उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के ज़िक्रपुर गाँव के किसान अपनी फ़सलें उजाड़े जाने का ब्यौरा देते हैं. ग्रेटर नोएडा से आगरा तक जाने वाले यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसा ये वो गाँव है जहाँ पिछले साल 14 अगस्त को आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई थी. यहाँ काफ़ी किसानों ने अपनी ज़मीन के बदले मुआवज़ा ले लिया. लेकिन बहुत से किसान कहते हैं कि उन्होंने न सरकार को ज़मीन देने वाले क़रार पर दस्तख़त किए और न ही उन्हें कोई मुआवज़ा मिला है, मगर फिर भी राजस्व के दस्तावेज़ों में अब ज़मीन उनके नाम नहीं रही.
किसान कहते हैं कि उन्होंने हर साल की तरह इस साल भी खेतों में फ़सलों की बुआई की लेकिन 27 मई को स्थानीय प्रशासन के अधिकारी हथियारबंद पुलिस वालों को साथ लेकर आए और पूरे गाँव को घेर लिया गया और कुछ ही देर में खेतों में उग रही फ़सलों पर ज़िला प्रशासन ने ट्रेक्टर और रोलर फेर दिया.
इस वीडियो एम्बेड को्ड़ काम नहीं कर रहा है। फ़िर से लगाएं।
जवाब देंहटाएंकैसे कैसे नियम।
जवाब देंहटाएं@ श्री ब्लॉ.ललित शर्मा जी ,
जवाब देंहटाएंविडिओ का लिंक दे दिया हूँ , धन्यवाद .
@ श्री प्रवीण पाण्डेय जी ,
जवाब देंहटाएंये नियम नहीं , बेरहमी है ; धन्यवाद .
राज-काज की बातें, जनता-जनार्दन का दर्द.
जवाब देंहटाएंप्रसाशन की तानाशाही के आगे बेबस किसान ..............!
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