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19 अगस्त, 2015

स्वतंत्रता दिवस 2015 के नज़ारे

  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने निवास के अलावा अपेक्स बैंक मुख्यालय रायपुर, सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर, एवं शासकीय बजरंगदास हायर सेकेण्डरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण एवं इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला. इसके अतिरिक्त नगर पंचायत अभनपुर के स्टेडियम में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा आवाज़ सोशल वेलफेयर सोसाईटी द्वारा मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र वितरण समारोह में भाग लिया. इसके पश्चात् टाउन हाल रायपुर में प्रदेश सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित फोटो प्रदर्शनी ‘सोनहा बिहान’ के उद्घाटन समारोह एवं राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला.   
स्वतंत्रता दिवस 2015 : चौपाल रायपुर में ध्वजारोहण.

स्वतंत्रता दिवस 2015 : अपेक्स बैंक मुख्यालय रायपुर में ध्वजारोहण.
                                                                                     
स्वतंत्रता दिवस 2015 : अपेक्स बैंक मुख्यालय रायपुर.
                                                                             
स्वतंत्रता दिवस 2015 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                         
स्वतंत्रता दिवस 2015 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर.
                                                                                 
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. कन्या उच्च. माध्य. शाला अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                               
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. कन्या उच्च. माध्य. शाला अभनपुर.

                                                                     
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. कन्या उच्च. माध्य. शाला अभनपुर.

                                                                       
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. बजरंग उच्च. माध्य. शाला अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                                 
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. बजरंग उच्च. माध्य. शाला अभनपुर के मेघावी छात्र.
                                                                               
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. बजरंग उच्च. माध्य. शाला अभनपुर
                                                                                 
स्वतंत्रता दिवस 2015 : नगर पंचायत अभनपुर के स्टेडियम में वृक्षारोपण.
                                                                             
मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले हूनरबाजों को आवाज़ सोशल वेलफेयर सोसाइटी अभनपुर द्वारा 15 अगस्त को राष्ट्रीय माड्यूलर रोजगारपरक कौशल प्रमाण पत्र वितरित किये गए.
                                                                           
संबोधन 
                                                                               
मुख्यमंत्री मान. डाॅ. रमन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रायपुर के ऐतिहासिक टाउन हाल में
प्रदेश सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित फोटो प्रदर्शनी ‘सोनहा बिहान’ का शुभारंभ किया.
                                                                             
टाउन हाल रायपुर में जनसम्पर्क विभाग द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
आयोजित फोटो प्रदर्शनी ‘सोनहा बिहान’ का अवलोकन.
                                                                    
 




02 अगस्त, 2015

छत्तीसगढ़ के 6.29 लाख किसानों को ब्याज मुक्त ऋण

6.29 लाख किसानों को 1854 करोड़ का  ब्याज मुक्त ऋण वितरित - अशोक बजाज 

रायपुर, 01 अगस्त 2015/ चालू खरीफ मौसम के दौरान छत्तीसगढ़ में किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से बिना ब्याज के अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण तेजी से चल रहा है। पांच दिन पहले अर्थात 27 जुलाई तक प्रदेश के छह लाख 29 हजार 61 किसानों को एक हजार 854 करोड़ 35 लाख 58 हजार रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। इस खरीफ मौसम में दो हजार 650 करोड़ रूपए का ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। 27 जुलाई तक लक्ष्य का 69 प्रतिशत ऋण बांटा जा चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप किसानों को खेती-किसानी के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है। ऋण का 60 प्रतिशत नगद तथा 40 प्रतिशत खाद एवं बीज के रूप में दिया जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने आज यहां बताया कि किसानों को खरीफ फसलों के लिए एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में ऋण वितरण का कार्य एक अप्रेल से शुरू हो गया है, जो 30 सितम्बर तक चलेगा। श्री बजाज ने बताया कि चालू खरीफ मौसम में किसानों को 2650 करोड़ अल्पकालीन कृषि ऋण के रूप में बांटने का लक्ष्य रखा गया है। श्री बजाज ने बताया कि रायपुर संभाग के रायपुर जिले के 41 हजार 800 किसानों को 115 करोड़ 47 लाख रूपए, गरियाबंद जिले के 22 हजार 80 किसानों को 58 करोड़ 43 लाख रूपए, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 55 हजार 635 किसानों को 147 करोड़ 94 लाख रूपए, महासमुन्द जिले के 35 हजार 537 किसानों को 120 करोड़ रूपए तथा धमतरी जिले के 33 हजार 367 किसानों को 74 करोड़ 81 लाख रूपए का ऋण नगद और कृषि आदान सामग्री के रूप में वितरित किया जा चुका है। इसी प्रकार दुर्ग जिले के 26 हजार 747 किसानों को 119 करोड़ 44 लाख रूपए, बालोद जिले के 26 हजार 202 किसानों को 146 करोड़, बेमेतरा जिले के 33 हजार 649 किसानों को 152 करोड़ 91 लाख रूपए, राजनांदगांव जिले के 91 हजार 273 किसानों को 191 करोड़ रूपए और कबीरधाम जिले के 36 हजार 982 किसानों को 174 करोड़ 80 लाख रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण बांटा जा चुका है। 

