धान का कटोरा गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी लहलहा रहा है, पिछले वर्ष धान के रिकार्ड उत्पादन के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को पुरष्कार दिया था. ईश्वर ने चाहा तो इस साल भी रिकार्ड बनेगा. खरीफ सीजन की धान की फसल पकने को तैयार है. कुछ ही दिनों में काटने लायक हो जायेगी. सितंबर के महीने में
ही धान की बालियों में दूध भर आया था जो धीरे धीरे चांवल के रूप में
तब्दील हो जाता है. दूध भर आने के बाद धान की बालियाँ झुक जाती है. प्राथमिक शाला में पढाया भी जाता है ---
फूलों से नित हंसना सीखो, भौरों से नित गाना ;
फल से लदी डालियों से, नित सीखो शीश झुकाना ;
मैं नेत्र दान शिविर में भाग लेने दो दिन पूर्व चंपारण गया था तो उस गाँव के प्रगतिशील युवा कृषक श्री शोभाराम साहू के आग्रह पर फसल का अवलोकन करने उसके खेतों में पहुँच गया, वे लगभग 16 एकड़ भूमि में नई तकनीक से
खेती करते है. उनके खेतों में धान के अलावा गन्ने की फसल भी लहलहा रही है. कुछ हिस्से में साग-सब्जी भी है . उनके प्लाट में विद्युत् पंप भी है. बड़ी मुश्किल से पानी मिला है. पानी के अभाव में उन्होंने कुछ वर्षों से
खेती से किनारा कर लिया था. बोरवेल फेल हो जाते थे. किसी की सलाह पर
उन्होनें नया बोर कराया तो भरपूर पानी मिल गया. फिर क्या था , खेती की
तरफ उनका रुझान फिर बढ़ गया. अब तो खेती की बदौलत लाखों कमा रहें है. धान
के अलावा गन्ने की चिल्हर बिक्री से प्राप्त आय से वे काफी संतुष्ट है, साग सब्जी और फलों से भी उन्हें काफी पैसा मिल जाता है . इस कार्य के लिए
उन्हें 8 - 10 मजदूर स्थाई रूप से मिल गए है जो बारहों महीने काम पर आते है
.
धान की लहलहाती फसल |
गन्ने की फसल को दिखाते हुए युवा कृषक श्री शोभाराम साहू |
गन्ने की नई फसल को निहारते हुए |
उम्मीद तो यही है, फ़सल अच्छी हो। शोभाराम के खेतों की फ़सल अच्छी दिख रही है।
जवाब देंहटाएंकुसियार बर
जवाब देंहटाएंछा के पुराने दिन याद आ गए.
कामयाबी की शानदार कहानी . आभार . आपको और शोभाराम जी को शारदीय नवरात्रि और महाष्टमी पूजन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंलहलहाती फसल देख मन प्रसन्न हो गया।
जवाब देंहटाएंमन प्रसन्न हो गया।
जवाब देंहटाएंdhan ke ek lahlahate khet me hare rang ki utni hi vividh chhata bikheri hoti hai jitni vividhata chhattisgarh me dhan ki prajatiyo me hai.
जवाब देंहटाएंfasal ka sath sath paryawaran ka saraxkin bhi hoga
जवाब देंहटाएंgood work for prayawaran
जवाब देंहटाएं@ n s rautela ji,
जवाब देंहटाएंसुझाव के लिए आपको धन्यवाद .
hamara paryawaran sadev hara bhara bana rahega agar har manushya ek sankalp karle.
जवाब देंहटाएंhamara paryawaran sadev hara bhara bana rahega yadi har ek manushya sankalp kar le.
जवाब देंहटाएंफूलों से नित हंसना सीखो, भौरों से नित गाना ;
जवाब देंहटाएंफल से लदी डालियों से, नित सीखो शीश झुकाना
मान्यवर, इस कविता के कवि का नाम जानना चाहता हूँ. कृपया बताएं.
ashok267@gmail.com
अशोक गुप्ता
hariyali dekh kar accha laga
जवाब देंहटाएंkheth dekh kar accha laga
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