ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

13 मार्च, 2011

खतरनाक है अगरबत्ती की खुशबू


चंदन, केवड़ा, गुलाब,चंपा,चमेली औऱ तमाम दूसरी तरह के खुशबू अपने धुएं में समेटे जलने वाली अगरबत्ती खतरनाक भी हो सकती है. थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने तो बकायदा इसे जलाने के नए नियम कायदे बना दिए हैं.

भारत के मंदिरों की तरह ही थाइलैंड में भी देवी देवताओं को खुश करने के लिए अगरबत्ती जलाने का रिवाज है. यहां के बौद्ध मंदिरों में खूब अगरबत्ती जलाई जाती है. अगरबत्ती का धुआं माहौल में खुशबू और प्रार्थनाओं में आध्यात्मिक भावना जगाती है पर ये खतरनाक भी हो सकता है.

 आमतौर पर अगरबत्तियों को बनाने का काम छोटे स्तर पर और घरेलू उद्योग के रूप में होता है. इनमें कई तरह के तेल, रसायन, लकड़ी और दूसरी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री जुरीन लक्सनाविजित की तरफ से जारी बयान में कहा गया है अगरबत्तियों में बेंजीन, ब्यूटाडाइन और बेन्जो पाइरेन की खतरनाक मात्रा होती है. स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इन रसायनों की वजह से ल्यूकेमिया और फेफड़ों, त्वचा,ब्लाडर का कैंसर हो सकता है.

मंत्रालय ने मंदिरों को ऐसी जगहों पर जहां से हवा के गुजरने का पुख्ता इंतजाम न हो अगरबत्तियों को जलाना बंद करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही मंदिर कर्मचारियों को अगरबत्तियां जलाने के बाद अपने हाथों और चेहरे को अच्छी तरह से धोने के लिए कहा गया है. इसके साथ
ही मंदिर कर्मचारियों का हर साल स्वास्थ्य परीक्षण कराने की भी बात कही गई.

हम सुगंधों को जितना जानते हैं, उनसे किसी खतरे का गुमान नहीं होता। इत्र-फुलेल और विदेशी सेंटों के रूप में मिलने वाली सुगंधों से लोगों की सुरुचि का ही अहसास होता है। पर इधर सुगंधों से खतरे की बू आने लगी है।


ये सुगंधें सिर्फ इत्र या सेंट की शीशियों में नहीं हैं, ये हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में काम आने वाली तमाम चीजों में समाई हैं। जैसे कि डियो, कपड़े धोने के साबुन, एयर फ्रेशनर, मॉस्किटो रिपलेंट या खुशबूदार पेन-पेंसिल-कागज़ वगैरह। कुछ अरसा पहले तक घरेलू उपयोग की इन चीज़ों में अलग से कोई सुगंध नहीं डाली जाती थी। पर अब कुछ डिटर्जन्ट, साबुन वगैरह में भी अपनी खास सुगंध होती है। यह मनमोहक महक ज़ाहिर है, उन उत्पादों को इस्तेमाल करने वालों को अच्छी लगती है, जब तक कि उन्हें उससे कोई एलर्जी न हो। पर साइंटिस्टों ने ऐसी सुगंधों को खतरनाक पाया है। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के विज्ञानियों ने एक व्यापक शोध में पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स, एयर फ्रेशनर्स और लॉन्ड्री प्रॉडक्ट्स के सुगंधित बनाए गए विभिन्न ब्रैंड्स को विषैला और इंसानों की सेहत के लिए खतरनाक माना है। खतरे की वजह इन प्रॉडक्ट्स में सुगंध पैदा करने के लिए इनमें मिलाए गए वे रसायन हैं, जो पहले नहीं इस्तेमाल होते थे- एसिटोन, लाइमोनेन, एसिटिल्डिहाइड और 1,4-डायऑक्सेन आदि जैसे रसायन खुशबू पैदा करते हैं।


