ये ब्लागिंग है कोई वन डे मैच नहीं जो एक दिन चले और ख़त्म हो जाये , ब्लागिंग एक ऐसा मैच है जो रोज चलता है. यह पूरे 365 दिन चौबीसों घंटे चलने वाला मैच है .यह टेस्ट मैच भी नहीं जो कुछ दिनों तक चले फिर अवकाश हो जाये. अब तो क्रिकेट में 20-20 ( ट्वेंटी-ट्वेंटी ) का जमाना आ गया है जो सीमित ओव्हरों का होता है तथा आधे दिन में समाप्त हो जाता है. दूसरी ओर ब्लागिंग में ना कोई अवकाश होता है और ना ही कोई गेप होता है. यह निरंतर चलने वाला काम है जिसमें कभी एंड नहीं होता. सन्डे - मंडे की बात तो छोडिये होली , दिवाली और दशहरा का भी अवकाश नहीं होता बल्कि ऐसे बड़े त्योहारों में माउस और ज्यादा दौड़ने लगता है. अब होली को ही ले लें, बाकी लोगों को जैसे जैसे इसका रंग चढ़ता है वैसे वैसे ब्लागर का मन रंगीन पोस्ट लिखने के लिए मचलता है. दिवाली की रात में अनारदाने जैसे जैसे अन्धकार को ललकारते है वैसे वैसे की-बोर्ड पर ब्लागर की उंगलियों का रफ़्तार भी बढ़ते जाता है.
बहरहाल यह ग्राम-चौपाल का 200 वां पोस्ट है, क्रिकेट की भाषा में इसे दोहरा शतक (DOUBLE CENTURY ) कह सकते है. हमने अपना पहला पोस्ट 22 मई 2010 को लगाया था लेकिन हम इस काम में 01 जुलाई 2010 से सक्रिय हुए. मेरा प्रयास तो यही रहता है कि प्रतिदिन एक नया पोस्ट लगे लेकिन जब घर से बाहर रहता हूँ तब पोस्ट लगाना संभव नहीं होता है. डबल सेंचुरी बनाने में लगभग एक वर्ष लग गए .
ब्लागिग के पिच पर अनेक धुरंधर है जो बरसों से क्रीज पर जमे हुए है और चौंकों-छक्कों की बदौलत लगातार शतक पर शतक बनाये जा रहें है. इसके चारों और फिल्डर फैले हुए है जो हर गेंद को टिप्पणी रूपी हथेली से लपकने को तैयार बैठे रहते है. बालिंग करने वाले धुरंधरों की भी यहाँ कोई कमी नहीं, यहाँ आल राउंडर भी आपको बहुत भारी संख्या में मिलेंगे जो कभी लेख रूपी तेज बाल फेंकतें है तो कभी कविता रूपी गुगली. इसमें गूगल और आरकूट जैसे दर्शक भी है जो ब्लागरों का हौसला अफजाई करते रहते है. यहाँ चर्चा मंच,ब्लाग-चौपाल, छत्तीसगढ़ ब्लागर्स चौपाल , ब्लाग4वार्ता जैसे विकेट-कीपर भी है जो पल-पल! हरपल!! पोस्ट लगते ही लपक लेते है यानी गेंद बल्ले से लगी नहीं कि विकेट कीपर ने लपक लिया. सब कुछ तो है पर बेचारा एंपायर ( चिट्ठा-जगत ) आजकल गायब है, जिसकी वजह से कई ब्लागर पवेलियन लौट चुके है. एंपायर के नहीं रहने से ना कोई नंबरिग हो पा रही है और ना ही अनुशासन नाम की चीज यहाँ रह गई है. जिसके मन में जैसा आये बिना हिचक के लिख रहे है क्योकि नो-बाल या वाइड बाल का ईशारा करने वाला यहाँ कोई नहीं. बिना निर्णायक के मैच चल रहा है. अत: जरुरत है स्व - अनुशासन की पर इस कलयुग में स्व - अनुशासन आये भी तो कैसे ?
