विश्व भर के लोगों को अब ई-हैक बैक्टीरिया के संक्रमण का भय सताने लगा है .यह ईहैक बैक्टीरिया ना केवल मनुष्य बल्कि संपूर्ण प्राणी जगत के लिए जान लेवा साबित हो रहा है .
यह कितनी बड़ी विडम्बना है कि जिन खाद्य पदार्थो को हम जीवन रक्षक मानतें है उन पदार्थों के माध्यम से हम मौत को आमंत्रित कर रहें है . टमाटर और खीरा तो हमारे भोजन का जायका बढ़ाता है लेकिन ना जाने अब क्यों वह आदमी के लिए जहर बन गया है .
जर्मनी में लोगों को खीरा व टमाटर का सेवन ना करने की चेतावनी दी गई है . टमाटर, खीरे और कुछ अन्य सब्ज़ियों के ज़रिए ई-हैक बैक्टीरिया का संक्रमण लोगों के शरीर में पहुँच रहा है . अब तक इस संक्रमण की वजह से 14 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बीमार हो गए हैं.स्पेन के तटीय इलाकों से आने वाले खीरों में ई-हैक बैक्टीरिया है जो अब पूरे यूरोप में फैल रहा है.ईहेक या ईएचईसी का पूरा नाम एंटेरो हीमोरेजिक एश्चेरेशिया कोली(Antero Himorejika Cscheareshia coli) है.
स्वीडन, डेनमार्क, हॉलैंड और ब्रिटेन में भी ईहेक से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार को पोलैंड में एक महिला को नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला जर्मनी के शहर हैम्बर्ग से वापस लौटी. हैम्बर्ग में अब तक 450 लोग ईहेक से संक्रमित हैं.
ऑस्ट्रिया और चेक गणराज्य में भी प्रशासन ने स्पेन से आई सब्जियों को बाजार से हटा दिया है. चेक गणराज्य के अधिकारियों का अनुमान है कि संक्रमित खीरे हंगरी और लक्जमबर्ग भी भेजे गए हो .स्पेन में ईहेक फैलान वाले दो ग्रीन हाउसों की पहचान कर ली गई है. दोनों को बंद कर दिया गया है.
ई-हेक संक्रमण के लक्षण:
यह जीवाणु सीधा पाचन तंत्र पर हमला करता है. संक्रमित रोगी के पेट में जहरीले तत्व बनने लगते हैं. ये जहरीले तत्व खून में मौजूद लाल रुधिर कणिकाओं को खत्म करने लगते हैं. ऐसा होने पर गुर्दे नाकाम होने का खतरा पैदा जाता है. कई मामलों में इंसान का स्नायु तंत्र (नर्व सिस्टम) नाकाम हो जाता है.
अब तक माना जाता रहा कि हेक विषाणु सिर्फ पांच साल से कम उम्र के बच्चों को निशाना बनाने में सक्षम रहता है. लेकिन ताजा मामले में 90 फीसदी रोगी वयस्क है. इनमें से दो तिहाई महिलाएं हैं.