ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

04 फ़रवरी, 2011

चिट्ठाजगत का वनवास समाप्त

          ब्लोगरों के लिए आज खुशखबरी है कि चिट्ठाजगत का वनवास  समाप्त हो गया है,अभी जैसे ही मैं अपने ब्लॉग में गया चिट्ठाजगत के दर्शन हुए .चिट्ठाजगत के बगैर ब्लोगिंग का कार्य अधूरा लगता है अब पुनः प्रारंभ होने से ब्लोगरों में नए उत्साह का संचार हुआ है .काफी प्रतीक्षा के बाद चिटठा महाराज प्रकट हुए है,ब्लॉग जगत में उनके पुनर्प्रवेश पर बधाई तथा स्थायित्व के लिए शुभकामनाएं .

03 फ़रवरी, 2011

शराब बंदी से गांवों में बनेगा बेहतर वातावरण : डॉ. रमन सिंह

प्रदेशवासियों की ओर से मुख्यमंत्री का अभिनंदन

   रायपुर 03 फरवरी 2011

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने स्वस्थ और समृध्द छत्तीसगढ़ बनाने के लिए प्रथम चरण में आगामी अप्रैल माह से दो हजार की आबादी वाले गांवों में ढाई सौ शराब दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय पर गंभीरता से अमल किया जाएगा। इससे गांवों में एक स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनेगा।
    डॉ. सिंह ने आज यहां अपने निवास पर 'जनदर्शन' कार्यक्रम में उनके अभिनंदन के लिए राज्य भण्डार गृह निगम अध्यक्ष श्री अशोक बजाज के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में आए पंच-सरपंचों, ग्रामीणों और महिला स्व-सहायता समूहों से चर्चा करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने शराब की सामाजिक बुराई के खिलाफ प्रदेश के गांवों में खास तौर पर महिलाओं में आ रही सामाजिक चेतना और जागृति की विशेष रूप से प्रशंसा की। डॉ. सिंह ने कहा कि शराब मनुष्य के व्यक्तिगत और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। इसलिए प्रदेश सरकार ने एक सौ करोड़ रूपए से भी अधिक राजस्व घाटे की परवाह न करते हुए प्रथम चरण में ढाई सौ शराब दुकानों को एक अप्रैल 2011 से बंद करने का निर्णय लिया है।
    उल्लेखनीय है कि  छत्तीसगढ़ को नशा-मुक्त राज्य के रूप में विकसित करने के लिए पहले कदम के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की इस घोषणा से ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। विशेष रूप से महिलाएं शासन के इस निर्णय से काफी खुश हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री से आज यहां 'जनदर्शन' कार्यक्रम में रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए किसानों, पंच-सरपंचों और महिला स्व-सहायता समूहों के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की। श्री अशोक बजाज ने नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने नशा-मुक्त छत्तीसगढ़ निर्माण की ऐतिहासिक पहल के लिए प्रदेश की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। उन्होंने डॉ. रमन सिंह को सौंपे गए अभिनंदन पत्र में शासन के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि नशा-मुक्ति और सामाजिक सुधार की दिशा में यह फैसला 'मील का पत्थर' साबित होगा। राजस्व घाटे की परवाह किए बिना प्रदेश की जनता और उनके परिवारों की खुशहाली तथा समृध्दि के लिए राज्य सरकार ने जनहित में यह स्वागत योग्य निर्णय लिया है। जनकल्याण के इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से हम सब डॉ. रमन सिंह का अभिनंदन करते हैं।




    प्रदेश सरकार द्वारा अवैध शराब की बिक्री पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए आबकारी अधिनियम में कड़े प्रावधान करने की घोषणा का प्रतिनिधि मंडल ने अभिनंदन पत्र में जिक्र किया है। डॉ. रमन सिंह ने इस मौके पर जिला पंचायत रायपुर के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में श्री अशोक बजाज द्वारा 'नशा हे खराब-झन पिहु शराब' के लोकप्रिय नारे के साथ रायपुर जिले में नशा-मुक्ति के लिए चलाए गए जन-जागरण अभियान का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री के अभिनंदन के लिए आए इस प्रतिनिधि मंडल में ग्राम परसुलीडीह, डोमीतराई, नयापारा, अभनपुर, हसदा, चिपरीडीह, बेलर, छाटा, गोकुलपुर, आरंग, केन्द्री, खोला, बेन्द्री और चंडी सहित अनेक गांवों के लोग शामिल थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री ललित शर्मा, दयालुराम, राघवेन्द्र साहू, माधव प्रसाद मिरी, सूरज साहू, दीपक दीवान, योगेश साहू, दशरथ लाल साहू, उमेश यादव, हृदयराम साहू, ईश्वर धु्रव, सुधा साहू, निर्मला साहू, शशि ठाकुर, मोंगरा साहू, मनीषा सांकरे, वर्षा देवांगन, कमला देवांगन, रूकमणी निषाद और बिन्दु सेन सहित सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे।

02 फ़रवरी, 2011

नशामुक्ति की दिशा में छग सरकार के बढ़ते कदम

मुख्य मंत्री डा.रमन सिंह की अध्यक्षता में  दिनांक 28.01.2011 को छत्तीसगढ़ कैबिनेट  ने   दो हजार की जनसंख्या वाले गांवों की 250 शराब दुकानों को 1 अप्रेल 2011 से बंद करने तथा शराब की अवैध बिक्री रोकने आबकारी एक्ट में कड़े प्रावधान करने का ऐतिहासिक  फैसला लिया है .इस निर्णय से शासन को एक सौ करोड़ रुपए की प्रति वर्ष  राजस्व की हानि होगी .

सरकार का यह नशामुक्ति की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है  . सरकार शराबियों ,शराब-निर्माताओं तथा शराब विक्रेताओं  के खिलाफ कड़े कानून बना कर कार्यवाही करना चाहती है इसीलिए  सरकारी राजस्व की हानि की परवाह किये बगैर मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने यह साहसिक फैसला लिया है .  हालाँकि हम यह भी जानते है कि सरकार के कानून से नशा खोरी को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता .सरकार केवल शराब के उत्पादन वितरण और खपत को ही नियंत्रित कर सकती है लेकिन उसके सेवन को नियंत्रित करना समाज का काम है .वर्तमान में नशाखोरी की बढ़ती प्रवृति इतनी बढ़ गई है कि उसके प्रवाह को रोक पाना संभव नहीं है , कम से कम सरकार के लिए तो यह असंभव है . इसके लिए समाज में जन जागरण जरुरी है , जन-जागरण के अलावा और कोई बेहतर विकल्प नहीं है .  क्योकि सरकार तो शराब दुकानें बंद कर देगीं लेकिन पीने के शौकीन लोग कहीं ना कहीं से अपना इंतजाम कर ही लेंगे , यदि शराब नहीं मिली तो क्या हुआ ,बाजार में अन्य नशीले पदार्थों की भरमार है . कुछ नशीले पदार्थ तो शराब से भी ज्यादा खतरनाक है जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते है . अतः बेहतर तो यही होगा कि हम नई पीढ़ी को इस जहर से दूर ही रहने दें .हमने इसीलिये कुछ वर्षों से जन-जागरण करके अनेक लोंगों को नशापान से  मुक्त कराया .इसके लिए जो नारा दिया गया - " नशा हे ख़राब- झन पीहू शराब "  यह गाँव गाँव में काफी प्रसिद्द हुआ है . प्रदेश में अनेक धार्मिक ,सामाजिक एवं स्व-सेवी संस्थाएं भी इस काम में जुटी है . इन सबको अपना प्रयास और तेज करना होगा पहले तो आप स्वयं अकेले थे लेकिन अब सरकार का समर्थन भी आपके साथ है .सरकार एवं समाज दोनों मिलकर समाज को  पूरी तरह नशामुक्त कर सकते है .  मैं सरकार के वर्तमान कदम की सराहना करता हूँ . मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह एवं उनकी सरकार इसके लिए साधुवाद की पात्र है .





26 जनवरी, 2011

छत्तीसगढ़ में नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा " 108 संजीवनी एक्सप्रेस " शुरू





छत्तीसगढ़ में नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा '108 संजीवनी एक्सप्रेस '  शुरू हो गई है ,पहले चरण में 36 एम्बुलेंस की सेवाएं ली जा रही है. इनमें से  रायपुर जिले को  25 और बस्तर जिले को  11 एम्बुलेंस उपलब्ध कराये गए है  . इनमें एक-एक प्रशिक्षित तकनीशियन तैनात रहेंगे. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एम्बुलेंस सेवा बिल्कुल नि:शुल्क रहेगी तथा घटना की खबर मिलते ही 30 मिनट के अन्दर घटना स्थल पर पंहुचेगी .कहने को तो यह एम्बुलेंस है लेकिन वास्तव में यह चलित-अस्पताल है क्योकि इसमें जीवन रक्षक दवाइयों के अलावा स्ट्रेचर ,कटर, आक्सीजन भी है.आवश्यक होने पर यह अग्नि शमन का भी काम करेगा . इस सेवा का लाभ लेने के लिए किसी भी कंपनी के मोबाईल अथवा लेंड -लाइन फोन  से 108  (वन जीरो एट )   नंबर डायल करना पड़ेगा ,एस.टी.डी. कोड की जरुरत नहीं है .वास्तव में यह कमाल की सेवा है ,दिनों-दिन बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के कारण यह सेवा अति-आवश्यक हो गई थी .छत्तीसगढ़ सरकार और   इमरजेंसी मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीटयूट ( EMRI ) के संयुक्त प्रयास से संचालित इस योजना का लाभ अप्रेल माह से प्रदेश के सभी 18 जिले के लोगो को मिल सकेगा . दिनांक 25.01.2011  को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने हरी झंडी दिखा कर सभी  एम्बुलेंस को रवाना किया . आज 26 जनवरी को अभनपुर के गणतंत्र दिवस समारोह में उपस्थित जन समुदाय के समक्ष   इसका प्रदर्शन किया गया .