ग्रामीणों की सूझबूझ से बच गया लखना
आग की लपट |
अभनपुर
ब्लाक के ग्राम लखना में शाम को भीषण आग लग गई. नवापारा राजिम से 4 की.मी.
दूर ये वही लखना गाँव है जो महानदी का टापू कहलाता है. महानदी में जब बाढ़
आती है तो यह गाँव चारों तरफ पानी से घिर जाता है लेकिन आज उल्टा हो गया.
आज यह गाँव आग से घिर गया. हुआ यूं कि आज शाम अचानक तेज आंधी चलने से बिजली
के तार आपस में टकरा गए , इसकी चिंगारी रवी फसल के धान के खेत में गिरी
फलस्वरूप खेत में आग लग गई और देखते ही देखते चारों तरफ फ़ैल गई. तेज हवाओं के कारण आग की लपटे बस्ती तरफ बढ़ने लगी.
सहकारी चुनाव के सिलसिले में उधर दौरे में था सूचना मिलते ही 10 मिनट में
लखना पहुँच गया. जीवन में पहली बार मैंने ऐसा भयावह दृश्य देखा. आग तेजी से
गाँव की तरफ बढ़ रही थी, लोग घरों को खाली कर गलियों में आ गए थे. इस बीच
कुछ लोगो ने साहस दिखाया और आग की लपटों को बस्ती में आने से रोकने के लिए
खेतों की ओर बढे तथा लाठी ,डंडे तथा पेड़ की डालियों से लपटों को मार मार
कर लपटों को बुझाया. अन्तोगत्वा आग पर काबू पा लिया गया . इस प्रकार एक
बहुत बड़ी अनहोनी टल गई. आग जितनी तेजी से गाँव की तरफ बढ़ रही थी उसी तेजी
से गाँव वालों ने मुस्तैदी के साथ आग को बुझाया. हालाँकि इस आगजनी से
सैकड़ों एकड़ धान की फसल जल कर राख हो गई तथा अनेक मोटर पंप भी आग की चपेट
में आ गए लेकिन सुकून वाली बात यह है कोई जन-हानि नहीं हुई.
आग बुझने के बाद राहत की साँस |
लखना गाँव में किसी समय एक जोगीबाबा ने तप किया था ,उनकी याद में ग्रामीणों ने भव्य मंदिर का भी निर्माण किया है. ऐसी मान्यता है कि जोगीबाबा के तप की वजह से गाँव में सुख शांति है. आज आग लगने के बाद एक समय ऐसा लगने लगा था कि समूचा गाँव जल कर राख हो जायेगा लेकिन गाँव बच गया . ग्रामीणों ने बचने का श्रेय जोगीबाबा को दिया तथा आग बुझने के बाद मंदिर में जाकर जोगीबाबा के प्रति आभार प्रकट किया.
देशबंधु रायपुर |
लखना में लगी आग को बुझाने में जुटे लोग |
जीवन बच गया, साहस के लिये साधुवाद..
जवाब देंहटाएंग्रामीणों की सूझबूझ सराहनीय है वरना इस गर्मी में आग पर काबू पाना सचमुच बहुत मुश्किल का काम है...
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