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17 जून, 2011

छत्तीसगढ़ में आंशिक नशाबंदी

त्तीसगढ़ में आंशिक नशाबंदी लागू होने पर छत्तीसगढ़ राज्य बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं संकल्प सांस्कृतिक समिति रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार १६ जून २०११ को शहीद स्मारक भवन रायपुर में आभार एवं अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया . इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने  नशामुक्ति जन-जागरण अभियान में सराहनीय भूमिका के लिए अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया . उन्होंने शराब बंदी के अभियान में सक्रिय सहयोग दे रहे समस्त जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, समाज सेवी संगठनों और महिला संगठनों का भी आभार माना है . कार्यक्रम का संचालन संकल्प संस्था के प्रमुख श्री चुन्नीलाल शर्मा ने किया . आज के आयोजन में उनकी सराहनीय भूमिका थी. 

समारोह में मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित हुए लोगों में राज्य बेवरेजेस कार्पोरेशन के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल, राज्य भण्डार गृह निगम के  अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, पूर्व मंत्री डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव, राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम अध्यक्ष श्री श्याम बैस, संकल्प सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष श्री अशोक चौधरी, प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सरिता बहन और सचिव आबकारी श्री गणेश शंकर मिश्र भी शामिल थे .मुख्यमंत्री ने इनके अलावा अन्य अनेक संस्थाओं को भी प्रशस्ति-पत्र भेंटकर सम्मानित किया .

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी शराब दुकानों को एक साथ बंद करने में आ रही व्यावहारिक  कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने इसे  चरणबध्द तरीके से  बंद करने का निर्णय लिया  है.  उन्होंने कहा कि शराबबंदी के साइड इफेक्ट के रूप में अक्सर अवैध और जहरीली शराब के प्रकरण भी देश के कई राज्यों में सामने आते रहे हैं. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की ओर कदम बढ़ाया है . शराब की तस्करी रोकने और सार्वजनिक स्थानों पर शराबखोरी पर अंकुश लगाने के लिए भी कठोर कदम उठाए गए हैं . इस कार्य में जनता और जन-प्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों और महिला संगठनों का भी सहयोग लिया जा रहा है . मुख्यमंत्री ने डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव के अध्यक्षीय उदबोधन पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि वास्तव में तमिलनाडु में तो अकेले शराब से ही लगभग दस हजार करोड़ रूपए का आबकारी राजस्व वहां की सरकार को मिलता है . इसी तरह कई अन्य राज्यों में वहां के राजस्व का काफी बड़ा हिस्सा आबकारी से ही आता है . लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब के राजस्व का नुकसान सहकर भी राज्य में नशाबंदी लागू करने की मानसिकता बनाकर इसका संकल्प भी लिया है .  मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्त समाज बनाकर ही हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं .उन्होंने कहा कि  शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर कम करने, कैंसर, एड्स आदि गंभीर बीमारियों से लोगों के जीवन की रक्षा करने और एक स्वस्थ सामाजिक वातावरण निर्माण में शराबबंदी की अहम भूमिका होगी.

हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 अप्रेल 2011 से 2000 की आबादी वाले गाँवों की शराब दूकानों को एक झटके में बंद कर दिया है . उस समय हमने कहा था  ......... 
छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा नशा मुक्त छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए पहले कदम के रूप में दो हजार से कम जनसंख्या वाले गांवों में शराब की 250 दुकानों को बंद करने के निर्णय का स्वागत किया है .श्री बजाज ने इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी है और कहा है कि उनके इस निर्णय से राज्य को 'स्वस्थ और समृध्द छत्तीसगढ़' के रूप में विकसित करने का मार्ग आसान हो जाएगा .श्री बजाज ने यह भी कहा कि रमन सरकार का यह निर्णय राज्य और समाज को नशे की गिरफ्त से बचाने की दिशा में एक ठोस कदम है.  उन्होंने कहा कि नशे की सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने की राज्य सरकार की मंशा को सफल बनाने के लिए प्रदेशवासियों को भी आगे आना होगा. श्री बजाज ने रायपुर जिले में ' नशा हे खराब-झन पीहू शराब ' के अपने लोकप्रिय नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि इस नारे के साथ जिले में शराब के खिलाफ जन-जागरण का उनका अभियान आगे भी जारी रहेगा .