आज माघ शुक्ल की पंचम तिथि यानी बसंत-पंचमी है, बसंत पंचमी के आते ही बसंत ऋतु का शुभारंभ हो जाता है . बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है क्योकि इस मौसम में रंग बिरंगे फूल खिलने से बागों में बहार आ जाती है .खेतों में सरसों के पीले पीले फूल खिलने से किसानों का दिल भी खिल जाता है . आम के पेड़ों में बौर आ जाते है . पतझड़ भी शुरू हो जायेगा लेकिन वृक्षों में नई-नई पत्तियां भी आ जायेगीं . पतझड़ के बाद बसंत यह प्रकृति की विचित्र लीला है .बसंत ऋतु में फिल्म पूरब-पश्चिम का गीत " पुरवा सुहानी आई रे पुरवा ...... " की याद बरबस ही आ जाती है .बसंत-पंचमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाओं के साथ आईये आप भी इस गीत का आनंद लीजिये ----
स्वागत बसन्त रे..
जवाब देंहटाएंशहरों में कैलेंडर से ही पता चलता है कि बसंत आ गया.
जवाब देंहटाएंहमे कल ही पता चला कि वसंत आ रहा है, हसदा के पास सरसों पीली हो रही है।
जवाब देंहटाएंवसंत पंचमी की शुभकामनाएं
बसंत-पंचमी एवं विद्या की देवी सरस्वती जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें..........!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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