भारत में रेडियो के बढ़ते कदम

भारत में 23 जुलाई 1927 को प्रायोगिक तौर पर प्रसारण शुरू किया गयां उस समय की भारत सरकार एवं इंडियन ब्राडकास्टिंग लिमिटेड के बीच समझौते के तहत रेडियो प्रसारण प्रारंभ हुआ। यह कंपनी 1930में निस्तारण में चली गई तो इसका राष्ट्रीयकरण कर ”इंडियन ब्राड कास्टिंग कारपोरेशन रखा गया। आजादी के बाद 1956-57 में इसका नाम आल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी रखा गया। जहां तक आकाशवाणी का सवाल है,आजादी के समय 1947 में इसका केवल 6 केन्द्रों एवं 18 ट्रांसमीटरों का नेटवर्क था तथा उसकी पहुंच केवल 11 प्रतिशत लोगों तक थी। आज आकाशवाणी के 231 केन्द्र तथा 373 ट्रासमीटर है तथा इसकी पहुंच 99 प्रतिशत लोगों तक है। भारत जैसे बहु संस्कृति,बहुभाषी देश में आकाशवाणी से 24भाषाओं में इसकी घरेलू सेवा का प्रसारण होता है। आकाशवाणी मिडियम वेव, शार्ट वेव एवं एफ.एम के माध्यम से प्रसारण सेवा प्रदान करती है।
तब और अब में आज कितना फर्क हो गया है। एक समय था जब रेडियो ही संचार का प्रमुख साधन था लेकिन आज जमाना बदल गया है। धरती के एक छोर से दूसरे छोर तक बैठा व्यक्ति सतत् एक दूसरे के संपर्क में रहता है। दुनिया के किसी भी कोने में कोई भी घटना हो पलभर में सभी जगह प्रसारित हो जाती है। तेज गति से चल रहे इस कॉलखण्ड में रेडियो की बात बड़ी असहज लगती होगी लेकिन यह सच है कि किसी जमाने में रेडियो की अपनी अलग ही शान थी। रेडियो रखना, रेडियो सुनना और रेडियो के कार्यक्रमों में भाग लेना गौरव की बात होती थी। टेलीविजन के आने के बाद रेडियो श्रोताओं में कमी आई है लेकिन एफ.एम के आने के बाद अब पुनः रेडियो के दिन लौट रहे हैं।
आजादी के बाद रेडियो का इतिहास सरकारी ही रहा है। भारत में रेडियो सरकारी नियंत्रण में ही रहा है। आम आदमी को रेडियो चलाने की अनुमति हेतु अनेक क्षेत्रों से दबाव आया। सन् 1995 में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि रेडियो तरंगों पर सरकार का एकाधिकार नहीं है। सन् २००२ में एन.डी.ए.सरकार ने शिक्षण संस्थानों को कैंपस रेडियो स्टेशन खोलने की अनुमति दी। उसके बाद 2006 में शासन ने स्वयंसेवी संस्थाओं को रेडियो स्टेशन चलाने की अनुमति दी। परंतु इन रेडियो स्टेशनों से समाचार या सम-सामयिक विषयों पर चर्चा के प्रसारण पर पाबंदी है। फिर भी यह रेडियो जगत के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
बहरहाल आकाशवाणी नें 23जुलाई 1927 से अब तक 83 वर्ष कि यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की है तथा तमाम अवरोधों के बावजूद वह पूरी गति के साथ आगे बढ़ रही है आकाशवाणी परिवार के साथ साथ सभी श्रोताओं को प्रसारण दिवस की हार्दिक बधाई