छत्तीसगढ़ |
जहाँ तक रायपुर जिले का सवाल है लगभग 14 वर्षों बाद इस जिले का पुनः विभाजन हुआ है . 24 विकासखंडों एवं 20 विधानसभा क्षेत्रों में फैले इस जिले की गिनती कभी देश के वृहत जिलों में होती थी . 6 जुलाई 1998 को इस जिले को विभाजित कर धमतरी एवं महासमुंद जिले का निर्माण किया गया . चार विकासखंडों--धमतरी,नगरी,कुरूद एवं मगरलोड को धमतरी जिले में तथा पांच विकासखंडों- महासमुंद,बागबहरा,पिथौरा,बसना एवं सरायपाली को महासमुंद जिले में शामिल किया गया .जिले के तीन टुकड़े होने के बावजूद भी पंद्रह विकासखंड
अभनपुर,धरसीवां,तिल्दा,सिमगा,भाटापारा,बलौदाबाजार,पलारी,कसडोल,बिलाईगढ़,आरंग,फिंगेश्वर,छुरा,गरियाबंद,मैनपुर
एवं देवभोग इस जिले में रह गए थे.
रायपुर जिले का नया आकार |
अभी देवभोग ब्लाक के तेल नदी के आगे के ग्रामीणों को लगभग 250 की.मी. की दूरी तय कर जिला मुख्यालय रायपुर आना पड़ता था अब उन्हें गरियाबंद आने के लिए मात्र 150 - 160 की.मी. की दूरी तय करनी पड़ेगी . इसी प्रकार बिलाईगढ़ ब्लाक के लोगों को बलौदाबाजार आने के लिए अधिकतम 125 की.मी. की दूरी तय करनी पड़ेगी . इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी ,वे आसानी से जिला मुख्यालय तक पहुँच सकेंगें .
राज्य बनाने के बाद रायपुर जिले का विभाजन प्रशासनिक
दृष्टि से काफी लाजिमी हो गया था . राजधानी होने के कारण प्रशासनिक अमले का सारा
ध्यान रायपुर में ही लगा रहता है , सुदूर के क्षेत्रों में प्रशासन की पकड़
मजबूत बनाने के लिए डा. रमन सरकार ने बेहतर निर्णय लिया है . नए जिलों के निर्माण से एक ओर जहाँ आम लोगों की अड़चने दूर होंगीं तो दूसरी ओर सरकार को अपने विकास के दृष्टिकोण को अमलीजामा पहनाने में सुविधा होगी. सरकार की इस उपलब्धि को कई पीढ़ी तक याद किया जायेगा . मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 9 नए जिलों का निर्माण कर छत्तीसगढ़ महतारी को सबसे महंगे आभूषण नौलखा से विभूषित किया है .
प्रखर समाचार में ग्राम चौपाल
ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारी पर आधारित सम-सामयिक आलेख के लिए आभार. छत्तीसगढ़ में नए कैलेण्डर वर्ष २०१२ का स्वागत नौ नए जिलों के निर्माण से हो रहा है .यह एक सुखद ,यादगार, उत्साहजनक और ऐतिहासिक घटना है. इसका सम्पूर्ण श्रेय डॉ. रमन सिंह और उनकी सरकार को है. उन्होंने इस नए राज्य की विकास यात्रा में एक नया कीर्तिमान बनाया है.उन्हें और आपको नए वर्ष के आगमन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंप्रशासनिक कसावट एवं शासकीय योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग की दृष्टि से 9 नये जिले के गठन
जवाब देंहटाएंका एतिहासिक निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। इस सूझबूझ और दूरदर्शी निर्णय के लिए प्रदेश के मुखिया
मान0 डॉ0 रमनसिंह बधाई के पात्र हैं। दि 01.01.2012 निश्चित ही नवगठित 9 जिले के लोगों के लिए अविस्मरणीय एवं
नव-वर्ष का सर्वोत्तम उपहार होगा। मान0 डॉ0 रमनसिंह द्वारा जनहित में लिये गये इस महत्वपूर्ण निणर्य का राजनैतिक
लाभ भी आने वाले चुनावों में भाजपा को मिलेगा। रायपुर जिले की रोचक एतिहासिक और ज्ञानवर्द्धक जानकारी के प्रस्तुतिकरण लिए आपको धन्यवाद्.....................!