बिलासपुर संभाग के बिलासपुर जिले के 34 हजार 186 किसानों ने 85 करोड़ 46 लाख रूपए, मुंगेली जिले के 22 हजार 260 किसानों ने 55 करोड़ 65 लाख रूपए, जांजगीर-चांपा जिले के 46 हजार 782 किसानों ने 116 करोड़ 55 लाख रूपए तथा कोरबा जिले के 9 हजार 184 किसानों ने 22 करोड़ 96 लाख रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण गत 27 जुलाई तक ले लिया है। 

बस्तर संभाग के सातों जिलों के 45 हजार 266 किसानों को 133 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। इनमें बस्तर (जगदलपुर) जिले के 10 हजार 792 किसान, कोण्डागांव जिले के 6 हजार 940 किसान, नारायणपुर जिले के एक हजार 76 किसान, उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के 24 हजार 245 किसान, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले के 219 किसान सुकमा जिले के 632 किसान तथा बीजापुर जिले के एक हजार 362 किसान शामिल हैं। बस्तर जिले के किसानों को 51 करोड़ 80 लाख रूपए, कोण्डागांव जिले के किसानों को 18 करोड़ 95 लाख रूपए, नारायणपुर जिले के किसानों को तीन करोड़ पांच लाख रूपए, कांकेर जिले के किसानों 51 करोड़ 57 लाख रूपए, दंतेवाड़ा जिले के किसानों को 94 लाख रूपए, सुकमा जिले के किसानों को दो करोड़ 29 लाख रूपए तथा बीजापुर जिले के किसानों को चार करोड़ चार लाख रूपए का ऋण बांटा जा चुका है। 

सरगुजा संभाग के 33 हजार 205 किसानों को 139 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। इस संभाग के सरगुजा जिले के 11 हजार 73 किसानों को 33 करोड़ 87 लाख रूपए, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के चार हजार 412 किसानों को 13 करोड़ 17 लाख रूपए, सूरजपुर जिले के 11 हजार 214 किसानों को 22 करोड़ 37 लाख रूपए, कोरिया जिले के आठ हजार 207 किसानों को 13 करोड़ 65 लाख रूपए, रायगढ़ जिले के 27 हजार 319 किसानों को 48 करोड़ 72 लाख रूपए तथा जशपुर जिले के पांच हजार 886 किसानों को सात करोड़ 22 लाख रूपए से अधिक के ऋण 27 जुलाई तक की स्थिति में बांटे जा चुके हैं। DPR

30 जुलाई, 2015

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम कलाम की पाती

विकसित भारत का सपना साकार करेगा छत्तीसगढ़ का आर्थिक विकास : डॉ. कलाम 

पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का कहना था कि आर्थिक रूप से विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ बनाना बहुत जरूरी है। उनका यह भी कहना था कि आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ देश को शांति और समृद्धि की तरफ ले जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अपने निधन के लगभग दो महीने पहले भेजी गई एक चिट्ठी में इस आशय के विचार व्यक्त किए थे। डॉ. कलाम ने मुख्यमंत्री को लिखा था - इस राज्य (छत्तीसगढ़) की संभावनाओं को देखकर मुझे इस बात का अहसास हुआ है कि विकसित भारत के लिए विकसित छत्तीसगढ़ का होना जरूरी है।
  
मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए डॉ. कलाम ने लिखा था - मैं 7 नवंबर 2006 को आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस समारोह पर दिए गए अपने उद्बोधन की याद दिलाना चाहता हूं। मैंने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ राज्य के संपूर्ण विकास के लिए दिए गए अपने सुझावों में सात मिशनों का उल्लेख किया था। तब से लेकर आज तक इस राज्य ने कई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना किया है। मेरे पूरे व्यावसायिक जीवन के दौरान, मेरा छत्तीसगढ़ के साथ गहरा जुड़ा रहा है- राज्य बनने के पहले भी और राज्य बनने के बाद भी। मैंने इस राज्य के कई हिस्सों का दौरा किया है और हजारों नागरिको से बातचीत की है। मैंने उनकी काबिलियत, उनके साहस, उनके विचार, उनकी उद्यमशीलता को देखा और जाना है। इस राज्य के लोगो से मिलकर मैंने यह पाया कि चाहे युवा हों या अनुभवी, यहाँ का हर व्यक्ति बहुत मेहनती, बुद्धिमान और राज्य के विकास में योगदान लेने के लिए तत्पर है।

