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12 अक्तूबर, 2011

सूरज में आग है , चाँद में भी दाग है ,

ज  शरद पूर्णिमा की रात है  , आसमान साफ होने के कारण पूर्णिमा की चन्द्रमा का सुहावना दर्शन हो रहा है . कहते है की आज की रात चन्द्रमा की  किरणों से अमृत की बूंदें टपकती है . कोई कैसे इस सुनहरे अवसर को चुकोना चाहेगा अतः सबने आसमान के नीचे छींकें में खीर का कटोरा टांग रखा है . 
  
हिन्दू मान्यता  के अनुसार इसी दिन चन्द्र अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. कुछ क्षेत्रों में इस व्रत को कौमुदी व्रत भी कहा जाता है. यह भी  मान्यता  है कि इस दिन भगवान श्री कृ्ष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचा था.इस दिन चन्द्रमा कि किरणों से अमृत वर्षा होने की मान्यता प्रसिद्ध है. इस दिन एरावत पर आरूढ़ हुए  इन्द्र व महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है. इससे  लक्ष्मी और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

  सूरज  में आग है  , चाँद में भी दाग है ,
फिर भी सागर को दोनों से अनुराग है .

शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं !
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09 अक्तूबर, 2011

चुकंदर से बनेगा पानी में घुलने वाला प्लास्टिक

Beetroot
टली की एक कंपनी ऐसी प्लास्टिक बना रही है जो पानी में घुल सकती है. चुकंदर से निकलने वाले कचरे से प्लास्टिक का निर्माण हो रहा है. चुकंदर के उत्पादन से निकलने वाले बाई प्रोडक्ट वातावरण के लिए वरदान साबित हो सकते हैं. इसके अलावा दुनिया की निर्भरता तेल से बनने वाली प्लास्टिक पर भी कम हो सकती है. एक छोटी इतालवी कंपनी बायो ऑन जैव प्लास्टिक के क्षेत्र में नया प्रयोग करने जी-जान से प्रयत्नशील है  .

इटली के शहर मिनेर्बियो में सबसे बड़ी चीनी उत्पादक कंपनी को प्रो बी चीनी बना रही है. लेकिन बायो ऑन की दिलचस्पी चीनी में नहीं, चुकंदर से चीनी बन चुकने के बाद बची हुई चीजों में हैं जिसे कचरा मानकर फेंक दिया जाता है. चुकंदर के अशुद्धीकृत शीरे से बायो ऑन प्लास्टिक बनाती है. चीनी के कारखाने से शीरा कचरे के तौर पर निकलता है.

बायो ऑन के वैज्ञानिकों ने पांच साल की मेहनत के बाद शीरे को प्लास्टिक में तब्दील किया है. कंपनी चुकंदर के शीरे को ऐसे जीवाणु के साथ मिलाती है जो किण्वन के दौरान चीनी पर पलते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान लैक्टिक एसिड, फिल्ट्रेट और पॉलीमर बनता है जिसका इस्तेमाल प्राकृतिक तरीके से सड़ने वाली प्लास्टिक बनाने में हो सकता है.

प्रदूषण से बचाव
बॉयो ऑन के मुख्य जीव विज्ञानी साइमन बिगोटी डॉयचे वेले को बताते हैं, "हम कई तरह की चीजें बना सकते हैं. क्योंकि कई तरह की प्लास्टिक समीकरण बना पाना मुमकिन है. हम पॉलीइथाइलिन, पॉलीस्टाइरीन, पॉलीप्रॉपाईलीन को बदल सकते हैं."

कंपनी ने बॉयो पॉलीमर्स का विकास किया है. इसका इस्तेमाल कठोर और लचीली प्लास्टिक के लिए जा सकता है. बिगोटी का मानना है कि बॉयो प्लास्टिक उनके दफ्तर में प्लास्टिक से बनी 80 चीजों की जगह ले सकती है.

