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17 जुलाई, 2015

"नया दायित्व" पार्ट - 1

अपेक्स बैंक के अध्यक्ष का दिनांक 21 अप्रेल को पदभार ग्रहण करते हुए 
अपेक्स बैंक रायपुर के अध्यक्ष मनोनीत होने के बाद कोई नई पोस्ट नहीं लगा पाया , दरअसल लगातार व्यस्तता के चलते यह संभव नहीं हो पाया. प्रदेश के बाहर के मित्रों को शायद इस पोस्ट के माध्यम से ही जानकारी मिल सकेगी कि छत्तीसगढ़ सरकार ने विगत 20 अप्रेल को मुझे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (chhattisgarh state cooperetive bank raipur) का अध्यक्ष मनोनीत कर मुझे नई जिम्मेदारी दी है. ठीक दूसरे दिन अक्षय तृतीया का पर्व था सो आनन फानन में 21 अप्रेल को बैंक मुख्यालय जाकर मैंने विधिवत पदभार ग्रहण किया. संक्षिप्त सूचना में ही काफी संख्या में पार्टी के नेता , कार्यकर्ता एवं अधिकारी उपस्थित हो गए. छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर प्रदेश की शीर्ष सहकारी संस्था है इसीलिये इसे अपेक्स बैंक (APEX BANK) कहा जाता है. इसके अंतर्गत 6 जिला सहकारी बैंक तथा 1333 प्राथमिक सहकारी समितियां है जो किसानों एवं अन्य जरुरतमंद लोगों को अल्पकालीन, मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कृषि एवं गैर कृषि ऋण प्रदान करती है.   
 पदभार ग्रहण समारोह
   
पदभार ग्रहण के पश्चात् माननीय मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह से आशीर्वाद लेते हुए 
                           




06 अप्रैल, 2015

भाजपा : शून्य से शिखर तक


    

                                                                      स्थापना दिवस 6 अप्रेल पर विशेष
  
विश्व की राजनीतिक धरा पर विशाल वट-वृक्ष की तरह स्थापित भारतीय जनता पार्टी की सदस्य संख्या 10 करोड़ के करीब पहुंच चुकी है। वर्तमान में केन्द्र सहित अनेक राज्यों में स्पष्ट बहुमत वाली सरकार होने के साथ-साथ भाजपा अब विश्व की सर्वाधिक सदस्य संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी है। आज से 35 वर्ष पूर्व 6 अप्रैल 1980 को स्थापना के समय मुम्बई के प्रथम अधिवेशन में भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था  “भारत के पश्चिमी घाट को महिमा मंडित करने वाले महानगर के किनारे खड़े होकर मैं यहां भविष्यवाणी करने का साहस करता हूॅ कि अंधेरा छटेगा, सुरज निकलेगा, कमल खिलेगा......।“ श्री वाजपेयी द्वारा साहस और दृढ़ निश्चय के साथ कहे गये इन शब्दो में पार्टी और देश को नये उजाले की ओर ले जाने का संकल्प प्रतिध्वनित हो रहा था। देश की वर्तमान राजनैतिक स्थिति को देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि श्री वाजपेयी की 35 वर्ष पूर्व की गई भविष्यवाणी खरी उतरी है। 

अतीत में देश की राजनीति में कांग्रेस का दबदबा रहा है। केन्द्र के साथ-साथ कश्मीर से कन्याकुमारी तक लगभग सभी राज्यों में कांग्रेस स्थापित थी। लेकिन भाजपा की आंधी में कांग्रेस का चमन नेस्नाबूत हो चुका है। 1984 में हुए आठवीं लोकसभा के चुनाव में महज दो सीटें हासिल करने वाली भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में 282 सीटे जीत कर देश की राजनीतिक फिजा ही बदल दी। भाजपा को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए काफी लम्बा संर्घष करना पड़ा है। इस अवधि में पार्टी ने अनेक झंझावातो का सामना किया तथा असंख्य समर्पित, निष्ठावान एवं जीवट कार्यकर्ताओ की बदौलत प्रतिकूलता को अनुकुलता में तब्दील किया। 

भारतीय जनता पार्टी केवल एक राजनैतिक पार्टी नही बल्कि एक विचारधारा है जो भारतीय जनसंघ की नीतियों व सिद्धांतों पर बनी है। डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति तथा कथित धर्मनिरपेक्ष की राजनीति के चलते 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना कि थी। परन्तुं 1977 के राजनीतिक हालातो के कारण सभी गैर कांग्रेसी दलो ने अपनी-अपनी पार्टियों को मिलाकर जनता पार्टी नाम से एक नई पार्टी का गठन किया जिसमें जनसंघ भी शामिल था। सामूहिक ताकत से कांग्रेस देशभर में विशेष कर उत्तर-भारत में पूरी तरह उखड़ गई। देश में नई उम्मीद व विकल्प लेकर आई जनता पार्टी की सरकार मात्र ढाई वर्ष में टूट गई, फलस्वरूप पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ के नेताओं ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी का गठन किया।

