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29 जुलाई, 2010

विचार तत्व

1.  हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मो में प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनता है।
                                                                                                           - वाल्मीकि
2.  मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से और झूठ को सत्य से जीत सकता है।                                                                                                                           - गौतम बुद्ध
3.  प्रजा के सुख में ही राजा का सुख और प्रजाओं के हित में ही राजा को अपना हित समझना चाहिए।    आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं है, प्रजाओं की प्रियता में ही राजा का हित है ।
                                                                                                              - चाणक्य
  4.  अध्ययन, विचार, मनन, विश्वास एवं आचरण द्वार जब एक मार्ग को मजबूति से पकड़ लिया जाता है, तो अभीष्ट  उद्देश्य को प्राप्त करना बहुत सरल हो जाता है।
                                                                                        - आचार्य श्रीराम शर्मा
  5.  देवमानव वे हैं, जो आदर्शों के क्रियान्वयन की योजना बनाते और सुविधा की ललक-लिप्सा को अस्वीकार करके युगधर्म के निर्वाह की काँटों भरी राह पर एकाकी चल पड़ते हैं।
                                                                                        - आचार्य श्रीराम शर्मा                                                                                

28 जुलाई, 2010

समाचार पत्रों का आभार - 2

 आभार


"मंहगाई एवं नक्सलवाद पर उलझी लोकसभा एवं विधानसभा" शीर्षक से प्रकाशित 27-07-2010 के पोस्ट को दैनिक "छत्तीसगढ़ वाच" ने "स्वतंत्र विचार" स्तम्भ एवं दैनिक "छत्तीसगढ़ समाचार" ने "चौपाल" स्तम्भ में प्रकाशित किया. इसके अतिरिक्त अनेक ब्लागर मित्रों को पसंद आया . सभी को धन्यवाद.......




छत्तीसगढ़ वाच 28-07-2010


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                            छत्तीसगढ़ समाचार 28-07-2010

27 जुलाई, 2010

महंगाई व नक्सलवाद मुद्दे पर उलझी लोकसभा व विधानसभा

महंगाई व नक्सलवाद मुद्दे पर  उलझी लोकसभा व विधानसभा






देश की दो बड़़ी राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी,दो बड़ी पंचायते लोकसभा व छत्तीसगढ़ की विधानसभा देश के दो बड़े मुद्दे महंगाई और नक्सलवाद पर गरम हैं। एक ओर जहां देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने महंगाई को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाया है तो दूसरी ओर छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने नक्सलवाद के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। मजे की बात तो यह है कि एक जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो दूसरी जगह कांग्रेस  गठबंधन की सरकार है। इन दो ज्वलंत मुद्दों में एक दूसरे को घेरने के लिए दोनों पक्ष मैदान में कूद पड़े है।

दोनों स्थानों पर बहस चरम सीमा पर है। बहस को धारदार बनाने के लिए एक से एक दृष्टांत दिये जा रहे हैं। मैं आज छत्तीसगढ़ की विधानसभा में  पक्ष विपक्ष के तेवर देख रहा था। आरोप प्रत्यारोप के दौर चल रहे थे। भाजपा वाले कह रहे थे कि नक्सलवाद केवल छत्तीसगढ़ की समस्या नहीं बल्कि यह राष्ट्रीय समस्या है,जब केन्द्र व राज्य दोनों जगह कांगे्रस की सरकार थी तब से इस समस्या ने विकराल रूप ले लिया है,इस समस्या के लिए केवल छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। दूसरी ओर कांग्रेस वाले सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप जड़ रहे थे। उनका कहना था कि नक्सलवाद से बस्तर में कारगिल से ज्यादा लोग शहीद हुये हैं। कुछ विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर नक्सलवादियों से मिली भगत का भी आरोप लगाया। एक जिम्मेदार विपक्षी नेता ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों की नक्सलियों से सांठगांठ है। भाजपा ने बस्तर की 12 विधानससभा सीटों में से 11 सीटों पर विजय पाई है, यह भी एक मुद्दा था। विपक्ष का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी ने नक्सलियों से सांठगांठ कर 11 सीटे हासिल की है।



इस बीच लंच ब्रेक हो गया। स्पीकर द्वारा लंच के लिए कार्यवाही स्थगित करते ही लगा कि विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव ठंडा पर गया है। क्योंकि स्थगन प्र्रस्ताव का अर्थ होता है सब काम छोड़ कर (या ठप्प कर) जो सूचना दी गई है उस पर चर्चा कराना लेकिन पक्ष के साथ विपक्ष लंच पर चला गया।

जहां तक लोकसभा का सवाल है। यह देश की सबसे बड़ी पंचायत है। यहां प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने महंगाई के खिलाफ ”काम रोको प्रस्ताव ”लाया है। महंगाई एक ज्वलंत मुद्दा है। इससे सभी वर्ग के लोग त्रस्त है। मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ” आमदानी अठन्नी खर्चा रूपैय्या ” वाली कहावत जगह चरितार्थ हो रही है। पेट्रोल डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाकर सरकार ने लोगों को आफत में डाल दिया तथा स्वयं आफत मोल ले लिया। इ्र्रधन के दाम बढ़ने का असर दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर पड़ रहा है। लोकसभा में महंगाई के खिलाफ ” काम रोको प्रस्ताव ” पर सारा विपक्ष एक जुट दिखाई  दे रहा है। संयुक्त विपक्ष के हंगामें के चलते स्पीकर को बार-बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है। इस ”काम रोको प्रस्ताव ”का सरकार की सेहत पर क्या असर पडे़गा यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन आम आदमी की मुसीबतों का अंत होगा इसमे संदेह है।


सावन की झड़ी

                                     सावन की झड़ी


सावन की झड़ी आज भी दिन भर लगी रही ;अभी रात १२.२६ बजे जब मै यह पोस्ट लिख रहा हूँ ,बारिस का क्रम जारी है .नदी नाले उफान पर है .शाम को महासमुंद से लौटते वक्त छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी नदी महानदी में जलस्तर को बढ़ते देखा .झुग्गियों एवं निचली बस्तियों में बुरा हाल है .अब बरसात को कुछ दिनों के लिए थम जाना चाहिए अन्यथा जान-मॉल की हानि हो सकती है .साधना न्यूज चैनल के द्वितीय वर्ष गांठ पर आयोजित कविसम्मेलन से अभी अभी लौटा हूँ .बड़े नामी कविवर उपस्थित थे लेकिन श्रोताओ का अकाल पड़ा हुआ था.श्रोताओ की छ्निं उपस्थिति का मलाल आयोजको को तो था ही कवियों की वेदना से भी समझ आ रहा था लेकिन अतिविष्टि से प्रभावित लोगों की वेदना को कौन समझेगा?


       दिनांक - 26-07-2010          फोटो - हरिभूमि रायपुर