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26 अगस्त, 2012

तप-साधना का मौसम



श्रीमती शैलादेवी की कठिन तपस्या को नमन
रसात का मौसम तप, साधना और उपवास के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है . जैन संप्रदाय में पर्यूषण पर्व का बहुत महत्व  है. इस पर्व में समाज कल्याण के लिए तरह तरह से तप किया जाता है. सौभाग्य से 25 अगस्त को मुझे नवापारा नगर की श्रीमती शैलादेवी सांखला से मिलने का अवसर मिला. वह पिछले एक माह से उपवास कर रही है , उपवास भी साधारण उपवास नहीं बल्कि पूरे एक माह तक उसने अन्न का पूरी तरह त्याग किया . इस बीच वह केवल गुनगुना पानी ही पी रही थी वो भी केवल दिन में . ऐसी तपस्या कोई असाधारण मनुष्य ही कर सकता है . श्रीमती शैला देवी ने 21 वी सदी में भी धर्म के प्रति आस्था व समर्पण के भाव को जागृत कर अनुकरणीय काम किया है. आशा है कि उनकी तप व साधना से संपूर्ण चराचर आलोकित होगा. इस पुनीत कार्य के लिए उन्हें साधुवाद तथा सांखला परिवार को हार्दिक बधाई !


श्रीमती शैलादेवी के माता-पिता ने भी आकर उसे शुभकामनाएं दी. साथ में उसका पुत्र भी परिलक्षित हो रहा है