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03 जून, 2012

विकसित देशों का बाई-प्रोडक्ट है कैंसर


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगले दो दशक में कैंसर पीड़ितों की संख्या में 75 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है.शोधकर्ताओं का अनुमान है कि सन 2030 तक कैंसर के दो करोड़ 20 लाख नए मामले सामने आएंगे.शोध पत्रिका 'लानसेट' में छपे इस अध्ययन में कहा गया है कि इसका एक कारण यह है कि बहुत सारे अन्य रोग समाप्त हो रहे हैं और इन रोगों के लिए ली जाने वाली दवाएं और अन्य उपाय कैंसर की प्रमुख वजह बन रहे हैं. इसके लिए आँख मूँदकर पश्चिमी देशों की अस्वस्थ जीवन शैली को भी प्रमुख कारण मानते हुए उन्होंने विकासशील देशों को आगाह किया है कि वे पश्चिमी देशों की गलतियों से सीख लें तथा उनकी गलतियां को ना दोहराएँ.
 
शोधकर्ताओं के अनुसार हालांकि संक्रमण से होने वाले कैंसर जैसे सर्वाइकल या फिर लीवर कैंसर के मामलों में कमी आ रही है, लेकिन इनकी कमी कैंसर के उन मामलों से काफी पीछे रह जाएगी जो कि गलत आदतों की वजह से काफी तेजी से बढ़ रही हैं. इनमें अत्यधिक मात्रा में शराब, सिगरेट के सेवन से होने वाले फेफड़ों, आंत और स्तन कैंसर प्रमुख हैं.

बी.बी.सी.के मुताबिक ये शोध फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर अर्थात् आई. ए.आर.सी. और अमेरिकन कैंसर सोसायटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया है. इस शोध कार्य के प्रमुख और आई. ए.आर.सी. के वैज्ञानिक फ्रेडी ब्रे के मुताबिक कैंसर उन देशों का एक बाई-प्रोडक्ट है जहां शिक्षा, आमदनी और जीवन शैली बेहतर हुई है. ब्रे और उनके साथी शोधकर्ताओं का अनुमान है कि साल 2030 तक 184 देशों में कैंसर के करीब  दो करोड़ 22 लाख नए मामले सामने आएंगे. ज्यादातर विकासशील देशों में लोग उस कैंसर से पीड़ित हैं जो संक्रमण की वजह से होता है. लेकिन भविष्य में इन्हें न सिर्फ इस तरह के कैंसर से निपटना होगा, बल्कि बदलती जीवन शैली की वजह से होने वाले कैंसर से भी लड़ना पड़ेगा. ब्रे का अनुमान है कि चीन में लोगों में धूम्रपान की बढ़ती लत से अगले कुछ दशकों में स्थिति खराब हो सकती है.  विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर का इलाज बहुत महंगा है, इसलिए गरीब देशों को इससे बचाव के उपायों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

20 मई, 2012

फसल में लगी भयानक आग

                                             ग्रामीणों की सूझबूझ से बच गया लखना 
              आग की लपट
भनपुर ब्लाक के ग्राम लखना में शाम को भीषण आग लग गई. नवापारा राजिम से 4 की.मी. दूर ये वही लखना गाँव है जो महानदी का टापू कहलाता है. महानदी में जब बाढ़ आती है तो यह गाँव चारों तरफ पानी से घिर जाता है लेकिन आज उल्टा हो गया. आज यह गाँव आग से घिर गया. हुआ यूं कि आज शाम अचानक तेज आंधी चलने से बिजली के तार आपस में टकरा गए , इसकी चिंगारी रवी फसल के धान के खेत में गिरी फलस्वरूप खेत में आग लग गई और देखते ही देखते चारों तरफ फ़ैल गई. तेज हवाओं के कारण आग की लपटे बस्ती तरफ बढ़ने लगी.
सहकारी चुनाव के सिलसिले में उधर दौरे में था सूचना मिलते ही 10 मिनट में लखना पहुँच गया. जीवन में पहली बार मैंने ऐसा भयावह दृश्य देखा. आग तेजी से गाँव की तरफ बढ़ रही थी, लोग घरों को खाली कर गलियों में आ गए थे. इस बीच कुछ लोगो ने साहस दिखाया और आग की लपटों को बस्ती में आने से रोकने के लिए खेतों की ओर बढे तथा लाठी ,डंडे तथा पेड़ की डालियों से लपटों को मार मार कर लपटों को बुझाया. अन्तोगत्वा आग पर काबू पा लिया गया . इस प्रकार एक बहुत बड़ी अनहोनी टल गई. आग जितनी तेजी से गाँव की तरफ बढ़ रही थी उसी तेजी से गाँव वालों ने मुस्तैदी के साथ आग को बुझाया. हालाँकि इस आगजनी से सैकड़ों एकड़ धान की फसल जल कर राख हो गई तथा अनेक मोटर पंप भी आग की चपेट में आ गए लेकिन सुकून वाली बात यह है कोई जन-हानि नहीं हुई.
आग बुझने के बाद राहत की साँस
 लखना गाँव में किसी समय एक जोगीबाबा ने तप किया था ,उनकी याद में ग्रामीणों ने भव्य मंदिर का भी निर्माण किया है. ऐसी मान्यता है कि जोगीबाबा के तप की वजह से गाँव में सुख शांति है. आज आग लगने के बाद एक समय ऐसा लगने लगा था कि समूचा गाँव जल कर राख हो जायेगा लेकिन गाँव बच गया . ग्रामीणों ने बचने का श्रेय जोगीबाबा को दिया तथा आग बुझने के बाद मंदिर में जाकर जोगीबाबा के प्रति आभार प्रकट किया.
  देशबंधु रायपुर   
 लखना में लगी आग को बुझाने में जुटे लोग

