ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

10 अगस्त, 2023

'हमर सियान हमर अभिमान'

महाराष्ट्र के राज्यपाल माननीय रमेश बैस जी का नागरिक अभिनन्दन 



सरल, सहज, मिलनसार एवं कर्मठ राजनीतिज्ञ एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस हर वर्ग में लोकप्रिय हैं. उन्होंने 1978 में पार्षद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुवात की तत्पश्चात 1980 में मंदिरहसौद विधानसभा से चुनाव जीत कर मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए।  वे 1989 में रायपुर से 9वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में पहली बार निवाचित हुए तत्पश्चात 1996 में 11वीं, फिर  12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा में लगातार चुने गए. उन्होंने श्री अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में इस्पात एवं खान, रसायन और उर्वरक, सूचना और प्रसारण जैसे विभिन्न विभागों को संभाला और पर्यावरण व वन तथा खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में भी कार्य किया। 15वे लोकसभा में वे भाजपा संसदीय दल के मुख्य सचेतक बनाये गए. इसके अतिरिक्त उन्होंने सन 1992 में मध्यप्रदेश कृषि एवं बीज विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में तथा संगठनात्मक रूप से मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश मंत्री एवं प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में संगठन में काम किया तथा छत्तीसगढ़ में भाजपा के विस्तार में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 


छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सप्रे स्कूल मैदान से आमसभा में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का संकल्प लिया तब तालियों से पूरा मैदान गूंज उठा था. इस संकल्प के पूर्व श्री बैस ने ही श्री वाजपेयी जी को छत्तीसगढ़वासियों की छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की बहुप्रतीक्षित मांग से अवगत कराया था. संसद में जब राज्य पुनर्गठन विधेयक पेश हुआ तब श्री रमेश बैस वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे, स्वाभाविक रूप से राज्य पुनर्गठन विधेयक के निर्माण से लेकर उसे पारित कराने तक आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. 

केंद्रीय मंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास में श्री बैस जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. केंद्र की अनेक महती योजनाओं को उन्होंने धरातल पर उतारा। राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से श्री बैस जी के पहल पर ही रायपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना हुई, जिससे छत्तीसगढ़ के निवासियों को कम दर पर बेहतरीन  इलाज की सुविधाएं मिल रही है. हम सब वाकिफ है कि कोरोना काल में रायपुर का एम्स पीड़ितों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है.
  

अत्यंत सरल, सहज एवं मृदुभाषी श्री रमेश बैस की कृषि व काष्ठकला में काफी रूचि है. कृषि एवं कृषक कल्याण तथा ग्रामीण विकास में आपका महत्वपूर्ण योगदान है, इनकी लोकप्रियता का एक मुख्य कारण ये भी रहा कि सांसद के रूप में रायपुर लोकसभा क्षेत्र का कोई ऐसा गांव नही जहां श्री बैस जी ने प्रवास ना किया हो. आज भी वे क्षेत्र के हर गांव के 50-100 बुजुर्गों, युवाओं एवं महिलाओं को उनके नाम से संबोधित करते है. इनके चार दशक से भी लंबे राजनीतिक कार्यकाल में रायपुर लोकसभा क्षेत्र में ऐसा कोई ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका या नगर निगम क्षेत्र नही है जहां आपने सांसद निधि से कोई काम ना कराया हो. अपने संसदीय क्षेत्र में उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ एवं सिचाई सुविधाओं के विस्तार पर सदैव ध्यान दिया है और आधारभूत संरचना को विकसित किया है.  श्री रमेश बैस जी की कर्मठता, लगनशीलता एवं लंबे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें जुलाई 2019 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया वे जुलाई 2021 तक वे त्रिपुरा के राज्यपाल रहे. तत्पश्चात जुलाई 2021 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, वे 17 फरवरी 2023 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे. वर्तमान में वे 18 फरवरी 2023 से महाराष्ट्र के राज्यपाल है. 
महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में राज्यपाल की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बावजूद छत्तीसगढ़ से उनका निरंतर संपर्क बना हुआ है. बुधवार 2 अगस्त 2023 को उनके रायपुर आगमन पर 'हमर सियान हमर अभिमान' आयोजन समिति रायपुर के तत्वावधान में सर्व समाज द्वारा उनका नागरिक अभिनन्दन किया गया. यह संयोग ही है कि 2 अगस्त को उनका जन्मदिन भी है.