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30 जनवरी, 2019

रहिमन और कबीर के प्रासंगिक दोहे

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, 
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
                                                                                      
रहिमन चुप हो बैठिये, देखि दिनन के फेर।
जब नीके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर॥


28 जनवरी, 2019

गणतंत्र दिवस 2019

प्रस्तुत है गणतंत्र दिवस 2019 के कार्यक्रमों की झलकियाँ -  
गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण करते हुए.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में भारत माता की आरती.
                                                                                   
गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में विद्यार्थियों द्वारा स्वलिखित पत्रिका "बाल मित्र" का विमोचन करते हुए.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अभनपुर में श्री विशेष चौरसिया द्वारा लिखित पुस्तक "English Mentor" का विमोचन करते हुए.
                                                                             
गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में छात्र छात्राओं को पुरस्कार वितरित करते हुए.

                                                                               
गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर बस्ती में ध्वजारोहण करते हुए.
                                                                                 
गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर बस्ती में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर बस्ती में आयोजित समारोह में पालकों एवं बालकों के साथ  
                                                                                     
गणतंत्र दिवस के अवसर पर अभनपुर स्टेडियम में ध्वजारोहण करते हुए.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अभनपुर स्टेडियम में ध्वजारोहण करते हुए.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अभनपुर स्टेडियम में ध्वजारोहण करते हुए.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अभनपुर स्टेडियम में ध्वजारोहण समारोह 
                                                                                 
भारत पेट्रोलियम के तत्वावधान में 26 जनवरी को पेट्रोल पंप अभनपुर में आयोजित समारोह में फ्यूल की मात्रा व गुणवत्ता का परीक्षण करते हुए.

भारत पेट्रोलियम के तत्वावधान में 26 जनवरी को पेट्रोल पंप अभनपुर में आयोजित समारोह में फ्यूल की मात्रा व गुणवत्ता का परीक्षण करते हुए.

भारत पेट्रोलियम के तत्वावधान में 26 जनवरी को पेट्रोल पंप अभनपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह. 

भारत पेट्रोलियम के तत्वावधान में 26 जनवरी को पेट्रोल पंप अभनपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह. 
                                                                                                                                                                          

02 जनवरी, 2019

तब आता है नया साल

हम कैलेण्डर में तिथि बदलने की सामान्य प्रक्रिया को नव वर्ष ना समझे. स्वाभाविक रूप से 31 दिसंबर के बाद एक जनवरी ही आएगा. वैसे तो प्रतिदिन सूरज की किरणें नया सन्देश लेकर आती है ठीक वैसे ही 1 जनवरी आया है.  जश्न तो आप बेशक रोज मनाये लेकिन 1 जनवरी को उसी रूप में लें जैसे अन्य दिन को आप लेते है. नया साल अलग अलग लोगों या समूहों के लिए अलग अलग समय में नए एहसास के साथ आता है तब वह झूमता है, नाचता है और खुशिया मनाता है. जैसे कोई सफल विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रवेश लेता है तो उसे नयेपन का अनुभव होता है अथवा कोई विद्यार्थी स्कूल से कालेज के पायदान पर चढ़ता है तो उसे नए पन का एहसास होता है.  इसी प्रकार किसी युवक की जब नौकरी लग जाती है और जिस दिन वह ड्यूटी ज्वाईन करता है उसके नए कैरियर की शुरुवात होती है. यदि किसी नौकरीपेशा आदमी का प्रमोशन हो जाय अथवा कोई शादी के बाद नए वैवाहिक जीवन की शुरुवात करे तो ख़ुशी का एहसास होना लाजिमी है और होता भी है.

व्यापारियों के लिए नया साल दिवाली में आता है जब वे नए सिरे से खाता बही तैयार करते है, किसानों के लिए नया वर्ष नई फसल के साथ आता है. देश के अनेक प्रान्तों में अलग अलग नाम से यह त्यौहार मनाया जाता है जैसे पंजाब में बैसाखी और दक्षिण में पोंगल का त्यौहार नई फसल आने के उमंग में मनाया जाता है. लेकिन एक जनवरी को ऐसा कुछ नहीं होता जिसके कारण हम उसे नए साल का नाम दें. इसके ठीक विपरीत भारत में नया वर्ष चित्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है, प्राकृतिक दृष्टि से यह औचित्यपूर्ण इसीलिये है क्योंकि उस समय नए मौसम यानी बसंत ऋतु का आगमन होता है. खेत खलियान रंगीन फूलों से सजे होते है. सरसों की पीली पीली फूलों एवं टेसुओं की केसरिया फूलों को देखकर मन आनंदित हो उठता है. यह हमें नयेपन का एहसास कराता है. वास्तव में हम सबके लिए नया वर्ष वही है. अतः कैलेण्डर में तिथि बदलने की सामान्य प्रक्रिया को हम केवल उसी रूप में लें जैसे अन्य दिन को लेते है. 
इस संबध में पूर्व में लिखी इस कविता को प्रासंगिक मानकर प्रस्तुत कर रहा हूँ.

कविता / मानवता का धर्म नया है

धूप वही है, रुप वही है,
सूरज का स्वरूप वही है ;
केवल उसका प्रकाश नया है ,
किरणों का एहसास नया है .

दिन वही है, रात वही है ,
इस दुनिया की , बात वही है ;
केवल अपना आभाष नया है ,
जीवन में कोई खास नया है .

रीत वही है, मीत वही है ,
जीवन का संगीत वही है ;
केवल उसका राग नया है ,
मित्रों का अनुराग नया है .

 नाव वही  है, पतवार वही  है ,
बहते जल की रफ़्तार वही है ;
केवल नदी का किनारा नया है ,
इस जीवन का सहारा नया है .

खेत वही है, खलिहान वही है ,
मेहनतकश किसान वही है ;
केवल उत्पादित धान नया है ,
धरती का परिधान नया है . 

मन वही है, तन वही है ,
मेरा प्यारा वतन वही है ;
केवल अपना कर्म नया है ,
मानवता का धर्म नया है .

प्रस्तुतकर्ता - अशोक बजाज