समूची दुनिया में विशुद्ध पेयजल का अभाव बना हुआ है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से यह संकट दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. नलों एवं बाजार से खरीदे गए बंद बोतलों का पानी पीने के लिए कितना प्रमाणित है यह बताने की आवश्यकता नहीं है.
बहरहाल हमारे वैज्ञानिकों ने अब हवा से पेयजल बनाने की विधि ढूंढ निकाली है. देश में पहली बार ऐसी तकनीक विकसित हुई है, जिसमें स्वयं हम अपने किचन में हवा से पीने का पानी बना सकते हैं. वैसे भी पानी का निर्माण दो भाग हाईड्रोजन और एक भाग आक्सीजन से होता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे H2O कहा जाता है.
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पुणे की कंपनी "टैप इन एयर" ने इस तकनीक से उन रसोईघरों में भी पेयजल उपलब्ध कराने की मशीन बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है, जहां घरों में पीने का पानी ही उपलब्ध नहीं है. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा आयोजित सृजन भारत कार्यक्रम एवं प्रदर्शनी में इस कंपनी के प्रबंधक श्री आनंद दाते के अनुसार भारत में अमेरिकी तकनीक से 2-3 वर्षों से हवा से पानी बनाने का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है पर रसोई घर में हवा से पानी बनाने की स्वदेशी तकनीक हमने देश में निर्मित की है. इसके जरिये कोई भी व्यक्ति अपने किचन में हवा से पेयजल बना सकता है. इसकी छोटी मशीन दिसंबर के अंत तक लांच करने की बात कही जा रही है. अभी जिस अमेरिकी मशीन से हवा से पानी भारत में बनाया जा रहा है, उसकी कीमत 15 लाख रुपए है, महंगी होने के कारण इस मशीन का उपयोग जनसामान्य के बजाय केवल दफ्तरों या कॉर्पोरेट हाउस में ही किया जाना संभव है.
घरों में निजी इस्तेमाल के लिए एक छोटी मशीन टीआईए 30 स्वदेशी तकनीक से बनाई जा रही है, जिसकी कीमत 55 हजार रुपए होगी. इस मशीन से एक यूनिट बिजली खर्च कर प्रतिदिन 30 लीटर पानी हवा से बनाया जा सकता है.