ASHOK BAJAJ |
जून 2010 में हमने 4 पोस्ट लगाये इस बीच पं.ललित शर्मा से मुलाकात हुई उन्होंने ब्लोगिंग के लिए प्रोत्साहित किया, तत्पश्चात हम जुलाई में सक्रिय हुए, जुलाई 2010 में - 21 पोस्ट , अगस्त 2010 में - 33 पोस्ट, सितम्बर 2010 में - 22 पोस्ट तथा अक्तूबर में अभी तक 17 पोस्ट लगायें हैं. सितम्बर में अधिकांश समय बाहर रहना पड़ा इसीलिए पोस्ट कम आये, वरना मेरा प्रयास रहता है कि हर रोज एक पोस्ट जरूर लगे. हमने पर्यावरण पर सर्वाधिक लेख लिखे है. इसके अलावा देश विदेश के ताजा घटनाक्रमों को स्थान दिया .धर्म, योग, राजनीति, संचार के अलावा स्वामी विवेकानंद, मुंशी प्रेमचंद, पं. दीनदयाल उपाध्याय, राजर्षि पुरूषोत्तमदास टंडन, पं. श्रीराम शर्मा, संत कबीर एवं महात्मा गांधी के प्रेरणा दायी विचारों को समाहित करने का प्रयास किया है. दो-चार छत्तीसगढ़ी एवं हिन्दी गीतों की पुष्प भी ब्लॉग में चढाई. नशाखोरी, महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी आपका ध्यान आकृष्ट किया इसके अलावा देश के मान-सम्मान से जुड़ी कुछ खबरों को भी आप तक पहुचानें का प्रयास करता रहा हूँ. पहले ashokbajaj99.blogspot.com था एक दिन ललित ने डोमेन कर http://www.ashokbajaj.com/ कर दिया तब से चिट्ठाजगत में सक्रियता में हमारी सीनियारिटी मारी गई. पहले हम सक्रियता क्रमांक 192 तक पहुँच चुके थे लेकिन अब हमारी सक्रियता क्रंमाक - 381 है.
ब्लोगिंग अपने विचारों एवं भावनाओं को प्रगट करने का सस्ता एवं सर्वोत्तम माध्यम है, हमने 150 दिनों में इसका खूब उपयोग किया. इसके माध्यम से देश -विदेश के अनेक नए मित्रों से परिचय भी हुआ, ब्लोगिंग की दुनिया के अनेक सितारों के बारे में जानकारी मिली. ग्राम चौपाल को अधिकाधिक लोगों ने पसंद किया. ब्लॉग जगत के बाहर भी इसकी गूंज सुनाई पड़ी.
इसके चक्कर में मेरी दिनचर्या पर प्रतिकूल असर भी पड़ा है. दिन भर की व्यस्तता के बाद पोस्ट लिखने के लिए देर रात तक जागने की बुरी आदत जो पड़ने लगी है. सुबह 7 बजे के बजाय 9 बजे उठना पड़ता है. सुबह के अनेक काम प्रभावित होने लगे है. इस सबके बावजूद मैं आपके साथ मजबूती से खड़ा हूँ. आपका स्नेह भरा कमेन्ट मुझे ब्लोगिग मुझे ब्लॉगिंग के क्रीज पर जमे रहने के लिए प्रेरित करता है.
आभार ! धन्यवाद !! वंदेमातरम !!!
आपका - अशोक बजाज रायपुर छत्तीसगढ़, (ashok bajaj raipur )