अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि भारत एक उभरती हुई ताकत नहीं है बल्कि ग्लोबल पावर बन चुका है.ओबामा ने भारतीय संसद को संबोधित करते समय भारत के प्रति अपने प्रेम का खूब इजहार किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को अपने संबोधन में हिंदी के शब्द 'बहुत धन्यवाद' और 'जय हिंद' कहते हुए देश के प्राचीन ज्ञान, इतिहास की समझ एवं सांस्कृतिक विविधता के लिए भारतीयों की सराहना की।
ओबामा ने लगभग 45 मिनट के भाषण में भारत की सभ्यता संस्कृति से लेकर हर क्षेत्र में उसकी तरक्की की जमकर तारीफ की. भारत में शून्य से सुपर कंप्यूटर तक के आविष्कार का हवाला देकर ओबामा ने भारत को विश्व शक्ति करार दिया.इसे उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार और इसमें स्थाई सदस्यता के भारत के दावे को सही ठहराने की दलील के तौर पर भी इस्तेमाल किया.साथ ही चीन का नाम लिए बगैर उन्होंने इसे सुरक्षा परिषद में शक्ति संतुलन के पक्ष में भी बताया.
ओबामा ने कहा "मुझे आने वाले कुछ सालों में सुरक्षा परिषद में सुधार की पूरी उम्मीद है और इसी के बलबूते मैं इसमें भारत के स्थाई सदस्य के रूप में मौजूद होने की उम्मीद करता हूं."
भारत सरकार ने सुरक्षा परिषद में समर्थन के लिए दिए गए ओबामा के वक्तव्य को सराहनीय पहल बताया है. इसके अलावा विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी इसकी सराहना की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने ओबामा की भारत यात्रा को सफल बताया.
ओबामा ने एशिया के 10 दिवसीय दौरे की शुरुआत भारत से की है. यात्रा के अंतिम चरण में भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते समय ओबामा ने भारत के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह पहली बार किसी देश की तीन दिन की यात्रा कर रहे हैं.
ओबामा ने भारत की साझी सांस्कृतिक विरासत, समन्वयवादी सभ्यता और आजादी के बाद हर क्षेत्र में की गई तरक्की को दुनिया के लिए अनुकरणीय बताया. उन्होंने कहा कि इसी वजह से वह भारत के प्रशंसक हैं. उन्होंने भारत की आजादी के बाद महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलने को उसकी ताकत और तरक्की का मूल स्रोत बताया. ओबामा ने कहा कि गांधी दर्शन दुनिया में शांति और समग्र विकास का ऐसा सूत्र है जो दुनिया की बेहतर तस्वीर बना सकता है.
इसके अलावा उन्होंने रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए भारत और अमेरिका की आपसी भागीदारी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया. ओबामा ने कहा कि इसके लिए अमेरिका ने भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु सहयोग समझौता किया है.इससे दोनों देशों के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.
ओबामा ने अभिभाषण में अपने आदर्श महात्मा गांधी का जिक्र पांच बार किया और भारत का नाम 61 बार लिया।