रावण की लंका में, रहना नहीं है ; रावण की तरह , मरना नहीं है ; अहंकार के सागर में , बहना नहीं है ; है तो सोने की लंका मगर , जहाँ भाईचारे का गहना नहीं है ; रावण की लंका में, रहना नहीं है ; राम का देश बड़ा प्यारा है , जहाँ किसी से हमें डरना नहीं है ;
भईया बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिए आपको साधुवाद. साथ ही आपको एवं आपके परिवार, इष्ट मित्रो सहित समस्त सम्माननीय पाठकों को विजयोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं. यह भी पढ़ें: "रावन रहित हो हर ह्रदय" http://smhabib1408.blogspot.com/
इतने जरा से शब्दों में सारी भावनाओं को व्यक्त करना...बधाई अशोक जी. राम के इस प्यारे देश में विजयदशमी पर्व पर हमारी तो है बस यही कामना कि हर देशवासी विजयी हो अच्छे कर्मों में.
... बहुत सुन्दर ... बेहतरीन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी भावनाएं . बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिए बधाई और विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंअहंकार के सागर में ,
जवाब देंहटाएंबहाना नहीं है ;
है तो सोने की लंका मगर ,
जहाँ भाईचारे का गहना नहीं है ;
अच्छी रचना है
- विजय तिवारी 'किसलय'
जबलपुर
सुंदर अभि्व्यक्ति के साथ
विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
दशहरा में चलें गाँव की ओर-प्यासा पनघट
भईया बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिए आपको साधुवाद. साथ ही आपको एवं आपके परिवार, इष्ट मित्रो सहित समस्त सम्माननीय पाठकों को विजयोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंयह भी पढ़ें: "रावन रहित हो हर ह्रदय" http://smhabib1408.blogspot.com/
निर्भयता हो जन जन में
जवाब देंहटाएंइतने जरा से शब्दों में सारी भावनाओं को व्यक्त करना...बधाई अशोक जी. राम के इस प्यारे देश में विजयदशमी पर्व पर हमारी तो है बस यही कामना कि हर देशवासी विजयी हो अच्छे कर्मों में.
जवाब देंहटाएंvaah....kavita bhi karane lage...? badhai. blog isi tarah bheetar ke shabd-shilpi ko sakriy rakhe.
जवाब देंहटाएंआज के दिन के लिए सर्वथा उपयुक्त और सार्थक अशोक जी ।
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