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30 जून, 2011

सूरत के ओलपाड में पानी की दहशत

सूरत जिले के कुछ गांवों में जगह-जगह जमीन के भीतर से पानी का फव्वारा फूट रहा है। कुओं में पानी का स्तर अचानक बढ़ गया है। पानी का स्वाद भी खारा हो गया है। अचानक होने वाली इस घटना से लोगों में दहशत है। हालांकि कुछ लोग इसे चमत्कार के तौर पर देख रहे हैं तो कुछ इसे अनहोनी का संकेत मान रहे हैं। फिलहाल प्रशासन ने लोगों को पानी पीने से मना कर दिया है।

सूरत के कुछ इलाकों में जीवन देना वाला पानी दहशत का दूसरा नाम बन गया है। सूरत के ओलपाड तहसील में जमीन के भीतर से पानी का फव्वारा फूट रहा है। ये पानी जमीन के कई फुट नीचे से बाहर आ रहा है।

वहीं, इलाके के कुएं में पानी 20 फुट नीचे था लेकिन अचानक पानी का स्तर बढ़ गया और लोग हाथों से पानी छू सकते हैं। लोगों को हैरानी इस बात की है कि बिना बारिश के आखिर पानी का स्तर कैसे बढ़ गया। इलाके में रहनेवाले एक शख्स ने बताया कि आठ साल से यहां रह रहे हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा। हैरानी इस बात की है कि बगैर बारिश हुए ही कुएं में पानी का स्तर बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि ये कुदरत का कोई करिश्मा है।

इलाके के लोगों का कहना है कि कुएं में पानी का लेवल तो बढ़ा ही साथ ही पानी का स्वाद भी खारा हो गया है। जबकि कुछ दिनों पहले तक लोग इसी कुएं का पानी पीते थे। दूसरी ओर गांव के कुछ लोगों को लगता है कि गांव पर कोई बड़ी मुसीबत आने वाली है।

परा गांव के रहनेवाले हबीब मोहम्मद शेख ने बताया कि साठ साल की उम्र में पहली बार ऐसा देखा कि जो कुंवा मीठा पानी देता था वो खारा हो गया और जो खारा था वो मीठा हो गया। यह एक अजीब कुदरत की घटना है।

गौरतलब है कि कभी इस इलाके में मशीनों के जरिए पानी निकालने की कोशिश होती थी, लेकिन पानी खुद ब खुद जमीन का सीना फाड़कर बाहर निकल रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है, ये अभी तक एक रहस्य है।  VIDEO


29 जून, 2011

ब्लॉगरों सावधान

गूगल के ज़रिए सेंसरशिप ?

 


कहने के लिए तो भारत में मीडिया स्वतंत्र है और अभिव्यक्ति की पूरी आज़ादी है लेकिन क्या सरकारें और प्रशासन अपनी निंदा बर्दाश्त कर पाते हैं ?

अगर सर्च इंजिन गूगल की मानें तो उत्तर होगा, नहीं.

गूगल की 'ट्रांसपरेंसी रिपोर्ट' के मुताबिक़ छह महीनों में प्रशासन और यहाँ तक कि अदालतों की ओर से भी गूगल से कई बार कहा गया कि वे मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों की आलोचना करने वाले रिपोर्ट्स, ब्लॉग और यू-ट्यूब वीडियो को हटा दें. पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें  ...... 

   अशोक बजाज , अभनपुर , रायपुर . ashok bajaj abhanpur raipur chhattisgarh


28 जून, 2011

सावधान: यहाँ खेती करना ग़ैरक़ानूनी है


त्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के ज़िक्रपुर गाँव के किसान अपनी फ़सलें उजाड़े जाने का ब्यौरा देते हैं. ग्रेटर नोएडा से आगरा तक जाने वाले यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसा ये वो गाँव है जहाँ पिछले साल 14 अगस्त को आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई थी. यहाँ काफ़ी किसानों ने अपनी ज़मीन के बदले मुआवज़ा ले लिया. लेकिन बहुत से किसान कहते हैं कि उन्होंने न सरकार को ज़मीन देने वाले क़रार पर दस्तख़त किए और न ही उन्हें कोई मुआवज़ा मिला है, मगर फिर भी राजस्व के दस्तावेज़ों में अब ज़मीन उनके नाम नहीं रही.

 

 किसान कहते हैं कि उन्होंने हर साल की तरह इस साल भी खेतों में फ़सलों की बुआई की लेकिन 27 मई को स्थानीय प्रशासन के अधिकारी हथियारबंद पुलिस वालों को साथ लेकर आए और पूरे गाँव को घेर लिया गया और कुछ ही देर में खेतों में उग रही फ़सलों पर ज़िला प्रशासन ने ट्रेक्टर और रोलर फेर दिया.

 

हाल ही में ग्रेटर नोएडा और आगरा के बीच पड़ने वाले गाँवों की यात्रा से लौटे बीबीसी संवाददाता राजेश जोशी की रिपोर्ट.  आगे वीडियो यहाँ देंखें .................

 अशोक बजाज , अशोक बजाज ,अशोक बजाज ,अशोक बजाज,सावधान: यहाँ खेती करना ग़ैरक़ानूनी है , 

27 जून, 2011

आकाशवाणी में "नशा हे ख़राब : झन पीहू शराब "


विश्व नशा निवारण दिवस पर आकाशवाणी रायपुर द्वारा दिनांक 26 जून 2011 को संध्या 7.20 बजे हमर ग्रामसभा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी स्लोगन "नशा हे ख़राब : झन पीहू शराब" का टाइटल सांग प्रसारित किया गया .



सुनिए वीडियो ...........