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31 अक्टूबर, 2017

उत्तिष्ठोत्तिष्ठगोविन्द त्यजनिद्रांजगत्पते।

उत्तिष्ठोत्तिष्ठगोविन्द त्यजनिद्रांजगत्पते। 
त्वयिसुप्तेजगन्नाथ जगत् सुप्तमिदंभवेत्॥
उत्तिष्ठोत्तिष्ठवाराह दंष्ट्रोद्धृतवसुन्धरे।
हिरण्याक्षप्राणघातिन्त्रैलोक्येमङ्गलम्कुरु॥


आप सबको देवउठनी के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

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