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30 जनवरी, 2019

रहिमन और कबीर के प्रासंगिक दोहे

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, 
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
                                                                                      
रहिमन चुप हो बैठिये, देखि दिनन के फेर।
जब नीके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर॥


1 टिप्पणी:

  1. गूंगा चुप हो गया चमेली ने हाथ पकड़कर द्वार से निकल जाने को कहा गूंगे की समझ में कुछ नहीं आ रहा था चमेली उस पर खुब चिल्लाई, उसे बहुत बुरा भन्ना कहा, लेकिन जैसे मंदिर की मूर्ति कोई उत्तर नहीं देती वैसे ही उसने भी कुछ नहीं कहा। उसे केवल इतना ही समझ आया कि मालकिन नाराज है और उसे घर से निकल जाने को कह रही है। उसे इस बात पर हैरानी और विश्वास हो रहा था।

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