हालांकि शोध में इन रसायनों की वजह से सेहत पर पड़ने वाले असर का अध्ययन नहीं किया गया है, पर कुछ दूसरी रिसर्च से पता लगता है कि खुशबूदार उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले बहुत से लोग कुछ विशेष किस्म की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की शिकायत करने लगे हैं। इन परेशानियों की वजह जानना मुश्किल नहीं है। साबुन, डिटर्जन्ट या मच्छर भगाने वाले लिक्विड में पहले से ही तमाम केमिकल होते हैं और उनके खुशबूरहित ब्रैंड्स के इस्तेमाल से भी एलर्जी से लेकर दमा, कैंसर जैसी बीमारियों और न्यूरोलॉजिकल व जिनेटिक विकृतियों तक की आशंका होती है।


जब खुशबू पैदा करने के लिए इन उत्पादों में प्राकृतिक सुगंधों की जगह दूसरे केमिकल मिलाए जाते हैं, तो बीमारियों का खतरा भी और बढ़ जाता है। ऐसे में साइंटिस्टों की सलाह है कि किसी खुशबूदार प्रॉडक्ट की जगह अपनी स्वाभाविक गंध वाले उत्पाद ही खरीदें और जहां तक कमरे को महकाने वाले एयर फ्रेशनर की बात है, तो उसकी खुशबू के मुकाबले कमरे में आती स्वच्छ हवा ज़्यादा बेहतर है, क्योंकि उससे सेहत की सुगंध आती है।


अगरबत्ती हो चाहे कोई भी इत्र उसकी खुशबू प्राणलेवा है .मुझे  स्वयं इससे भारी  एलर्जी है .आप भी इससे बचें तथा दूसरों को भी इससे बचने की सलाह दें .DW NEWS

12 मार्च, 2011

जापान में सुनामी: हर तरफ़ तबाही का मंज़र





        जापान के इतिहास में सबसे भयंकर भूकंप और इसके बाद आए सूनामी ने देश के एक बड़े हिस्सा का नक्शा बदल कर रख दिया. 10 मीटर विशाल लहरों ने सैकड़ों लोगों का जीवन लील लिया और रास्ते में जो कुछ भी आया, उसे नष्ट कर दिया .
        हजारों कारें, जहाजें, ट्रेनें, बसें और इमारतें पानी के आगे रेत साबित हुईं और सूनामी की लहरों में बह गईं. स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित रेड क्रॉस का कहना है कि सूनामी की लहरें इतनी ऊंची थीं, जितनी पहले कभी नहीं दिखीं. इसके बाद पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में सूनामी की चेतावनी जारी कर दी गई.

वेबसाइटों पर मदद की गुहार ....

जापान में आए भूकंप और सुनामी में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट काफ़ी कारगर साबित हो रहे हैं.

शुक्रवार को गूगल वेबसाइट ने दिनभर एक चेतावनी संदेश अपने मुखपृष्ठ पर रखा और अब राहत और बचाव में भी इन वेबसाइटों से मदद मिल रही है.बीबीसी के मार्क लोबेल ने इस संकट की घड़ी में एक ऐसी ही वेबसाइट पर नज़र डाली तो पाया कि लोग इन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं क्योंकि आमतौर पर चुस्त टेलीफ़ोन सेवाएं ठप्प पड़ गई हैं.जापान के मुख्य व्यावसायिक टीवी चैनलों में से एक की लाइव स्ट्रीमिंग वेबसाइट पर एक चैटबोर्ड खुला हुआ है जिसपर हर दूसरे सेकंड में कोई न कोई संदेश आ रहा है.जापान में शनिवार की सुबह के तीन बजे हैं जब एक संदेश आता है: “कृपया मेरी मदद करो. कृपया आपात सेवाओं को ख़बर करो. मेरा भाई फंसा हुआ है. 421-2 कोयोबाई इज़ूमिकू, सेनदाइशा.”