डॉ. कलाम अपने पत्र में आगे लिखते हैं - इन अनुभवों से प्रेरित होकर, मैं इस पत्र में अपने कुछ विचार आपसे साझा करना चाहता हूँ. भारत के आर्थिक और सामाजिक मानचित्र पर छत्तीसगढ़ राज्य का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है. ढाई करोड़ की आबादी के साथ, जिनमे अधिकतर युवा है, यह राज्य राष्ट्र की मानव संसाधन क्षमता की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है.  देश के 21 प्रतिशत कोयले, 16 प्रतिशत लौह अयस्क और 11 प्रतिशत डोलोमाइट का उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। साथ ही, छत्तीसगढ़ भारत में चावल सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। यहाँ की संस्कृति, कला और संगीत समृद्ध है, खास तौर पर आदिवासी धरोहर की दृष्टि से. लेकिन वर्तमान में मानव विकास सूचकांक को अगले चार-पांच वर्षों में 0.358 से 0.750 तक पहुँचाने की एक अहम चुनौती राज्य के सामने है। इसके अलावा, युवाओं के लिए ग्रामीण स्तर पर गुणवत्तायुक्त ज्ञान आधारित रोजगार के अवसर पैदा करने, और राज्य के कुछ अशांत क्षेत्रों से जुड़े कुछ मुद्दे भी सामने हैं।

इस राज्य की संभावनाओं को देखकर मुझे एहसास हुआ की आर्थिक रूप से विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ बने, यह अत्यंत आवश्यक है। मैंने इस राज्य के बारे में बारीकी से अध्ययन किया है और कई विशेषज्ञों से भी राय ली हैं, जिसके आधार पर मैं अपनी ओर से कुछ सुझाव और विचार साझा करना चाहता हु जो मेरी दृष्टि में राज्य के लिए उपयुक्त हैं --

1. छत्तीसगढ़ वृहद पेयजल मिशन की ओर अग्रसर हो सकता है ताकि अपने नागरिकों को कम दरों पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सके, जिससे उनके (विशेष रूप से बच्चो के) स्वास्थ्य में सुधर हो सके।

2. हस्तशिल्प तथा कला और संस्कृति में समृद्ध होने के कारण, छत्तीसगढ़ इनकी वैश्विक रूप से ब्रांडिंग कर सकता है और ऐसे उत्पादों के लिए ई-मार्केट भी विकसित कर सकता है, ताकि राज्य के युवाओं को रोजगार उपलबध हो और राज्य को भी अतिरिक्त राजस्व मिल सके.

3. छत्तीसगढ़ के किसान सिंचाई के लिए मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर है। इस वजह से उन पर फसल की विफलता का जोखिम हमेशा मंडराता रहता है.  नयी तकनीकों, प्रौद्योगिकी और सहकारी आधारित मॉडल को अपनाकर, राज्य सरकार सिंचाई व्यवस्था का  आपूर्ति और मांग की दृष्टि से आधुनिकीकरण कर सकती है।

4. छत्तीसगढ़ में कई फसलें पायी जाती है, जिनका मूल्य संवर्धन किया जाना आवश्यक हैं। इसके अनुरूप, छत्तीसगढ़ खाद्य उत्पादन, प्रसंस्करण, भण्डारण और विपणन के लिए मिशन स्थापित कर सकता है।

5. कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से आदिवासी इलाकों में सिकल सेल जैसी बीमारी के इलाज के लिए अनुसंधान और विकास के कार्यों में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य बन सकता है।

6. छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी वाला राज्य है। यहां की 76 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। हम यहां के 20,000 गांवों को शहरी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘पुरा‘ (प्रोवाइडिंग अर्बन एमिनिटिज इन रूरल एरियाज) जैसे मिशन की परिकल्पना कर सकते हैं। इसे विशेष रूप से सेवा क्षेत्र के विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, स्थानीय फसलों के कृषि प्रसंस्करण, संस्कृति और पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित अनुसंधान पर केंद्रित कर सकते हैं। 

7. अशांत क्षेत्रों में सुरक्षा सेवाओं से जुड़े अपने अभियान के लिए छत्तीसगढ़ समन्वित आधुनिक तकनीकों  का इस्तेमाल कर सकता है। 

8. छत्तीसगढ़ में सूरज की पर्याप्त रोशनी होती है। इसका उपयोग किया जाए तो राज्य के 40 लाख घरों, विशेष रूप से ग्रिड कनेक्टिविटी के बाहर के क्षेत्रो, के लिए यहाँ रूफ-टॉप सोलर पावर (छत पर सौर ऊर्जा) का एक मिशन शुरू किया जा सकता हैं।