1980 से अब तक के सफर में भारतीय जनता पार्टी को अनेको बार धूप-छांव का सामना करना पड़ा। स्थापना के बाद हुए 1984 के आम चुनाव में भाजपा को मात्र 2 सीटे मिली थी. हालांकि यह तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानूभूति का नतीजा था। तब भाजपा के विरोधी भाजपा  नेताओं पर फब्ती कसते हुए कहते थे “हम दो हमारे दो“ इन फब्तियो की परवाह न करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओ ने अटल-अडवाणी के नेेतृत्व में अपनी संघर्ष यात्रा को अनवरत् जारी रखा। फलस्वरूप 1989 के आम चुनाव में लोकसभा में भाजपा सांसदों की संख्या दो से बढ़कर 85 हो गई। इसके बाद रामजन्म भूमि आंदोलन के चलते कांग्रेस सिमटती गई तथा भाजपा की ताकत में इजाफा होता गया। नतीजन 1991 में 120, 1996 में 161, 1998 में 182, 1999 में भी 182, 2004 में 138, तथा 2009 में भाजपा को लोकसभा में 116 सीटे हासिल हुई। परन्तु 2014 के आमचुनाव में भाजपा एक शक्तिशाली राजनैतिक पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई। इस चुनाव में पार्टी ने 275 सीटो का लक्ष्य रखा था। लेकिन परिणाम आया तो पता चला कि कांग्रेस एवं अनेक क्षेत्रीय पार्टियाॅं के चारो खाने चित्त हो गई। भाजपा ने अकेले 31 प्रतिशत वोट पाकर 282 सीटो पर जीत हासिल की तथा सहयोगी दलो को मिलाकर राजग के सांसदो की संख्या 300 पार कर गई। 

वास्तव में यह जादूई आंकड़ा नरेन्द्र मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व के कारण सम्भव हो सका है। 2014 का आमचुनाव ऐसे समय में हुआ जब देश की जनता का भरोसा कांग्रेसनीत यू.पी.ए. से टूट चुका था। बेलगाम होती महंगाई एवं अनियंत्रित भ्रष्ट्राचार की वजह से गण का विश्वास तंत्र से टूट चुका था। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर जनता के मन में नये विश्वास को जागृत किया। श्री मोदी का नाम आते ही देश की तरूणाई ने अंगड़ाई ली और भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाकर सत्ता की मंजिल तक पहुंचाया। फलस्वरूप केन्द्र में गठबंधन सरकारों का दौर समाप्त हुआ और केन्द्र में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की प्रथम सरकार स्थापित हुई। इसके पूर्व 1996, 1998 व 1999 में अटल जी के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन की सरकार बनी थी। लेकिन तब अकेले भाजपा को दो-तिहाई बहुमत हासिल नही हुआ था। लेकिन 2014 के चुनाव में भारत की जनता ने राजनीति के सरोवर में कमल ही कमल खिलाया है। भाजपा की इस कामयाबी तथा नरेन्द्र मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व से सारा विश्व आश्चर्य चकित है। आम जनता को भी पूरा भरोसा है कि केन्द्र में भाजपा का दबदबा कायम होने से देश की दशा व दिशा बदलेगी।  

                                                                                                                       लेखक - अशोक बजाज

03 अप्रैल, 2015

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं . . .

ये हैं मिस्टर चम्पू साव, नवापारा नगर का "मोबाईल फ्रिज". इसका काम है ठंडे पानी की बोतलों को अपनी साईकल में लटका कर नगर के सार्वजनिक स्थानों पर जाना तथा वहां पर मौजूद लोंगों को ठंडा ठंडा पानी पिलाना. साईकल भी जल-संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने उसे प्रदान की है. आज भरी दुपहरी में अपने शुभचिंतकों के साथ जब नवापारा राजिम के त्रिवेणी संगम में स्थित कुलेश्वर महादेव के मंदिर में पहुंचा तो वह ठंडे पानी की दर्जनों बोतलों को लिए घूम रहा था. पहुचंते ही उसने बिना देर किये एक बोतल का ढक्कन खोल कर मेरी तरफ बढ़ा दिया. बोतल में बहुत ही ठंडा पानी भरा हुआ था, बोतल को गीले कपड़े से ढांका गया था ताकि पानी की ठंडकता बरकरार रहें. इस अनुकरणीय व सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए अनायास ही मेरे मुंह से निकला - "कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फ़ायदा" ? हालाँकि इस भजन का भाव चम्पू साव जैसे समाजसेवियों के सन्दर्भ में नहीं है. 


28 मार्च, 2015

बिप्र धेनु सुर संत हित . . .



जनि डरपहु मुनि सिद्ध सुरेसा। तुम्हहि लागि धरिहउँ नर बेसा॥
अंसन्ह सहित मनुज अवतारा। लेहउँ दिनकर बंस उदारा॥1॥


बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार ।।




श्री रामनवमी की आप सबको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ! 
- अशोक बजाज