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28 मई, 2011

मनोज चोपड़ा : एशिया के बाहुबली नंबर-1


अदभूत ताकत और गजब की कलाबाजी के जरिये श्री  मनोज चोपड़ा पलक झपकते ही एक मोटी टेलीफोन डायरेक्टरी  को यूँ  फाड़ देते है जैसे कोई सादे कागज का पुर्जा हो  .वे  लोहे के तवे को रोटी की तरह गोल  मोड़ देते है तथा  एक मोटे रबर के ट्यूब को मुहं से फूला कर ऐसे  फोड़ डालते है जैसे कोई बच्चों के खेलने का गुब्बारा हो , इतना  ही नहीं बल्कि  ये महाशय  सड़क में खड़ी  कार या जीप को ऐसे   लुढ़का  देते है जैसे कोई खिलौना हो .  ऐसा करते समय वे अपनी कलाईयों और भुजाओं का बड़े बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते है . लोहे के तवे को मोड़ते समय अपनी जांघों की मदद लेतें है यदि साधारण आदमी ऐसा करे तो शायद उसके जांघों की नसें फट जायेगी लेकिन मनोज चोपड़ा ने ऐसा अभ्यास किया है कि उसके लिए यह करतब बच्चों के खेल के समान है . तभी तो आज वे एशिया के बाहुबली नंबर 1 है  तथा दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्तियों में उनकी गिनती १४ वें नंबर पर होती है .

 श्री मनोज चोपड़ा मूलतः रायपुर छत्तीसगढ़ के निवासी है तथा आजकल वे  बैगलोर में रहते है . साधारण से निवेदन पर ही  वे अपना करतब दिखाने के लिए राजी हो जाते है . वे अभी  तक देश के अनेक हिस्सों में जाकर  हजारो  कार्यक्रम  दे चुके  है .वे कार्यक्रम के बीच  में अपने  खानपान  की  आदतों  के बारे  में बताते  हुए कहते है  कि मै इतना ताकतवर इसलिए हूँ क्योंकि  मैं शराब नहीं पीता या किसी प्रकार का नशापान  नहीं करता  यहाँ  तक  की मैं पान,तम्बाखू  या गुटके  का  सेवन भी  नहीं करता हूँ  .वे अपने कार्यक्रम के माध्यम से  नई पीढ़ी को  नशापान से मुक्त करने का सन्देश देते है .


उनका  प्रदर्शन भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों में हो चुका  है . वे अमेरिका ,कालिफोर्निया आदि देशों में अनेकों प्रदर्शन कर चुके है . वास्तव में मनोज चोपड़ा छत्तीसगढ़  का ही नहीं बल्कि  पूरे देश का गौरव है . हमें उसकी प्रतिभा का  उपयोग नशामुक्ति  के आलावा  देश के नवजवानों  को प्रशिक्षित एवं हृष्ट पुष्ट बनाने में करना चाहिए .