भारत और चीन ने हिमालय की विवादास्पद सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए एक पैनल बनाया है. हिमालय की यही सीमा भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध का कारण बनी थी.
साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर शांति के लिए पैनल बनाने का फैसला आज 15वीं बार हुई बैठक में लिया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा सचिव शिवशंकर मेनन और चीनी स्टेट काउंसलर दाई बिंगुओ के बीच यह बातचीत नई दिल्ली में हुई. समझौते के तहत भारत चीन के सीमाई इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए एक सिस्टम बनाया जाएगा जो अहम सीमाई मुद्दों को सुलझाएगा.
इसका यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए की चीन अपने पुराने रवैये से पीछे हट रहा है . चीन आज दुनिया के सबसे ताकतवर देश बनने का ख्वाब देख रहा है .इस स्थिति में वह भारत से अपनी पुरानी दुश्मनी को ख़त्म करने के लिए कदापि तैयार नहीं होगा अतः भारत को चीन के झांसे में नहीं आना चाहिए .
ऐसा लगता है कि विश्व में अपने बढते प्रभाव से फूला हुआ चीन एक और युद्ध की भूमिका बना रहा है। ऐसे में भारत सरकार का सेनाध्यक्ष की जन्मतिथि के विवाद में फंसना क्षोभजनक है।
जवाब देंहटाएंऐसा ही कुछ लग रहा है, संभलकर ही रहना होगा..
जवाब देंहटाएं