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24 अगस्त, 2015

प्रधानमंत्री के ’मन की बात’ ने बढ़ाया रेडियो का महत्व

श्रोता दिवस पर रायपुर में अखिल भारतीय रेडियो श्रोता सम्मेलन संपन्न

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 20 अगस्त 2015 को छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ द्वारा ’श्रोता दिवस’ के अवसर पर यहां अखिल भारतीय श्रोता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सहित हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों के रेडियो श्रोता संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में रेडियो श्रोताओं को छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिकाएं भी वितरित की गई। 

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूचना क्रांति के इस आधुनिक युग में टेलीविजन और इंटरनेट जैसे संचार संसाधनों में वृद्धि के बावजूद रेडियो की महत्ता और प्रासंगिकता आज भी कायम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने मन की बात कहने के लिए रेडियो को चुना है। उनके द्वारा आकाशवाणी से ’मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए हर महीने देश की जनता को सम्बोधित करने की जो शुरूआत की गई है, उससे भारत में रेडियो का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। यह हम सबके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। श्री बजाज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रेडियो श्रोता भी प्रधानमंत्री के ’मन की बात’ बड़े चाव से सुनते हैं। उन्होंने कहा कि रेडियो की महत्ता को खत्म करने के सारे कुचक्र फेल हो गए हैं। रेडियो अपने नये रूप में एक बार फिर लोकप्रियता हासिल करने लगा है। श्री बजाज ने कहा कि भारत में प्रथम रेडियो प्रसारण स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों द्वारा 20 अगस्त 1921 को हुआ था। इस दिन को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के रेडियो श्रोताओं द्वारा विगत दस वर्षों से लगातार हर साल ’श्रोता दिवस’ और श्रोता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 

 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ संपादक श्री नीलकण्ठ पारटकर ने कहा कि आधुनिक समय में रेडियो का महत्व न तो कभी कम हुआ है और न कभी कम होगा। रेडियो गांव में, नाव में और कहीं भी, कभी भी सुना जा सकता है। रेडियो देश की रक्षा के लिए सरहदों पर मोर्चे पर तैनात हमारे वीर जवानों का भी साथी है। सम्मेलन को विशेष अतिथि की आसंदी से विविध भारती (मुम्बई) के वरिष्ठ उदघोषक श्री अशोक सोनावाणे ने भी सम्बोधित किया। उनके अलावा आकाशवाणी रायपुर के उदघोषक श्री दीपक हटवार, हिन्दी और छत्तीसगढ़ी के लोकप्रिय कवि श्री रामेश्वर वैष्णव, वरिष्ठ रंगकर्मी श्री चंद्रशेखर व्यास और आकाशवाणी अम्बिकापुर के उदघोषक श्री शोभनाथ साहू सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर लगभग 109 बार रक्तदान कर चुके श्री विनोद माहेश्वरी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। देहदान की घोषणा करने वाले सर्वश्री रतन जैन, विनय शर्मा और परसराम साहू भी सम्मानित किए गए। अनेक वरिष्ठ और सक्रिय रेडियो श्रोताओं को भी सम्मानित किया गया। श्रोताओं और उदघोषकों के बीच रेडियो कार्यक्रमों को लेकर परस्पर दिलचस्प बातचीत भी हुई। फरमाइशी गीतों के कार्यक्रमों में अपना नाम शामिल नहीं किए जाने को लेकर आत्मीय शिकायतें भी कुछ श्रोताओं ने रखी। उदघोषकों ने इसे रेडियो के प्रति श्रोताओं के गहरे जुड़ाव का परिचायक बताया। 

छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष श्री परसराम साहू, सचिव श्री विनोद वंडलकर सहित सर्वश्री रतन जैन, मोहन देवांगन, कमल लखानी, डॉ. प्रदीप जैन, कमलकांत गुप्ता, सुरेश सरवैया, पुरूषोत्तम सिंह, कांतिलाल बरलोटा, हरमिंदर सिंह चावला, चंद्रपाल सिंह, आर.सी. कामड़े, दिनेश वर्मा, भागवत वर्मा, ईश्वरी प्रसाद साहू, दुर्गाराम साहू, लक्ष्मण सिंह, रमेश यादव, धरमदास वाधवानी, प्रदीप चंद, तुकाराम कंसारी, श्रीमती वीणा वंडलकर, श्रीमती कोकिला जैन, श्रीमती रवीना लखानी, वाराणसी (उत्तरप्रदेश) के सर्वश्री बबलू आम्रवंशी, मुस्ताक सुलेमानी, आजान कुमार सिंग, सरीफुद्दीन अंसारी, रोहतक (हरियाणा) के श्री महेन्द्र शाह, सागर (मध्यप्रदेश) के श्री चंद्रेश गौहर और कटनी(मध्यप्रदेश) के श्री अनिल ताम्रकार भी सम्मेलन में उपस्थित थे। 

वरिष्ठ श्रोताओं का सम्मान