ब्लागिग के पिच पर अनेक धुरंधर है जो बरसों से क्रीज पर जमे हुए है और चौंकों-छक्कों की बदौलत लगातार शतक पर शतक बनाये जा रहें है. इसके चारों और फिल्डर फैले हुए है जो हर गेंद को टिप्पणी रूपी हथेली से लपकने को तैयार बैठे रहते है. बालिंग करने वाले धुरंधरों की भी यहाँ कोई कमी नहीं, यहाँ आल राउंडर भी आपको बहुत भारी संख्या में मिलेंगे जो कभी लेख रूपी तेज बाल फेंकतें है तो कभी कविता रूपी गुगली. इसमें गूगल और आरकूट जैसे दर्शक भी है जो ब्लागरों का हौसला अफजाई करते रहते है. यहाँ चर्चा मंच,ब्लाग-चौपाल, छत्तीसगढ़ ब्लागर्स चौपाल , ब्लाग4वार्ता जैसे विकेट-कीपर भी है जो पल-पल! हरपल!! पोस्ट लगते ही लपक लेते है यानी गेंद बल्ले से लगी नहीं कि विकेट कीपर ने लपक लिया. सब कुछ तो है पर बेचारा एंपायर ( चिट्ठा-जगत ) आजकल गायब है, जिसकी वजह से कई ब्लागर पवेलियन लौट चुके है. एंपायर के नहीं रहने से ना कोई नंबरिग हो पा रही है और ना ही अनुशासन नाम की चीज यहाँ रह गई है. जिसके मन में जैसा आये बिना हिचक के लिख रहे है क्योकि नो-बाल या वाइड बाल का ईशारा करने वाला यहाँ कोई नहीं. बिना निर्णायक के मैच चल रहा है. अत: जरुरत है स्व - अनुशासन की पर इस कलयुग में स्व - अनुशासन आये भी तो कैसे ?
डबल सेंचुरी लगाने के लिए आपको ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं......आप सचिन की तरह न टूटने वाले रिकार्ड बनायें..........
जवाब देंहटाएंव्यस्त समय में से ब्लोगिंग के लिए समय निकाल कर हिंदी की अहर्निश सेवा करना महत्वपूर्ण कार्य है.
साधुवाद
दो सौवीं स्व-अनुशासित पोस्ट की बधाई.
जवाब देंहटाएंआशा है तीसरे शतक की बधाई देने और मिठाई खाने का वसर भी जद मिलेगा ।
जवाब देंहटाएंदोहरे शतक की बधाई . तीसरे शतक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंसचिन तेंदुलकर बनने की बहुत-बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंअशोक जी, नेता होने के बावजूद आपका सबसे बड़ा गुण है, ज़मीन पर पैर टिकाए रखना...यही आपको राजनीति में रहते हुए भी एक अलग पहचान देता है...पार्टी कोई भी हो, आज देश को ऐसे ही लीडर्स की ज़रूरत है जो आम आदमी के सरोकार को अपना सरोकार माने...
आप इसी तरह सेंचुरी दर सेंचुरी लोककल्याण में धुनी रमाए रहें, यही कामना है...
जय हिंद...
बहुत बहुत बधाई, आपका साहित्यिक वृक्ष यूँही पल्लवित होता रहे।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस उपलब्धि के लिए बधाई और भी हजारों पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी .
जवाब देंहटाएंये भी देखें
आप करे तो कैरेक्टर ढीला है
दोहरे साहित्यिक शतक की उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएं@जरुरत है स्व - अनुशासन की पर इस कलयुग में स्व - अनुशासन आये भी तो कैसे ?
जवाब देंहटाएंआपने एक सार्थक मुद्दा उठाया है."निज पर शासन-स्व अनुशासन". जब तक व्यक्ति में यह भावना नहीं आती तब तक अनुशासनबद्ध नहीं हो सकता.
