चिंतामग्न विभीषण |
रावण की लंका में,
रहना नहीं है ;
रावण की तरह ,
मरना नहीं है ;
अहंकार के सागर में ,
बहना नहीं है ;
है तो सोने की लंका मगर ,
जहाँ भाईचारे का गहना नहीं है ;
रावण की लंका में,
रहना नहीं है ;
राम का देश बड़ा प्यारा है ,
जहाँ किसी से हमें डरना नहीं है ;
विजयादशमी की आप सबको बहुत बहुत बधाई !!
विजयादशमी की बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएं... badhaai va shubhakaamanaayen !
जवाब देंहटाएंईश्वर हम सब के भीतर सद्विचार भरें।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रेरक सारगर्वित रचना .... आभार
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