जिला सहकारी बैंक
रायपुर का शताब्दी वर्ष

अपनी स्थापना के सौवें वर्ष में प्रवेश करते करते 16 लोगों द्वारा स्थापित यह बैंक आज विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है . जिसकी छाया में लाखों किसान आज सुविधा प्राप्त कर रहे है .यह प्रदेश का सबसे बड़ा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक
है , सहकारी क्षेत्र में इस बैंक का अपना अलग स्थान है. संपूर्ण भारत के
जिला सहकारी
बैंकों में इसका सातवां स्थान है. उस समय किसानों को साहूकारों के चंगुल से
बचाने के लिए इसकी स्थापना की गई थी. तब से यह बैंक
निरंतर उन्नति कर रहा है. कुल 644526 सदस्यों में से 403172 कृषकों को अब
तक किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा चुका है . बैंक की कार्यशील
पूंजी 17 अरब रुपये पहुंच चुकी है यहां पर लाभांश का भी वितरण किया जा रहा
है. समर्थन मूल्य पर 506 धान केन्द्रों में धान की खरीदी की जा रही है. अब
तक 9 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है . छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा
उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2009 में बैंक को ठाकुर प्यारेलाल सम्मान से नवाजा गया .
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बैंक का पंजीयन प्रमाण पत्र |
ऐतिहासिक दस्तावेज सहित महत्वपूर्ण जानकारी.
जवाब देंहटाएंजिला सहकारी बैंक रायपुर के शताब्दी वर्ष में प्रवेश के सुभ अवसर पर सहकारी बैंक रायपुर के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें............!
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