ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

22 अगस्त, 2013

विकास यात्रा 2013

माननीय मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मूसलाधार बारिस के बीच दिनांक 19 अगस्त 2013 को अपने प्रदेशव्यापी विकास यात्रा की शुरुवात रायपुर जिले के आरंग कस्बे से की . इस यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए देश की प्रखर सांसद एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज पहुँची थी . आरंग से यह यात्रा ओड़का, भिलाई, चरौदा, तामासिवनी, तोरला, पोंड़, जौंदा, नवागांव, कोलियारी, पारागांव होते हुए शाम 6 बजे नवापारा राजिम पहुँची. नवापारा से कुर्रा, बजरंगपुर पिपरौद, हसदा, मानिकचौरी, गातापार होते हुए रात 9 बजे यह यात्रा अभनपुर पहुँची. अभनपुर से झांकी, केंद्री, निमोरा, मानाबस्ती, बोरियाकलां होते हुए रात 11.30 बजे मनाकैंप में समाप्त हुई. इस लंबी यात्रा में हम आगे आगे चल रहे थे , रास्ते में जगह जगह हमें स्वागत करने वालों का हुजूम दिखाई दिया. 
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज प्रदेशव्यापी विकास यात्रा के चौंथे चरण की शुरुवात करने 19 अगस्त को आरंग पहुँची तो लोग स्वागत के लिए उमड़ पड़े.
       
विकास यात्रा 2013 - चरौदा (आरंग) में मान. मुख्यमंत्री का बेसब्री से इंतजार करते लोग.

विकास यात्रा 2013 - तामासिवनी में मान. मुख्यमंत्री का एक झलक पाने लोग छतों में चढ़े है . 19.08.2013

17 अगस्त, 2013

स्वतंत्रता दिवस 2013


स्वतंत्रता दिवस की आप सबको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ -



स्वतंत्रता दिवस के उन कार्यक्रमों की झलकियाँ जिसमें हम शरीक हुए ---
स्वतंत्रता दिवस 2013 : चौपाल रायपुर (आवासीय कार्यालय)

स्वतंत्रता दिवस 2013 : मुख्यालय, स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन रायपुर.

                                                                              
स्वतंत्रता दिवस 2013 : स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन शाखा अभनपुर.
                                                                                       
स्वतंत्रता दिवस 2013 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर.
                                                                         
स्वतंत्रता दिवस 2013 : शा. कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर.









                                                     




28 जुलाई, 2013

"कश्मीर का सच" कितना सच और कितना झूठ



                क राष्ट्रीय न्यूज चैनल द्वारा दिखाया जा रहा "कश्मीर का सच" पता नहीं यह कितना सच और कितना झूठ है ? उस पीढ़ी के लोग तो अब रहे नहीं जो इस तथाकथित "सच" की समीक्षा करते, पर इतिहास तो यही कहता है कि जम्मू-कश्मीर का भविष्य पंडित नेहरू, लार्ड माउंटबेटन और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की दोस्ती की भेंट चढ़ गया. अगर सरदार पटेल को पूरी छूट मिली होती तो कश्मीर समस्या उसी समय समाप्त हो चुकी होती , लेकिन पंडित नेहरू का अब्दुल्ला प्रेम इसमें आड़े आ गया. इस न्यूज चैनल ने कश्मीर रियासत को भारत में विलय में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर जी की भूमिका का अपने रपट में कहीं उल्लेख ही नहीं किया जबकि उन्होंने ही कश्मीर के भारत में विलय में मुख्य भूमिका अदा की थी. उक्त रपट में केवल पंडित नेहरू को ही महिमा मंडित करने का प्रयास किया गया. रपट में यह जानकारी भी छुपाई गई कि जब भारतीय सेना ने कश्मीर के दो तिहाई हिस्से से पाकिस्तानी समर्थकों को खदेड़ दिया था तो पं. नेहरू ने सीज फायर की घोषणा कर भारतीय सेना को वापस लौटने का आदेश किसके इशारे पर दिया तथा  पं. नेहरू ने किसके इशारे पर कश्मीर में धारा 370 लगाई ? बहरहाल पूरे रपट में लार्ड माउंटबेटन को भारत का महान राष्ट्र भक्त घोषित करने के पीछे उनकी मंशा क्या है इसे गहराई से समझने की जरुरत है.
                               - ASHOK BAJAJ RAIPUR CHHATTISGARH