27 अप्रैल, 2012

ग्राम सुराज अभियान आईने की तरह



 राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष ने खोल्हा में लगायी चौपाल

रायपुर, 26 अप्रैल 2012


छत्तीसगढ़ राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने प्रदेश व्यापी ग्राम सुराज अभियान के अन्तर्गत रायपुर जिले के अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम खोल्हा में चौपाल लगाकर राज्य शासन की योजनाओं की समीक्षा की। श्री बजाज ने चौपाल में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा ग्राम सुराज अभियान एक तरह से सरकार के लिए आईने के समान होता है, जिसमें जन कल्याणकारी योजनाओं के जरिए गांवों में हो रहे विकास और ग्रामीणों की विभिन्न जरूरतों की झलक देखने को मिलती है। इसके आधार पर सरकार ग्रामीण विकास के लिए और भी बेहतर प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान शासन और प्रशासन के प्रतिनिधि हर गांव में पहुंचकर राज्य शासन के विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों से ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों के जीवन में आए बदलाव की जानकारी लेते हैं। अभियान से आम जनता को योजनाओं की समुचित जानकारी भी मिलती है। श्री बजाज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षो में प्रदेश के विकास के अनेक नये कीर्तिमान बने हैं। इससे गांवों में खुशहाली आयी है। श्री बजाज ने ग्राम खोल्हा में अनेक हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के चेक भी बांटे। उन्होंने ग्राम बकतरा और हसदा में भी ग्राम सुराज अभियान को जायजा लिया।

15 अप्रैल, 2012

गोवा के मुख्यमंत्री से सौजन्य मुलाकात

छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने आज पणजी में गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर से सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने श्री पर्रिकर को छत्तीसगढ़ प्रवास के लिए भी आमंत्रित किया। श्री बजाज वहां राष्ट्रीय सहकारी बैंक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान बैंगलुरू द्वारा आयोजित सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने गए थे। शिविर का आज समापन हुआ। श्री बजाज ने गोवा के मुख्यमंत्री को सौजन्य मुलाकात  में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डॉ. रमन ंसिंह के नेतृत्व में सहकारिता के माध्यम से किसानों से समर्थन मूल्य नीति के तहत धान खरीदी के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में बताया। उन्होंने श्री पारिकर को यह भी बताया कि इस वर्ष बीते खरीफ के दौरान राज्य में लगभग 60 लाख मीटरिक टन धान खरीदकर किसानों को करीब छह हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ में एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां कार्यरत हैं। उनके द्वारा धान खरीदी के लिए एक हजार 888 उपार्जन केन्द्रों की स्थापना की गई है। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों को सहकारी समितियों और ग्रामीण बैंकों के माध्यम से  वित्तीय वर्ष 2012-13 में मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋणों की सुविधा दे रही है। पिछले वर्ष तक उन्हें मात्र तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर यह सुविधा दी गई। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में सहकारी समितियों, ग्राम पंचायतों और महिला स्व-सहायता समूहों के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दस हजार से ज्यादा राशन दुकानों का संचालन किया जा रहा है। सहकारिता आन्दोलन छत्तीसगढ़ में काफी सुदृढ़ है। प्रशिक्षण शिविर में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मण्डल में श्री बजाज के  साथ सर्वश्री मिथिलेश दुबे, रमाकांत द्विवेदी, ए.के. लहरे और अरूण पुरोहित भी शामिल थे। DPR