गूगल ने मुफ्त में जगह दे दी है. जिसके जो मन आये. वह आंये-बांये लिखे जा रहा है. अब आप जैसे प्रबुद्ध लोगों के ब्लोगिंग में आने से कुछ सुधर होने की सम्भावना है.
द्विशतक की बधाई.
@ श्री ललित शर्मा जी ,
जवाब देंहटाएंपहले आपका रिकार्ड तो टूटे .
शुभकामनाओं के लिए आभार .
@ श्री राहुल सिंह जी ,
जवाब देंहटाएंआप भी काफी रिकार्ड बना रहे है .
आभार .
@ श्री अरुणेश सी दवे जी ,
जवाब देंहटाएंतीसरे शतक के पहले मिठाई खाने का अवसर जरूर मिलेगा .आभार
श्री स्वराज करुण जी,
जवाब देंहटाएंशुभ कामनाओं के लिए आभार .
@ श्री खुशदीप सहगल जी ,
जवाब देंहटाएंआपका शुक्रिया !
@श्री प्रवीण पाण्डेय जी ,
जवाब देंहटाएंसतत् हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद !
@ श्री नवीन प्रकाश जी,
जवाब देंहटाएंआपका आभारी हूँ .
@ कविता रावत जी ,
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओं के लिए आभार .
@ रश्मी कुमावत जी ,
जवाब देंहटाएंसमाज को सही दिशा देने के लिए " निज पर शासन फिर अनुशासन " जरूरी है . पोस्ट लिखते समय अथवा टिप्पणी करते समय सबको " सामान्य आचार संहिंता " का पालन करना चाहिए .टिप्पणी के लिए आभार !
ब्लॉगिंग में आलेखों का दोहरा शतक बनाने के लिए के लिए आपको बहुत बहुत बधाई .. इधर व्यस्तता के कारण आपके कुछ लेख नहीं पढ सकी .. जल्द ही समय निकालकर उन्हें भी देख लूंगी .. उम्मीद है इसी तरह आगे भी आपके महत्वपूर्ण लेख पढने को मिलते रहेंगे .. शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग को क्रिकेटी जामा पहनाकर स्वानुशासन पूर्वक दो शतक लगाने की बधाई स्वीकार करें। आगामी शतक की प्रतीक्षा में-
जवाब देंहटाएंचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
ग्राम-चौपाल के 200वीं पोस्ट पर बहुत बहुत बधाई अशोक जी!
जवाब देंहटाएं@ संगीता पुरी जी ,
जवाब देंहटाएंआगे भी आप आते रहिये ,ग्राम चौपाल में हमेशा आपका स्वागत है , आभार !
@ जी.के. अवधिया जी ,
जवाब देंहटाएंदादा ,धन्यवाद !
@ चन्द्रभूषण मिश्र 'घफिल जी ,
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद !
बड़े भाई को डबल सेंचुरी के लिए ढ़ेर सारी बधाई. इतनी व्यस्तता व दायित्वों के बावजूद आप ब्लॉग पोस्ट के लिए समय निकालते हैं यह हमारे लिए खुशी की बात है। आप शासन के ऐसे जनप्रतिनिधि है जो जनता के मसले पर सदैव मुखर रहे हैं। आपको इस तरह ब्लॉग में अभिव्यक्त होते देखकर अच्छा लगता है।
जवाब देंहटाएंमैं आपको नियमित मोबाईल फीड रीडर से पढ़ता हूं इस कारण टिप्पणियॉं नहीं दे पाता, अभी भी देर से टिप्पणी देने के लिए क्षमा.
@ भाई संजीव जी ,
जवाब देंहटाएंसदभावना के लिए आपका आभारी हूँ .धन्यवाद !
ब्लॉगिंग में आलेखों का दोहरा शतक बनाने के लिए के लिए आपको बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएं