कार्यक्रम में राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने कहा कि
बैंक अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर रहा है और इस अवधि में किसानों के
हितों से जुड़े कार्यो को मुकाम तक पहुचाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि
श्री वामन बलीराम जी लाखे द्वारा स्थापित सहकारी बैंक आज किसानों को ऋण
उपलब्ध कराने के साथ-साथ समितियों के माध्यम से धान खरीदी जैसी किसान और
शासन की महती व्यवस्था में जुड़ा है। उन्होंने इस बैंक के संस्थापक श्री
वामन राव जी लाखे की स्मृति में डाक टिकट जारी करने की मांग की। इस अवसर पर
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के अध्यक्ष श्री योगेश
चंद्राकर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस बैंक के माध्यम से
क्षेत्र के किसानों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने
बताया कि बैंक के संचालक मंडल ने किसानों के जीवन स्तर को उंचा उठाने हेतु
ग्रामीण जीवन आवास योजना सहित किसानों के पुत्रों को शिक्षा एवं स्वरोजगार
ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी बताया सामाजिक
दायित्वों के तहत निराश्रितों के पेंशन भुगतान के लिए काउन्टर की व्यवस्था
की गई है। राष्ट्रीयकृत बैंकों के समान जिले के सभी सहकारी बैंकों को
कम्प्युट्रीकृत कर कोर बैंकिंग सेवा प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया
है।
1 टिप्पणी:
सहकारी बैंक के साथ इतिहास के कई गौरवशाली पृष्ठ जुड़े हैं.
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