मदद की ये करूण गुहार स्क्रीन पर लगभग एक मिनट तक रहती है. नए संदेश जल्द ही उसे पीछे ढकेल देते हैं.लेकिन ठीक सात मिनट बात एक और संदेश आता है: “421-2 में रहने वाले व्यक्ति को सुरक्षित निकाल लिया गया है.”तभी एक और संदेश आता है जिसमें कोई लोगों से बिजली की तारों को नहीं छूने की सलाह देता है और फिर कोई दूसरा सुनामी से प्रभावित लोगों के लिए दुआ करता है.

और फिर एक और संदेश: “मेरे दोस्त की पत्नी और बच्चा वाकाबायाशिकू में हैं और हम उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे. कृपया मुझे उस इलाके के बारे में कोई ख़बर दें.”

और पांच मिनट बाद एक और संदेश आता है: “मेरी मां और मेरा कुत्ता चार बजे तक घर में थे. पता है नंबर 2 मिनातोमाची, इशीमाकिशी, किबा. तब ग्राउंड फ़्लोर में पानी भर चुका था और अब मैं उनसे बिल्कुल ही संपर्क नहीं कर पा रहा हूं. कृप्या उन्हें बचाओ.”

इसके पहले जब पानी का स्तर बढ़ रहा था तब आ रहे संदेशों में भी लोगों की आशंकाएं थीं, डर था और सोशल मीडिया एकमात्र साधन था अपना संदेश बाहर पहुंचाने का.

लेकिन इस संकट के विकराल होते रूप के साथ अब संदेश बाहर पहुंचाना जितनी बड़ी चुनौती है उतनी बड़ी ही चुनौती इस बात की है कि कोई उसे पढ़ सके क्योंकि हर पल संदेश बढ़ते जा रहे हैं. हर दूसरे सेकंड कोई न कोई संदेश आ ही रहा है.
गूगल से प्राप्त तस्वीरें .....

देखिये   अखबार .........


हिंदी दैनिक "  नवभारत " रायपुर का मुखपृष्ठ दिनांक 12/03/2011
हिंदी दैनिक "  हरिभूमि " रायपुर का मुखपृष्ठ दिनांक 12/03/2011



इस भीषण त्रासदी के शिकार सभी जापानी भाइयों-बहनों  के प्रति गहरी संवेदना प्रगट करते हुए प्रार्थना  करता हूँ कि  ईश्वर उनके परिजनों को इस प्रलय-बेला  से उबरने की शक्ति दे . 

11 मार्च, 2011

भा.ज.पा.सहकारिता प्रकोष्ठ का जंतर-मंतर नई दिल्ली में प्रदर्शन एवं राष्ट्रपति को ज्ञापन





भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ ने राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा पाटिल से दिनांक 07 मार्च 2011 को  भेंट कर बहुराज्यीय  सहकारी समिति अधिनियम संशोधन विधेयक 2010 एवं प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक 2010 को वापस लेने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा । प्रतिनिधिमंडल में सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन, प्रकोष्ट के राष्ट्रीय प्रभारी श्री संतोष गंगवार, प्रकोष्ट के राष्ट्रीय संयोजक श्री धनंजय कुमार सिंह, सांसद श्री ए.टी. नाना पाटिल, सांसद श्री हुकुमनारायण देव सिंह, सह-संयोजक श्री सुनील गुप्ता, श्री अशोक बजाज, श्रीमती वर्षा मांडुलकर एवं श्री अशोक दबाज  नई दिल्ली शामिल थे।
 