बिगोटी कहते हैं, "हम ऐसी प्लास्टिक बना रहे हैं जो जीवन काल के खत्म होने के 10 दिन के भीतर पानी में घुल जाएगी." एक शोध के मुताबिक बॉयो प्लास्टिक का बाजार 2011 और 2015 के बीच दोगुना हो जाएगा. 2010 में सात लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ जो इस साल 10 लाख टन को पार कर जाएगा.

बायो प्लास्टिक का बाजार

वृद्धि के बावजूद बायो प्लास्टिक का बाजार तेल आधारित प्लास्टिक की तुलना में छोटा है. प्लास्टिक उद्योग एसोसिएशन के मुताबिक 2010 में 27 करोड़ टन प्लास्टिक की खपत हुई. यूरोपीय बायो प्लास्टिक के अध्यक्ष हाराल्ड कैब को विश्वास है कि यूरोप के प्लास्टिक बाजार के कुल हिस्से का 5 से 10 फीसदी जगह बायो प्लास्टिक ले सकती है.

बायो प्लास्टिक बनाने के लिए सिर्फ बायो ऑन ही शोध नहीं कर रही है. रसायन कंपनी जैसे बीएएसएफ, ब्रास्केम एंड डॉ भी बायो प्लास्टिक उत्पाद बना रहे हैं. कंपनियां बायो प्लास्टिक उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रही हैं.

आम तौर प्लास्टिक को प्रदूषण बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाता है. बायो ऑन के सह-संस्थापक मार्को अस्टोरी का कहना है कि उनकी कंपनी अनोखी है क्योंकि वह कचरे का इस्तेमाल कर प्लास्टिक बनाती है. अस्टोरी कहते हैं, "हम सिर्फ कचरे का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि खाद्य सामग्री का इस्तेमाल प्लास्टिक बनाने के लिए करना पागलपन है."
डायचे वेले 

08 अक्तूबर, 2011

दशहरा पर्व पर नीलकंठ के दर्शन



नीलकंठ

शहरा पर्व पर नीलकंठ के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है. जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इसी आस में छत पर जाकर आकाश को निहारता है ताकि साल भर उनके यहाँ शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहे. ऐसा माना जाता है कि इस दिन नीलकंठ के दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है, तथा  फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत्‌ होते रहते हैं.  सुबह से लेकर शाम तक किसी वक्त नीलकंठ दिख जाए तो वह देखने वाले के लिए शुभ होता है.

हम भी दशहरा मनाने निकले तो रास्ते भर सड़क के किनारे की झाड़ियों , खेतों व बिजली के तारों को निहारते रहे . 12 कि.मी. दूर जाने पर बिजली के तार एक नीलकंठ बैठा दिखाई दिया . हमारे साथी श्री श्याम वर्मा ने फोटो खींचने की बहुत कोशिश की  लेकिन साफ फोटो नहीं खिंच पाए , क्योंकि पक्षी सूर्य की दिशा में था . हम लोग उसके उड़ने का इंतजार करने लगे लेकिन काफी देर रूकने के बावजूद भी वह नहीं उड़ा. अलबत्ता वहां काफी भीड़ जमा हो गई . भीड़ से बचाते हुए हम आगे बढ़ गए . रायपुर से अभनपुर पंहुचते तक 27 कि.मी. के सफ़र में 10 - 12 नीलकंठ विभिन्न विभिन्न मुद्राओं में दिखाई दिए .

 नीलकंठ पक्षी को भगवान राम का संदेशवाहक माना जाता है इसीलिये कहा भी गया है -----


    नीलकंठ तुम नीले रहियो, दूध-भात का भोजन करियो, हमरी बात राम से कहियो'

भगवान शिव को भी  नीलकंठ कहा गया है  क्योकिं  उन्होंने सर्वकल्याण के लिए विषपान किया था. इसीलिए शिव कल्याण के प्रतीक है. ठीक इसी तरह ईश्वर के बनाए नीलकंठ पक्षी भी है . इस रंग बिरंगी खूबसूरत पक्षी का गला भी शिव की तरह नीला होता है.

