भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ ने राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा पाटिल से दिनांक 07 मार्च 2011 को भेंट कर बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम संशोधन विधेयक 2010 एवं प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक 2010 को वापस लेने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा । प्रतिनिधिमंडल में सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन, प्रकोष्ट के राष्ट्रीय प्रभारी श्री संतोष गंगवार, प्रकोष्ट के राष्ट्रीय संयोजक श्री धनंजय कुमार सिंह, सांसद श्री ए.टी. नाना पाटिल, सांसद श्री हुकुमनारायण देव सिंह, सह-संयोजक श्री सुनील गुप्ता, श्री अशोक बजाज, श्रीमती वर्षा मांडुलकर एवं श्री अशोक दबाज नई दिल्ली शामिल थे।
राष्ट्रपति से मिलने से पूर्व भा.ज.पा.सहकारिता प्रकोष्ठ के आव्हान पर देश भर से पंहुचें सहकारी कार्यकर्ताओं ने प्रत्यक्ष कर संहिता एवं बहुराज्यीय सहकारी अधिनियम संशोधन विधेयक के विरोध में जंतर मंतर नई दिल्ली में प्रदर्शन किया।बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2010 में आमसभा के पारित नियमों को केंद्रीय रजिस्ट्रार को संशोधित करने का अधिकार दिया जा रहा है, जो कि प्रजातन्त्र की मूल भावना के खिलाफ है। सहकारिता जीवन पद्धति है एवं देश की बुनियाद सहकारिता है। केंद्र सरकार सहकारिता को कुचलने का प्रयास कर रही है। सरकार की सहकारी विरोधी नीति के चलते सहकारी समितियों एवं संस्थाओं की आर्थिक सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। प्रदर्शन में श्री धनंजय कुमार सिंह, सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन, राज्यसभा के सदस्य श्री नंदकुमार साय, श्री गोपाल व्यास, श्री श्रीमती अनुसुईया उइके, प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी श्री संतोष गंगवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री भावना बेन चिखलिया, सह संयोजक द्वय श्री सुनील गुप्ता, श्रीमती वर्षा माडगुलकर, प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, उपाध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता, श्री लखनलाल साहू, जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष श्री देवेंद्र पांडेय, दुर्ग के श्री प्रीतपाल बेलचंदन, अंबिकापुर से श्री राजाराम भगत, श्री प्रवीण चंद्राकर, राजनांदगांव के श्री शशिकांत द्विवेदी के अलावा छत्तीसगढ़ के लगभग 650 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।
हल्ला बोल हल्ला बोल
जवाब देंहटाएंअच्छा कार्यक्रम रहा।
जनता जिसके साथ,उसकी होती जीत
ना काहू से दुश्मनी,ना काहू से प्रीत।
प्रजातंत्र की गरिमा और सद्भाव दिखाई पड़ा चित्रों में.
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