राष्ट्रपति से मिलने से  पूर्व भा.ज.पा.सहकारिता प्रकोष्ठ के आव्हान पर देश भर से पंहुचें सहकारी कार्यकर्ताओं  ने    प्रत्यक्ष कर संहिता एवं बहुराज्यीय सहकारी अधिनियम संशोधन विधेयक के विरोध में  जंतर मंतर नई दिल्ली में प्रदर्शन किया।बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2010  में आमसभा के पारित नियमों को केंद्रीय रजिस्ट्रार  को संशोधित करने का अधिकार दिया जा रहा है, जो कि प्रजातन्त्र की मूल भावना के खिलाफ  है। सहकारिता जीवन पद्धति है एवं देश की बुनियाद सहकारिता है। केंद्र सरकार सहकारिता को कुचलने का प्रयास कर रही है। सरकार की सहकारी विरोधी  नीति के चलते सहकारी समितियों एवं संस्थाओं की आर्थिक सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। प्रदर्शन में  श्री  धनंजय कुमार सिंह, सांसद श्रीमती  सुमित्रा महाजन, राज्यसभा के सदस्य श्री नंदकुमार साय, श्री गोपाल व्यास,  श्री श्रीमती अनुसुईया उइके, प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी  श्री संतोष गंगवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री भावना बेन चिखलिया, सह संयोजक द्वय श्री सुनील गुप्ता, श्रीमती वर्षा  माडगुलकर, प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, उपाध्यक्ष  श्री राधाकृष्ण गुप्ता, श्री लखनलाल साहू, जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष  श्री देवेंद्र पांडेय, दुर्ग के  श्री प्रीतपाल बेलचंदन, अंबिकापुर से  श्री राजाराम भगत,  श्री प्रवीण चंद्राकर, राजनांदगांव के  श्री शशिकांत द्विवेदी  के अलावा  छत्तीसगढ़ के लगभग 650 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।







04 मार्च, 2011

महाशिवरात्रि पर्व एवं राजिम अर्ध्दकुंभ 2011 के समापन की झलकियां

महाशिवरात्रि पर्व एवं राजिम अर्ध्दकुंभ 2011 के समापन की झलकियां

ग्राम केंद्री में पूजा अर्चना
ग्राम केंद्री के मंच में अशोक बजाज के साथ श्रीराम सिन्हा ,पोखन साहू एवं इलेक्ट्रानिक मिडिया के राजेश शुक्ला .

ग्राम केंद्री में अशोक बजाज का स्वागत करते हुए नेतराम साहू

ग्राम केंद्री ,बेन्द्री एवं सिंगारभांठा के सेंटर में स्थित नागेश्वर महादेव 


राजिम अर्द्ध कुंभ के समापन समारोह में पहुंचें  महामहिम राज्यपाल  श्री शेखर दत्त


राजिम अर्द्ध कुंभ के समापन समारोह में पहुंचें  मूर्धन्य साधू-संत

राजिम अर्द्ध कुंभ के समापन समारोह में चर्चा करते हुए  महामहिम राज्यपाल  श्री शेखर दत्त एवं श्री बृजमोहन अग्रवाल
राजिम अर्द्ध कुंभ के समापन समारोह में  पुस्तक का विमोचन
राजिम अर्द्ध कुंभ के समापन समारोह में  एक सी.डी.का विमोचन
राजिम अर्द्ध कुंभ के समापन समारोह में  उपस्थित जन-समुदाय को संबोधित करते हुए श्री अशोक बजाज
राजिम अर्द्ध कुंभ के समापन समारोह में  उपस्थित जन-समुदाय को संबोधित करते हुए श्री अशोक बजाज
राजिम अर्द्ध कुंभ की सफलता  से गदगद साधु-संत
समापन के बाद गूँजें साधु-संतों के  ठहाके
समापन मंच में (ऊपर )श्री राजीव लोचन की आरती ,(नीचे  ) मंच में बैठे अतिथि गण     
छत्तीसगढ़ यादव समाज की वार्षिक आम-सभा
छत्तीसगढ़ यादव समाज की वार्षिक आम-सभा
छत्तीसगढ़ यादव समाज की वार्षिक आम-सभा
छत्तीसगढ़ यादव समाज की वार्षिक आम-सभा