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01 मार्च, 2012

एक ब्लॉगर का यू टर्न



ब्लाग पंडित श्री ललित शर्मा ने फेसबुक से मोह त्याग कर पुनः ब्लागिंग का रास्ता पकड़ लिया है .कुछ माह पूर्व तक इस शख्स को अपने चर्चित ब्लाग ललित डाट काम में  नई पोस्ट लगाये बिना नींद नहीं आती थी. विषय कोई  ढंग का हो या ना हो लेकिन अपनी लेखनी से उसे रोचक बना देने की कला में माहिर इस शख्स ने  हाथी,घोडा,गधा,घड़ी,रेडियो,साइकल,खेत,खलिहान,नदी,पहाड़,बैल,भैस,कुत्ता,धर्म,संस्कृति,भाषा,बोली,रीति-रिवाज   और ना जाने कितने विषयों पर पोस्ट लिखा है.यहाँ तक कि झाड़ू जैसे निकृष्ट विषय पर भी इसने पोस्ट लिखी है .सर्च इंजिन  में कुछ भी सर्च करो ब्लाग पंडित सर्च हो जाते थे .कमेन्ट बटोरने में भी इसका कोई जवाब नहीं . एक-एक पोस्ट में सौ-सौ कमेन्ट कैसे प्राप्त करना है यह कला कोई इसी से सीखे . चिट्ठाजगत की सक्रियता क्रमांक में हमेशा टॉप टेन में रहने वाले इस शख्स को एक दिन फेसबुक का नशा चढ़ गया फिर क्या था वह फेसबुक का ही होकर रह गया . लेखनी बंद हो गई , कमेंट्स बंद हो गए और सर्च इंजिन भी फेल हो गया . बहुत सारे साथी भी छुट गए. फेसबुक तो आखिर फेसबुक है उसके कारण इतनी कुर्बानी तो देनी ही पड़ेगी .
ब्लाग पंडित श्री ललित शर्मा


     शायद भूलन कांदा के प्रभाव से अचानक आज उसने यूं टर्न  लिया और फेसबुक से नाता तोड़ कर पुनः ब्लोगिग की दुनिया में प्रवेश कर लिया . अभी भी ऐसे बहुत से ब्लागर है जो ब्लोगिंग से कट चुके है . एक समय मुझे भी लग रहा था कि ब्लोगिंग कहीं संग्रहालय की वस्तु तो नहीं बन जायेगी . वैसे मै भी अपनी सामाजिक ,राजनैतिक व्यस्तताओं के चलते पिछले तीन माह से ब्लोगिंग के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहा हूँ,सो फेसबुक से ही संतोष करना पड़ रहा है . लेकिन मैंने ब्लोगिंग के प्रति बेरुखी नहीं दिखाई . जब भी थोड़ा वक्त मिलता है लिख ही लेता हूँ . चुनाव प्रचार के लिए लंबे समय तक उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में रहना पड़ा . वहां सर्वर धीमी गति से चलता था ,ऊपर से कड़कड़ाती ठण्ड . वहां रजाई में दुबकने में ही भलाई थी .

बहरहाल आज जब ललित ने  फेसबुक से मुंह मोड़ा तो इस पोस्ट के लिए समय निकालना लाजिमी हो गया . आशा है कि अब नियमित रूप से ललित डाट काम में विभिन्न विषयों पर लेख पढ़ने को मिलेगा. 

8 टिप्‍पणियां:

  1. ठीक कहा आपने फेस बुक ने काफी कुछ छीन लिया था हम सबसे... बहुत दिनों से ललितजी की कोई पोस्ट न देखकर अच्छा नहीं लग रहा था रोज सुबह के अख़बार की तरह होती हैं उनकी पोस्ट. अब उनकी वापसी हमारे लिए जरुर कुछ नया लेकर आएगी... स्वागत है उनका ब्लॉग पर एक बार फिर से... और आपका आभार इस सुन्दर आलेख के लिए...

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  2. सभी ब्‍लोगरों को फेसबुक का नशा त्‍यागने की जरूरत है ..
    बहुत कम हो गया है सभी ब्‍लोगरों का लेखन !!

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  3. ब्लॉग आखिर ब्लॉग है ...जरूरी है लौटना ...

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  4. फेसबुक से नाता तोड़ने के बाद बहुत समय मिलता है, हमने भी माह भर पहले छोड़ दिया।

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  5. लौट के ............घर को आये. ललित जी की वापसी का गरमजोशी से स्वागत करते है!

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  6. swagat awm aabhar blogguru lalit ji ka.....kisi ka ghar chhod aaye..........uska bhi apna ritapan hoga .. pr aapki jarurat yaha adhik thi.....badhai ho ghar wapsi ki..

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