आज शरद पूर्णिमा की रात है , आसमान साफ होने के कारण पूर्णिमा की चन्द्रमा का सुहावना दर्शन हो रहा है . कहते है की आज की रात चन्द्रमा की किरणों से अमृत की बूंदें टपकती है . कोई कैसे इस सुनहरे अवसर को चुकोना चाहेगा अतः सबने आसमान के नीचे छींकें में खीर का कटोरा टांग रखा है .
हिन्दू मान्यता के अनुसार इसी दिन चन्द्र अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण
होता है. कुछ क्षेत्रों में इस व्रत को कौमुदी व्रत भी कहा जाता है. यह भी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृ्ष्ण ने
गोपियों के साथ महारास रचा था.इस दिन चन्द्रमा कि किरणों से अमृत वर्षा
होने की मान्यता प्रसिद्ध है. इस दिन एरावत पर आरूढ़ हुए इन्द्र व महालक्ष्मी का पूजन किया
जाता है. इससे लक्ष्मी और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
आपको भी शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंआपको भी शरद पूर्णिमा की बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं आपको भी
जवाब देंहटाएंखीर तो हमने भी खाई लेकिन आसमान से बरसते प्रदूषण से बचा कर :-)
शरदपूर्णिमा की खीर भुलाये नहीं भूलती है।
जवाब देंहटाएंआपको भी शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंशरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंआपको भी शरद पूर्णिमा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं..........!
जवाब देंहटाएंक्या बात है! वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुति बधाई
जवाब देंहटाएंशरद पूर्णिमा की चाँदनी में
जवाब देंहटाएंधुएँ से धूमिल शहरी आकाश के नीचे
खीर खाना आज टेढी खीर है ,
साफ़ -सुथरे पर्यावरण वाले
गाँवों की अच्छी तकदीर है !
शरद पूर्णिमा की आपने लगाई
सचमुच बहुत खूबसूरत तस्वीर है !
ऐसा नजारा तो केवल
गाँवों में दिखेगा ,
क्या शहर उससे कुछ सीखेगा ?
बधाई और शुभकामनाएं !
@ Swarajya karun,
जवाब देंहटाएंगजब की काव्यमय टिप्पणी , आभार !