जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायपुर का शताब्दी समारोह
एकीकृत एवं गहन खेती को बढ़ावा दें किसान : राज्यपाल
राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने कहा कि किसान विस्तृत खेती से गहन खेती की ओर
आगे बढ़े और खाद्यान्न उत्पादन के साथ कृषि से जुड़े पशुपालन, मत्स्यपालन,
डेयरी विकास, फल एवं फूलों की खेती को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि अपने
उत्पादों के रख-रखाव और कृषिगत वस्तुओं की मांग वाले क्षेत्रों में भेजने
की पर्याप्त व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान केंद्रीत करना चाहिए। राज्यपाल
श्री दत्त आज यहां रायपुर में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित की
स्थापना के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सहकारिता
मंत्री श्री ननकीराम कंवर विशेष रूप से उपस्थित थे। राज्यपाल ने
किसानो से एकीकृत खेती करने पर जोर दिया और कहा कि प्रदेश में कृषि सहित
अन्य क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं है, जिनका समुचित लाभ लेने के
लिए प्रतिबध्द प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी देश की
मजबूती उसकी फौज में नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की मजबूती और ताकत में निहित
है और हमें अपना ध्यान समाज, प्रदेश और देश के प्रत्येक व्यक्ति की खुशहाली
और आर्थिक सम्बलीकरण पर केंद्रीत करना होगा। उन्होंने किसानों से जल और
जमीन का खेती सहित अन्य कार्यों में अधिकतम उपयोग करने का आहवान किया और
कहा कि फसलों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने हेतु कृषिगत व्यवस्थाओं को
शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता है। राज्यपाल श्री दत्त ने कहा कि किसानों
सहित अन्य संस्थाओं द्वारा खाद्यान्न एवं फसलों के सुरक्षित रख-रखाव तथा
भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि से
जुड़ी हर व्यवस्था की श्रृंखला अटूट और मजबूत होनी चाहिए। ताकि कृषि कार्य
में किसी प्रकार का कोई अवरोध न हो सके। श्री दत्त ने कहा कि
सहकारिता हमारे जीवन से जुड़ा है और इन कारणों से छत्तीसगढ़ में सहकारिता के
लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की महान एवं
दूरदर्शी विभूति श्री वामन बलीराम जी लाखे ने विपरित परिस्थितियों में
किसानों की कृषिगत सुविधा के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित की
स्थापना 43 हजार रूपए की राशि से की, जो अब लगभग 1 हजार सात सौ करोड़ रूपए
की कार्यशील पूंजी हो गयी है और इसका लाभ क्षेत्र के किसानों को मिल रहा
है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले सहकारिता के क्षेत्र सहित
किसानों की ऋण और वित्तीय व्यवस्था के लिए यह एक बड़ा कदम था, जो इन
विभूतियों की विकास के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी और दायित्वों के प्रति
उनके कार्यों का अहसास कराता है। श्री दत्त ने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान
राज्य है, जहां के 75 प्रतिशत लोग खेती से जुड़े हैं। ऐसी खेती को
सुव्यवस्थित करने के लिए अर्थपूंजी की आवश्यकता है। उन्होंने सहकारिता
आंदोलन से जुड़े सभी पदाधिकारियों और किसानों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री श्री ननकीराम कंवर ने जिला सहकारी केंद्रीय
बैंक मर्यादित के सभी पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि
आज सहकारिता ने नई उंचाईयों को स्पर्श किया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता
के माध्यम से गांव के गरीब और किसानों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
पहुचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी
समितियों के माध्यम से किसानों को खाद बीज सहित ऋण वितरण का कार्य किया
जाता है, इसके साथ गुजरात की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में डेयरी विकास के कार्य भी
किया जाना चाहिए, ताकि गावं के गरीबों की माली हालत के मजबूत किया जा सके।
कार्यक्रम में राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने कहा कि
बैंक अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर रहा है और इस अवधि में किसानों के
हितों से जुड़े कार्यो को मुकाम तक पहुचाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि
श्री वामन बलीराम जी लाखे द्वारा स्थापित सहकारी बैंक आज किसानों को ऋण
उपलब्ध कराने के साथ-साथ समितियों के माध्यम से धान खरीदी जैसी किसान और
शासन की महती व्यवस्था में जुड़ा है। उन्होंने इस बैंक के संस्थापक श्री
वामन राव जी लाखे की स्मृति में डाक टिकट जारी करने की मांग की। इस अवसर पर
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के अध्यक्ष श्री योगेश
चंद्राकर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस बैंक के माध्यम से
क्षेत्र के किसानों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने
बताया कि बैंक के संचालक मंडल ने किसानों के जीवन स्तर को उंचा उठाने हेतु
ग्रामीण जीवन आवास योजना सहित किसानों के पुत्रों को शिक्षा एवं स्वरोजगार
ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी बताया सामाजिक
दायित्वों के तहत निराश्रितों के पेंशन भुगतान के लिए काउन्टर की व्यवस्था
की गई है। राष्ट्रीयकृत बैंकों के समान जिले के सभी सहकारी बैंकों को
कम्प्युट्रीकृत कर कोर बैंकिंग सेवा प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया
है। इससे पहले राज्यपाल श्री दत्त ने श्री वामन बलीराम जी लाखे के
चित्र पर माल्यार्पण किया। श्री दत्त ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक
मर्यादित रायपुर के पूर्व पदाधिकारियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए
सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के
पूर्व अध्यक्ष मो. अकबर, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री महावीर राठौर,
सहकारी बैंक के संचालक मंडल के सदस्यों सहित पूर्व अध्यक्षगण एवं बड़ी
संख्या में किसान उपस्थित थे।
सहकारी बैंक के साथ इतिहास के कई गौरवशाली पृष्ठ जुड़े हैं.
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