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11 अगस्त, 2011

सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया .

सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया .

खेतों की हरियाली को ,
किसानों की खुशहाली को ;
तूने बहुत हताश किया .
सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया .


रूठे बादलों को मनाने का ,
हवाओं को  फुसलाने का  ;
क्यों नहीं प्रयास किया ,
सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया .


अब तू जाने वाला है ,
पड़ गया सूखे से पाला है ;
क्यों हमने तुम पर आस किया ?
सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया .