आशंकाओं -कुशंकाओं के लंबे दौर के बाद अंततः एक ऐतिहासिक फ़ैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अयोध्या के विवादित स्थल को राम जन्मभूमि घोषित कर दिया .हाईकोर्ट ने बहुमत से फ़ैसला किया है कि विवादित भूमि जिसे रामजन्मभूमि माना जाता रहा है,उसे हिन्दुओं को दे दिया जाए तथा वहाँ पर स्थापित रामलला की प्रतिमा को यथावत रखा जाय . फैसले के अनुसार सीता रसोई और राम चबूतरा को निर्मोही अखाड़े को देने तथा ज़मीन का एक तिहाई हिस्सा मुसलमानों को सौपने का आदेश दिया है .जजों ने माना है कि विवादित मस्जिद के अंदर भगवान राम की मूर्तियां 22/23 दिसंबर 1949 को रखी गई थी .उन्होनें यह भी माना है कि मस्जिद का निर्माण बाबर अथवा उसके आदेश पर किया गया और यह जगह भगवान राम का जन्म स्थान है .अदालत ने यह भी माना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई में वहाँ एक विशाल प्राचीन मदिर के अवशेष मिले हैं ,जिसके खंडहर पर मस्जिद बनी. लेकिन तीनों जजों में इस पर मतभेद है कि मस्जिद बनाते समय पुराना मंदिर तोड़ा गया.
अदालत के फैसले को हम बहुत ही संतुलित फैसला मान सकते है .अदालत ने सभी पक्षों को खुश कर दिया है .यदि इस फैसले को सभी लोग स्वीकार कर ले तो देश में राष्ट्रीय एकता की मिशाल कायम हो जाएगी .अदालत का फैसला देर आयद दुरूस्त आयद वाली कहावत को चरितार्थ करती है . 00764