11/11/11 का महासंयोग

भारतीय संस्कृति में कार्तिक मास की पूर्णिमा का धार्मिक एवं आध्यात्मिक माहात्म्य है. दीपावली, यम द्वितीया और गोवर्धनपूजा के अलावा इस मास के सांस्कृतिक पर्वो में यह पर्व असीम आस्था का संचार करता है. वर्ष के बारह महीनों में पंद्रह पूर्णिमाएं होती हैं. जब अधिक मास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 16 हो जाती है परन्तु कार्तिक मास की पूर्णिमा का धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से विशेष महत्व है. इसे त्रिपुरी पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है.
इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे.ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है. इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान तथा दीपदान की प्राचीन परम्परा है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है.
प्रकाश उत्सव
जीती नौखंड मेदनी सतिनाम दा चक्र चलाया ।
भया आनंद जगत बिच कल तारण गुरू नानक आया ।।
कार्तिक पूर्णिमा एवं प्रकाश उत्सव की आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !