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03 फ़रवरी, 2011

शराब बंदी से गांवों में बनेगा बेहतर वातावरण : डॉ. रमन सिंह

प्रदेशवासियों की ओर से मुख्यमंत्री का अभिनंदन

   रायपुर 03 फरवरी 2011

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने स्वस्थ और समृध्द छत्तीसगढ़ बनाने के लिए प्रथम चरण में आगामी अप्रैल माह से दो हजार की आबादी वाले गांवों में ढाई सौ शराब दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय पर गंभीरता से अमल किया जाएगा। इससे गांवों में एक स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनेगा।
    डॉ. सिंह ने आज यहां अपने निवास पर 'जनदर्शन' कार्यक्रम में उनके अभिनंदन के लिए राज्य भण्डार गृह निगम अध्यक्ष श्री अशोक बजाज के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में आए पंच-सरपंचों, ग्रामीणों और महिला स्व-सहायता समूहों से चर्चा करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने शराब की सामाजिक बुराई के खिलाफ प्रदेश के गांवों में खास तौर पर महिलाओं में आ रही सामाजिक चेतना और जागृति की विशेष रूप से प्रशंसा की। डॉ. सिंह ने कहा कि शराब मनुष्य के व्यक्तिगत और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। इसलिए प्रदेश सरकार ने एक सौ करोड़ रूपए से भी अधिक राजस्व घाटे की परवाह न करते हुए प्रथम चरण में ढाई सौ शराब दुकानों को एक अप्रैल 2011 से बंद करने का निर्णय लिया है।
    उल्लेखनीय है कि  छत्तीसगढ़ को नशा-मुक्त राज्य के रूप में विकसित करने के लिए पहले कदम के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की इस घोषणा से ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। विशेष रूप से महिलाएं शासन के इस निर्णय से काफी खुश हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री से आज यहां 'जनदर्शन' कार्यक्रम में रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए किसानों, पंच-सरपंचों और महिला स्व-सहायता समूहों के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की। श्री अशोक बजाज ने नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने नशा-मुक्त छत्तीसगढ़ निर्माण की ऐतिहासिक पहल के लिए प्रदेश की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। उन्होंने डॉ. रमन सिंह को सौंपे गए अभिनंदन पत्र में शासन के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि नशा-मुक्ति और सामाजिक सुधार की दिशा में यह फैसला 'मील का पत्थर' साबित होगा। राजस्व घाटे की परवाह किए बिना प्रदेश की जनता और उनके परिवारों की खुशहाली तथा समृध्दि के लिए राज्य सरकार ने जनहित में यह स्वागत योग्य निर्णय लिया है। जनकल्याण के इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से हम सब डॉ. रमन सिंह का अभिनंदन करते हैं।




    प्रदेश सरकार द्वारा अवैध शराब की बिक्री पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए आबकारी अधिनियम में कड़े प्रावधान करने की घोषणा का प्रतिनिधि मंडल ने अभिनंदन पत्र में जिक्र किया है। डॉ. रमन सिंह ने इस मौके पर जिला पंचायत रायपुर के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में श्री अशोक बजाज द्वारा 'नशा हे खराब-झन पिहु शराब' के लोकप्रिय नारे के साथ रायपुर जिले में नशा-मुक्ति के लिए चलाए गए जन-जागरण अभियान का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री के अभिनंदन के लिए आए इस प्रतिनिधि मंडल में ग्राम परसुलीडीह, डोमीतराई, नयापारा, अभनपुर, हसदा, चिपरीडीह, बेलर, छाटा, गोकुलपुर, आरंग, केन्द्री, खोला, बेन्द्री और चंडी सहित अनेक गांवों के लोग शामिल थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री ललित शर्मा, दयालुराम, राघवेन्द्र साहू, माधव प्रसाद मिरी, सूरज साहू, दीपक दीवान, योगेश साहू, दशरथ लाल साहू, उमेश यादव, हृदयराम साहू, ईश्वर धु्रव, सुधा साहू, निर्मला साहू, शशि ठाकुर, मोंगरा साहू, मनीषा सांकरे, वर्षा देवांगन, कमला देवांगन, रूकमणी निषाद और बिन्दु सेन सहित सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे।

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही अच्छा प्रयास! साधुवाद.

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  2. बजाज जी निःसन्देह डॉ.साहब का यह क़दम सराहनीय है किंतु निवेदन है कि शराब दुकाने बन्द कराने की क़वायद के साथ-साथ अवैध शराब की प्रदेश में खुलेआम हो रही बिक्री पर रोक लगाने की जुगत लगायी जाये..शराब के स्वयं भू माफियाओं ने कुछ ऐसी व्यव्स्था कर रखी है कि शराब लेने के लिये अब दुकान जानें की आवश्यकता नहीं है..अपितु शराब सहज-सरल लोगों के घरों के आस-पास कोचियों के माध्यम से उपलब्ध है..ज़रूरत इस साजिश पर अंकुश लगाने की है अथवा तस्वीर बदलने की बजाय वैसी ही रहेगी और यह भागीरथी प्रयास अधूरा रह जायेगा....

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