर्देश दिए।
बैठक में निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने नव गठित जिलों में निगम के कामकाज में प्रशासनिक कसावट लाने के लिए नये जिलों के शाखा प्रबंधकों को नोडल अधिकारियों का प्रभार घोषित किया गया, जिनमें- बालोद-श्री डी.के. शर्मा, मुंगेली- श्री वीरेन्द्र शर्मा, गरियाबंद - श्री जितेन्द्र भेडि़या, सूरजपूर-बी0आर0 शिव, बलौदा बाजार- एस0के0 गुप्ता, बलरामपुर- सी.एस. रांगरे, सुकमा-दीपक मेहता, कोण्डागांव-वही0के0 निगम, बेमेतरा -ए0के0 असाटी, नारायणपुर-श्री सतीश सरवैया, बीजापुर-श्री ए0के0 मिश्रा।
बैठक में निगम के सचिव श्री एच0पी0 ब्यौहार, प्रबंधक लेखा- श्री रितेश अग्रवाल, प्रबंधक तकनीकी- श्रीमती श्रद्धा अग्रवाल, प्रबंधक वाणिज्य- श्री एम0एल0 माकोड़े, कार्यपालन यंत्री श्री एन0 राजा एवं अन्य विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक के अंत में श्री बजाज ने सभी उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को नव-वर्ष की शुभकामनायें व्यक्त की।
06 जनवरी, 2012
लाखे की स्मृति में जारी हो डाक टिकट
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायपुर का शताब्दी समारोह
एकीकृत एवं गहन खेती को बढ़ावा दें किसान : राज्यपाल
राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने कहा कि किसान विस्तृत खेती से गहन खेती की ओर
आगे बढ़े और खाद्यान्न उत्पादन के साथ कृषि से जुड़े पशुपालन, मत्स्यपालन,
डेयरी विकास, फल एवं फूलों की खेती को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि अपने
उत्पादों के रख-रखाव और कृषिगत वस्तुओं की मांग वाले क्षेत्रों में भेजने
की पर्याप्त व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान केंद्रीत करना चाहिए। राज्यपाल
श्री दत्त आज यहां रायपुर में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित की
स्थापना के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सहकारिता
मंत्री श्री ननकीराम कंवर विशेष रूप से उपस्थित थे।
राज्यपाल ने
किसानो से एकीकृत खेती करने पर जोर दिया और कहा कि प्रदेश में कृषि सहित
अन्य क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं है, जिनका समुचित लाभ लेने के
लिए प्रतिबध्द प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी देश की
मजबूती उसकी फौज में नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की मजबूती और ताकत में निहित
है और हमें अपना ध्यान समाज, प्रदेश और देश के प्रत्येक व्यक्ति की खुशहाली
और आर्थिक सम्बलीकरण पर केंद्रीत करना होगा। उन्होंने किसानों से जल और
जमीन का खेती सहित अन्य कार्यों में अधिकतम उपयोग करने का आहवान किया और
कहा कि फसलों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने हेतु कृषिगत व्यवस्थाओं को
शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता है। राज्यपाल श्री दत्त ने कहा कि किसानों
सहित अन्य संस्थाओं द्वारा खाद्यान्न एवं फसलों के सुरक्षित रख-रखाव तथा
भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि से
जुड़ी हर व्यवस्था की श्रृंखला अटूट और मजबूत होनी चाहिए। ताकि कृषि कार्य
में किसी प्रकार का कोई अवरोध न हो सके।
श्री दत्त ने कहा कि
सहकारिता हमारे जीवन से जुड़ा है और इन कारणों से छत्तीसगढ़ में सहकारिता के
लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की महान एवं
दूरदर्शी विभूति श्री वामन बलीराम जी लाखे ने विपरित परिस्थितियों में
किसानों की कृषिगत सुविधा के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित की
स्थापना 43 हजार रूपए की राशि से की, जो अब लगभग 1 हजार सात सौ करोड़ रूपए
की कार्यशील पूंजी हो गयी है और इसका लाभ क्षेत्र के किसानों को मिल रहा
है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले सहकारिता के क्षेत्र सहित
किसानों की ऋण और वित्तीय व्यवस्था के लिए यह एक बड़ा कदम था, जो इन
विभूतियों की विकास के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी और दायित्वों के प्रति
उनके कार्यों का अहसास कराता है। श्री दत्त ने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान
राज्य है, जहां के 75 प्रतिशत लोग खेती से जुड़े हैं। ऐसी खेती को
सुव्यवस्थित करने के लिए अर्थपूंजी की आवश्यकता है। उन्होंने सहकारिता
आंदोलन से जुड़े सभी पदाधिकारियों और किसानों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री श्री ननकीराम कंवर ने जिला सहकारी केंद्रीय
बैंक मर्यादित के सभी पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि
आज सहकारिता ने नई उंचाईयों को स्पर्श किया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता
के माध्यम से गांव के गरीब और किसानों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
पहुचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी
समितियों के माध्यम से किसानों को खाद बीज सहित ऋण वितरण का कार्य किया
जाता है, इसके साथ गुजरात की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में डेयरी विकास के कार्य भी
किया जाना चाहिए, ताकि गावं के गरीबों की माली हालत के मजबूत किया जा सके।
कार्यक्रम में राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने कहा कि