 नीलकंठ दुर्लभ प्रजाति का संरक्षित पक्षी है. चिता का विषय यह है  पर्यावरणीय असंतुलन के कारण  अब यह शुभ दायक खूबसूरत पक्षी विलुप्त होते जा  रहा है . लोग  नीलकंठ दर्शन के लिए तरस रहे है.    इसके पीछे पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ फसलों में प्रयोग किया जाने वाला कीटनाशक भी  है.

अब देखिये रावण दहन के दृश्य ........

अभनपुर का दशहरा
खोला ग्राम का दशहरा
नवापारा का दशहरा
दैनिक अग्रदूत रायपुर  7.10.2011      

 

07 अक्तूबर, 2011

संचार क्रांति के पुरोधा स्टीव जॉब्स


दुनियाभर में कंप्यूटर से लेकर आई पॉड और आई फोन के जरिए संचार प्रौद्योगिकी में क्रांति लाने वाले एप्पल के सह-संस्थापक 56 वर्षीय  स्टीव जॉब्स का आज दुखद  निधन हो गया. वे  पैंक्रियास कैन्सर से पीड़ित थे.

Steve Jobs
 इस वर्ष जनवरी के बाद से वे  कंपनी के कामकाज से छुट्टी पर थे, यदा कदा ही काम पर   दिखाई देते थे. मार्च में उन्होंने आई पैड का दूसरा संस्करण बाजार में उतारा और फिर सिलिकान वैली में राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा टैक्नॉलॉजी के दिग्गजों के लिए आयोजित रात्रि भोज में शामिल हुए. जून में वे  सान फ्रांसिस्को में एप्पल के आई क्लाउड के बारे में बताने के लिए एक बार फिर सामने आए.

एप्पल के सबसे ज्यादा प्रचलित और प्रतिष्ठित उत्पाद जैसे आईपॉड, आई फोन और आईपैड जॉब्स की दूरदर्शिता और कौशल के  परिणाम थे. उनके नेतृत्व में एप्पल ने आई पॉड के जरिए संगीत जगत की नयी परिभाषा गढ़ी. आई फोन ने मोबाइल की दुनिया का अंदाज बदला और आई पैड  ने मनोरंजन और मीडिया जगत को नये मायने दिए.
 
जॉब्स ने 1976 में अपने घर के गैरेज में स्टीव वोज्नियाक के साथ एप्पल की शुरुआत की और एप्पल दो तथा मैकिनटोश कंप्यूटर्स का विकास किया.उन्होंने कंपनी के निदेशक मंडल के साथ विवाद के चलते 1985 में कंपनी छोड़ दी थी.अगले वर्ष उन्होंने नैक्स्ट कंप्यूटर की स्थापना की. 1986 में उन्होंने लुकासफिल्म के कंप्यूटर ग्राफिक्स डिवीजन को खरीद लिया और इसे एक स्वतंत्र एनीमेशन स्टूडियो पिक्सर के तौर पर फिर से स्थापित किया.
करीब एक दशक बाद 1996 में एप्पल ने नैक्स्ट को खरीद लिया और जॉब्स को एप्पल में वापिस लाया गया. 1997 से जॉब्सने कंपनी के सीईओ के तौर पर काम शुरू किया और जीवन के अंतिम दिनों तक इसी पद पर बने रहे.
 
संचार क्रांति के पुरोधा स्टीव जॉब्स  ने अपने आविष्कारों के जरिये दुनिया भर में अपना गहरा छाप  छोड़ा है , निश्चित रूप से आने वाली कई पीढ़ियों तक उनका प्रभाव महसूस किया जाता रहेगा . ग्राम चौपाल की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि . 

Jobs, who touched the daily lives of countless millions of people through the Macintosh computer, iPod, iPhone and iPad, died on Wednesday at age 56 after a long battle with pancreatic cancer. He stepped down as Apple chief executive in August. (reuters)