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28 अगस्त, 2010

पर्यावरण संरक्षण पर एक अनुकरणीय अभियान


जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में स्कूली बच्चो की भूमिका पर जागरूकता कार्यक्रम
                                  स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर समस्या के चलते जीवन संकटमय हो गया है। इस संकटपूर्ण स्थिति में कारगर उपाय करके ही पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ-साथ व्यापक संख्या में वृक्षारोपण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणाम आज गंभीर चुनौती के रूप में हमारे सामने हैं। इस चुनौती का सामना करने के लिए हर व्यक्ति को एक-एक पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। श्री अग्रवाल आज राजधानी रायपुर के नजदीक माना बस्ती के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल परिसर में आयोजित 'जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में स्कूली बच्चों की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
                             इस कार्यक्रम का आयोजन स्कूल शिक्षा विभाग, आई.ए.एस.आर.डी. तथा भू-विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना है। इसके प्रथम चरण में रायपुर जिले के सात विकासखण्डों के 50  स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन ५०   स्कूलों में होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से ढाई सौ स्कूलों के बच्चों को पर्यावरण संरक्षण अभियान से जोड़ा जाएगा। माना बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में आस-पास के सात स्कूलों के बच्चे शामिल हुए। इन बच्चों को एक-एक पौधा दिया गया। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने इन बच्चो को उन्हें दिए गए पौधे को उपयुक्त स्थान पर रोपित कर आजीवन उसकी सुरक्षा करने तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए सचेत रहकर समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करने की शपथ दिलायी।

                           
                                        स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज प्राकृतिक जंगल उजड़ते जा रहे हैं और कांक्रीट के जंगल घने होते जा रहे हैं। विभिन्न उद्योगों की निरन्तर स्थापना,  पेड़-पौधों की अंधा-धुंध कटाई, जमीन के अंदर के पानी के अनियंत्रित दोहन तथा पानी के बेहिसाब उपयोग के कारण पर्यावरण गंभीर रूप से प्रदूषित हो गया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि गांवों में भी आज पेयजल और निस्तारी के लिए पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सम्पदा की दृष्टि से सौभाग्यशाली है। प्रदेश के कुल क्षेत्रफल के 50 प्रतिशत से अधिक हिस्से में जंगल है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के चलते हमारे प्रदेश में भी पर्यावरण प्रदूषण की समस्या तेजी से बढ़ रही है। नयी पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने हमें अभी से पर्यावरण संरक्षण के लिए कारगर उपाय करना होगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.  रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में इन दिनों हरियर छत्तीसगढ़ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत प्रदेश में सात करोड़ से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। पुराने तालाबों की साफ-सफाई और नये तालाबों का निर्माण भी इस अभियान के तहत किया जा रहा है।


                                            स्कूल शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में स्कूली बच्चों को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य उनमें जागरूकता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत बाद में जिला स्तर पर स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताएं होंगी। इनके विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रकृति की पूजा हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। विभिन्न धार्मिक पर्वो पर नीम, पीपल, वट के अलावा अन्य वृक्षों की पूजा की जाती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन के लिए हर आदमी को पेड़-पौधों की सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए। जिला पंचायत रायपुर के पूर्व अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के मन में प्रदूषण के खिलाफ विचार पैदा करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। पर्यावरण का संरक्षण हमारे संस्कार में शामिल होना चाहिए। प्रत्येक स्कूली बच्चे को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर कार्य करना है। विधायक श्री नन्दकुमार साहू,  जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, पर्यावरण विद् श्रीमती लीला मेहदले, आई.ए.एस.आर.डी. के डॉ. के.डी. गुप्ता और डॉ. इंदिरा मिश्रा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला पंचायत रायपुर के उपाध्यक्ष श्री परमेश्वर यदु सहित अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक-शिक्षिकाएं और स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
                                  स्कूल शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कार्यक्रम में साहित्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने निर्धन छात्र कोष से दस स्कूली बच्चों को आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की। श्री अग्रवाल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल माना बस्ती की प्रशंसा करते हुए स्कूल में कम्प्यूटर लैब स्थापित करने,  बालिकाओं के लिए कॉमन रूम बनवाने तथा बाउण्ड्री वाल निर्माण की स्वीकृति दी।dpr news  00240