पुलवामा में 14 फरवरी को भारतीय सेना पर आतंकी हमले में 45 जवानों के शहीद होने के बाद पूरे भारत के लोगों में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा भड़क गया है. पाकिस्तान शुरू से ही आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है. पाकिस्तान संरक्षण में ही पूरी दुनिया में आतंकवाद पनप रहा है. यदि यह कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पाकिस्तान आतंकवादियों का पनाहगार बन चुका है. पुलगामा अटैक के बाद आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम छेड़ने के अलावा भारत के पास कोई विकल्प भी नहीं था. भारतीय सेना को दाद देनी पड़ेगी कि उन्होंने पुलगामा अटैक के 100 घंटे के अंदर घाटी में सर्च ऑपरेशन कर आतंवादियों को मार डाला. फिर भी देश का गुस्सा शांत नहीं हुआ. फलस्वरूप भारतीय सेना ने 26 फरवरी को सर्जिकल स्ट्राइक कर पाक सीमा के मुजफ्फराबाद, चकोटी और बालकोट में लश्कर, जैश और हिजबुल के कैंपों को तबाह कर दिया. इस घटना से भी पाकिस्तान सबक लेने को तैयार नहीं है. पाक सेना ने 27 फरवरी को पुनः एल.ओ.सी. का उल्लघन कर फायरिंग की. कुल मिलकर भारत-पाक के बीच युद्ध जैसी स्थिति निर्मित हो गई है. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के दो सैन्य विमानों को मार गिराया है जिनमें से एक पाक अधिकृत कश्मीर में गिरा जबकि दूसरा जम्मू कश्मीर में गिरा. अधिकारियों ने कहा कि जम्मू के राजौरी सेक्टर में भारतीय हवाई सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 युद्धक विमान को मार गिराया है. झड़प के दौरान एक मिग-21 विमान गिर गया और उसका पायलट लापता है. जैसे ही तनाव बढ़ा नई दिल्ली से उत्तर के समूचे वायुक्षेत्र को कुछ समय के लिये “खाली” करा दिया गया. जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के नौ हवाई अड्डों को सुबह कुछ समय के लिये नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया लेकिन बाद में वहां सामान्य हवाई सेवाएं फिर बहाल कर दी गई. इस बीच भारतीय पायलट अभिनन्दन वर्धमान दुर्भाग्य से पाक सेना के हाथ लग गया है. भारतीय सेना ने साफ चेतावनी दी है कि अभिनन्दन को पाकिस्तान तत्काल भारत को सौंप दें. अंतराष्ट्रीय नियमों के तहत उसे रिहा करना ही होगा. उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने शांति वार्ता पहल कर एक नई चाल चली है. एक तरफ तो वह शांति वार्ता की बात करता है तो दूसरी तरफ एल.ओ.सी. का उल्लंघन कर भारत पर आक्रमण कर रहा है. यह तो "मुख में राम बगल में छुरी" वाली बात है. यह उसकी दो मुँही चाल है. भारत को उसके नापाक इरादों को भांप कर सदैव सतर्क रहना पड़ेगा.