बैंक अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर रहा है और इस अवधि में किसानों के
हितों से जुड़े कार्यो को मुकाम तक पहुचाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि
श्री वामन बलीराम जी लाखे द्वारा स्थापित सहकारी बैंक आज किसानों को ऋण
उपलब्ध कराने के साथ-साथ समितियों के माध्यम से धान खरीदी जैसी किसान और
शासन की महती व्यवस्था में जुड़ा है। उन्होंने इस बैंक के संस्थापक श्री
वामन राव जी लाखे की स्मृति में डाक टिकट जारी करने की मांग की। इस अवसर पर
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के अध्यक्ष श्री योगेश
चंद्राकर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस बैंक के माध्यम से
क्षेत्र के किसानों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने
बताया कि बैंक के संचालक मंडल ने किसानों के जीवन स्तर को उंचा उठाने हेतु
ग्रामीण जीवन आवास योजना सहित किसानों के पुत्रों को शिक्षा एवं स्वरोजगार
ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी बताया सामाजिक
दायित्वों के तहत निराश्रितों के पेंशन भुगतान के लिए काउन्टर की व्यवस्था
की गई है। राष्ट्रीयकृत बैंकों के समान जिले के सभी सहकारी बैंकों को
कम्प्युट्रीकृत कर कोर बैंकिंग सेवा प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया
है।
इससे पहले राज्यपाल श्री दत्त ने श्री वामन बलीराम जी लाखे के
चित्र पर माल्यार्पण किया। श्री दत्त ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक
मर्यादित रायपुर के पूर्व पदाधिकारियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए
सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के
पूर्व अध्यक्ष मो. अकबर, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री महावीर राठौर,
सहकारी बैंक के संचालक मंडल के सदस्यों सहित पूर्व अध्यक्षगण एवं बड़ी
संख्या में किसान उपस्थित थे।
DPR
04 जनवरी, 2012
विशाल वटवृक्ष की छाया
जिला सहकारी बैंक
रायपुर का शताब्दी वर्ष
जिला सहकारी बैंक
रायपुर अपनी स्थापना के सौंवें वर्ष में प्रवेश कर
चुका है . इसका विधिवत
पंजीयन 2 जनवरी 1913 को हुआ था . इसका पंजीयन क्रमांक भी 1 है .स्व.वामन
बलीराम लाखे इस बैंक के संस्थापक है . तब कुल 16 लोगों ने मिलकर इस बैंक की
स्थापना की थी लेकिन आज इसके सदस्यों की संख्या 644526 हो चुकी है इसका
कार्य क्षेत्र रायपुर,धमतरी,महासमुंद,गरियाबंद एवं बलौदाबाजार जिला है .
ये पांचों जिले कभी रायपुर जिले के ही हिस्से थे लेकिन दो बार के विभाजन के
बाद अब पांच जिले हो गए है .बैंक के सभी पांचों जिलों में 3986 राजस्व
ग्राम हैं , बैक 340 प्राथमिक सहकारी समितियों एवं 59 शाखाओं के माध्यम से अपनी सेवाएं अर्पित कर रहा है .
अपनी स्थापना के सौवें वर्ष में प्रवेश करते करते 16 लोगों द्वारा स्थापित यह बैंक आज विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है . जिसकी छाया में लाखों किसान आज सुविधा प्राप्त कर रहे है .यह प्रदेश का सबसे बड़ा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक
है , सहकारी क्षेत्र में इस बैंक का अपना अलग स्थान है. संपूर्ण भारत के
जिला सहकारी
बैंकों में इसका सातवां स्थान है. उस समय किसानों को साहूकारों के चंगुल से
बचाने के लिए इसकी स्थापना की गई थी. तब से यह बैंक
निरंतर उन्नति कर रहा है. कुल 644526 सदस्यों में से 403172 कृषकों को अब
तक किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा चुका है . बैंक की कार्यशील
पूंजी 17 अरब रुपये पहुंच चुकी है यहां पर लाभांश का भी वितरण किया जा रहा
है. समर्थन मूल्य पर 506 धान केन्द्रों में धान की खरीदी की जा रही है. अब
तक 9 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है . छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा
उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2009 में बैंक को ठाकुर प्यारेलाल सम्मान से नवाजा गया .
बैंक का पंजीयन प्रमाण पत्र |
01 जनवरी, 2012
मित्रों का अनुराग और पानी की बौछार
आख़िरकार वर्ष 2011 बीत गया और वर्ष 2012 आ गया .आईये हम सब मिलकर बीते वर्ष की बिदाई करें तथा नए वर्ष 2012 का स्वागत करें .हालाँकि सब कुछ वही है केवल समय चक्र बदल रहा है . वर्ष 2011 के अंतिम दिन मौसम ने अंगड़ाई ली और असमान से बौछारें पड़ने लगी है . ऐसा लग रहा है मानों बारिस की बूंदें भी नए वर्ष का स्वागत कर रही हो. शाम से लगातार बारिस हो रही है और अभी तक यानी रात के 11.50 बजे तक जब मई यह पोस्ट लिख रहा हूँ बारिस थमने का नाम नहीं ले रही है .थर्टी फर्स्ट मनाने वाले को निश्चित रूप से परेशानी हो रही होगी . कुछ लोग टी.वही.से चिपके होंगे . मोबाईल,फेसबुक, ब्लाग और ई-मेल में बधाइयों की बरसात हो रही है . एक बधाई सन्देश पढ़ नहीं पाते कि दूसरा सन्देश आ जाता है. समय पर हम अपना बधाई सन्देश भेज नहीं पा रहे है . इस पोस्ट के माध्यम से आप सबको बधाई सन्देश भेजने का प्रयास कर रहा हूँ ,कृपया इस सन्देश के साथ मेरा बधाई सन्देश स्वीकार करे .
आप सबको नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
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