9. जब कभी भी मैने छत्तीसगढ़ के लोगों और प्रोफेशनल्स से मुलाकात की, उन्होंने राज्य के विकास में अपनी भागीदारी निभाने की इच्छा प्रकट की। क्या छत्तीसगढ़ शासन इन विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक-दो वर्षों की फेलोशिप नीति लागू कर सकती है, जिसके तहत उन्हें स्थानीय प्रशासन विशेष रूप से जिला कलेक्टरों और स्थानीय विधायकों के साथ काम करने का मौका मिले और वे स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए नये प्रकार के समाधान चिन्हांकित कर सकें ? मुझे विश्वास है कि इस प्रकार का मॉडल यहां की जनता को काफी प्रोत्साहित कर सकता है, जिनमें से कई लोग काफी सफल भी हो चुके हैं। 

मैने और मेरी टीम ने छत्तीसगढ़ की वास्तविक क्षमताओं को ध्यान में रखकर अपने इन विचारों पर आधारित एक विकासमूलक योजना तैयार की है, जिसमें इन्हें क्रियान्वित करने के लिए कुछ तरीके भी सुझाये गए हैं। अपनी चिट्ठी के अंत में डॉ. कलाम ने मुख्यमंत्री को लिखा है- मुझे यकीन है आप इस बात से सहमत होंगे कि आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ देश को शांति और समृद्धि की तरफ ले जा सकता है। राज्य की दो करोड़ 60 लाख जनता के विकास के लिए प्रकार का मॉडल राज्य और इसके ढाई करोड़ लोगों के विकास लिए इन मिशनों को लागू करने के लिए किसी भी प्रकार का सहयोग करने में मुझे खुशी होगी। DPR

कलाम के अंतिम वाक्य "धरती को जीने लायक कैसे बनाया जाए"


 पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
देश के पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का 27 जुलाई 2015 को शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. 83 वर्षीय डॉ. कलाम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट शिलांग में लेक्चर दे रहे थे, उसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वे बेहोश हो गए. उन्हें शिलांग के बेथनी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ शाम 7.45 बजे उनका निधन हो गया. श्री कलाम एक वैज्ञानिक, शिक्षक, विचारक, लेखक, राजनेता, सच्चे राष्ट्रभक्त और ना जाने क्या क्या थे पर हमेशा एक अभिभावक की भूमिका में रहते थे. उनकी सादगी और सरलता के सभी कायल थे. उनके व्यवहार में हमेशा बालपन झलकता था. शिलांग में मृत्यु के पूर्व उन्होंने अंतिम वाक्य कहे - "धरती को जीने लायक कैसे बनाया जाए ?" यह कहते कहते वे गिर पड़े और सदा सदा के लिए इस धरती को अलविदा कर दिया.

बतौर राष्ट्रपति वे 7 नवंबर 2006 को रायपुर आये थे , संयोग से मैं उस समय जिला पंचायत रायपुर का अध्यक्ष था. उनकी अगवानी के लिए एयरपोर्ट पर राज्यपाल श्री के.एम.सेठ, मुख्यमंत्री श्री डा.रमन सिंह, तत्कालीन वन मंत्री तथा वर्तमान में कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल एवं अन्य विभूतियों के साथ मैं भी मौजूद था. जैसे ही वे प्लेन से उतरे बड़ी सहजता से उन्होंने अभिवादन स्वीकार किया. अभिवादन से बिदाई तक लगभग सभी कार्यक्रमों में मैं उनके साथ रहा लेकिन उनके व्यवहार से कहीं नहीं लगा कि ये देश के प्रथम नागरिक है. मेरे लिए यह अदभूत अनुभव था. 

वे आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी यादें सदा ह्रदय पटल पर रहेगी, निःसंदेह उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे. 

7 नवंबर 2006 के कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें . . . . 
माना विमान तल पर 7.11.2006 को उनकी अगवानी कर करते हुए
                                                                                 
देश के पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने 7 नवंबर 2006 को पुरखौती मुक्तांगन का लोकार्पण किया तथा ऊँचें मंच से काफी देर तक निहारते रहे. छत्तीसगढ़ की लोककला एवं संस्कृति को जानने की उनकी जिज्ञासा इस तस्वीर में स्पस्ट झलक रही है.

                                                                               
पुरखौती मुक्तांगन में बड़ी सहजता से छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों से बात करते हुए डा. कलाम 
                                                                               
ग्राम सुदरकेरा विकासखंड अभनपुर के कार्यक्रम में  
                                                                                       
ग्राम सुदरकेरा विकासखंड अभनपुर में जेट्रोफा (रतनजोत) के प्लान्टेशन का अवलोकन करते हुए 
                                                                                   
ग्राम सुदरकेरा विकासखंड अभनपुर में जेट्रोफा (रतनजोत) के पौधे का रोपण करते हुए