24 जुलाई, 2013

इंदिरा बैंक के खातेदारों को कांग्रेस झांसा दे रही है- बजाज

प्रेस विज्ञप्ति
रायगढ़ सहित कई मृतप्राय बैंकों को भाजपा सरकार ने पुनर्जीवित किया

    रायपुर/भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक बजाज ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक के खातेदारों को बरगलाने वाले कांग्रेस के नेता उस वक्त कहां सोये थे जब जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायगढ़ के 87 हजार खातेदारों का 42 करोड़ रूपिया डूब रहा था,  जबकि उस समय प्रदेश में उनकी सत्ता थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार ने बैंक को बचाने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा दिये गए सुझावों की भी अनदेखी करते हुए गारण्टी देने से इंकार कर दिया था,  यदि सरकार गारण्टी दे देती तो बैंक का अस्तित्व समाप्त नहीं होता। उस समय कांग्रेस के नेताओं ने 87 हजार कृषक खातेदारों की कोई परवाह नहीं की। उन्होंने कहा कि बैंक के डूब जाने से बैंक में कार्यरत 300 अधिकारी/कर्मचारी भी बेरोजगार हो गये हैं।

    श्री बजाज ने कहा कि रायगढ़ सहकारी बैंक के डूबने के पहले रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के नेतृत्व में आयी टीम ने रायपुर को छोड़कर सभी जिला सहकारी बैंकांे की वित्तीय हालत पर चिंता प्रकट की थी। यदि सन् 2003 में प्रदेश में डॉ0 रमनसिंह की सरकार नहीं बनती तो रायगढ़ के साथ-साथ बिलासपुर, सरगुजा, दुर्ग, राजनांदगांव एवं बस्तर के जिला सहकारी बैंक भी डूब चुके होते। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इस बैंकों की हालत सुधारने का काम किया है,  फलस्वरूप आज सभी जिला सहकारी बैंक फायदे में चल रहे हैं।
    श्री बजाज ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में केवल सहकारी बैंक ही नहीं, बल्कि प्राथमिक सहकारी समितियों, विपणन सहकारी समितियों एवं कृषि व ग्रामीण विकास बैंकों की माली हालत खराब हो चुकी थी, इसके अलावा अनेक नागरिक सहकारी बैंक भी डूबने के कगार पर थे। अधिकांश  सहकारी संस्थाओं एवं समितियों को आर्थिक पैकेज देकर भाजपा सरकार ने पटरी पर लाया है।
    श्री बजाज ने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद जिला सहकारी बैंक रायगढ़ को पुनर्स्थापित करने का लगातार प्रयास हो रहा है फलस्वरूप रिर्जव बैंक ने रायगढ़ के स्थान पर जशपुर में जिला सहकारी बैंक की स्थापना के लिए सहमति प्रदान कर दी है। शीघ्र ही पंजीयन के बाद यह बैंक अस्तित्व में आ जायेगा,  जिसमें जशपुर के अलावा रायगढ़ जिला भी शामिल होगा।
    श्री बजाज ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सहकारी आंदोलन को कुचलने का तथा सहकारी संस्थाओं को डूबोने का ही काम किया है, जबकि भाजपा ने सत्ता में आते ही मृतप्राय सहकारी संस्थाओं को जीवनदान देकर सहकारी आंदोलन के प्रति प्रदेश की जनता का विश्वास बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों की नैया डूबाने वाले वही नेता इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक के खातेदारों को झांसा दे रहे हैं कि यदि हमारी सरकार आयी तो हम आपका पैसा लौटा देंगे। श्री बजाज ने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक के खातेदारों से अपील की है कि वे ऐसे नेताओं के झांसे में न आयें।