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21 अक्तूबर, 2017

दीप पर्व

ना जाने इस जिन्दगी की राह में, 
कब कौन अकेला हो जाये ! 
जलाओ एक दोस्ती का दीप ऐसा कि 
हर तरफ सवेरा हो जाये ! 
                                    - अशोक बजाज