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18 अक्तूबर, 2010

योग भूत-प्रेतों से जुड़ा है ?

पादरी का फरमान योग ईसाई धर्म के खिलाफ

जारों अमेरिकियों के लिए योग शारीरिक रूप से फिट रहने का जरिया है, लेकिन यहाँ के एक पादरी ने यह कह कर नई बहस छेड़ दी है कि योग ईसाई धर्म के खिलाफ है. सदियों पुरानी इस पारंपरिक भारतीय पद्धति को अपनाने वाले लोगों का हालाँकि मानना है कि पादरी का दावा बेमतलब है.

मार्स हिल चर्च के मार्क ड्रिस्कोल ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि योग अभ्यास की जड़ें भूत-प्रेतों की दुनिया तक फैली हैं, जिसे ‘पूर्णत: मूर्तिपूजा’ करार दिया जा सकता है.

पादरी का  समर्थन  करते  हुए  साउथन  बैपटिस्ट  थिओलोजिकल  सेमिनरी के अध्यक्ष आर.अलबर्ट मोहलर जूनियर ने हाल में अपने लेखन में कहा कि योग इसाई धर्म के विपरीत है. 

योग करने को लेकर भले ही नई बहस छिड़ी हो, लेकिन लोगों का मानना है कि इस मामले में धार्मिक पुट जोड़ने की जरूरत नहीं है।

ड्रिस्कोल के हवाले से अखबार ने कहा कि क्या इसाई धर्म के अनुयायियों को योग से इसलिए दूर रहना चाहिए क्योंकि इसकी जड़ें भूत-प्रेत तक जाती हैं ? बिलकुल, योग भूत-प्रेतों से जुड़ा है. अगर आप योग कक्षाओं  में  जाना  शुरू  कर  रहे  हैं तो  इसका  तात्पर्य  है  कि  आप  भूत प्रेत से जुड़ी कक्षाओं में  जा  रहे  हैं. कुछ  दिन पूर्व ग्राम चौपाल में  हमने लिखा था कि दुनिया अब भोग से योग की ओर बढ रही है लेकिन इसके ठीक विपरीत पादरी का फरमान जारी हो गया, आगे आगे देखतें है कि पादरी के फरमान का योग के दीवानों पर कितना असर होता है .     00380