कांग्रेस ने कहा है कि योगगुरु बाबा रामदेव कांग्रेस मंत्रिमंडल से किए गए अनशन वापस लेने के अपने वादे से मुकर गए हैं, वहीं बाबा रामदेव ने कहा है कि वो अपना अनशन जारी रखेंगे. |
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण सरकार की ओर से की गई पेशकश के जवाब में लिखित में सरकार से कह चुके हैं कि वो अपना अनशन वापस ले लेगें.
इधर बाबा रामदेव ने कहा है कि सरकार जब तक उनकी मांगों को नहीं मानती वो अपना अनशन जारी रखेंगे.
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने एक पत्रकार वार्ता बुलाकर रामदेव के अनशन में साध्वी ऋतम्बरा के पहुंचने और उनके साथ स्टेज पर बैठने को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के कई कार्यकर्ता रामलीला मैदान में मौजूद थे. साध्वी ऋतंभरा पर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में केस चल रहा है. मनुसिंघवी ने कहा, ''जो लोग काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बात कर रहे हैं, वो बताएं कि यहां मौजूद सभी संस्थाएं क्या पारदर्शिता से काम करती हैं.'' साथ ही उन्होंने रामलीला मैदान में हुए इंतज़ाम को फाइवस्टार क़रार देते हुए उसके लिए आए खर्चे के स्त्रोत पर भी सवाल उठाए.
मांगो में ढिलाई
इसके जवाब में योग गुरु बाबा रामदेव ने तीखे तेवर अपनाए लेकिन साथ ही वो अपनी मांगो में ढिलाई देते भी नज़र आए. उन्होंने कहा,''हमारा कोई सांप्रदायिक एजेंडा नहीं है और कई मुसलमान भाई भी हमारे साथ हैं.''
काला धन छिपाने वालों के लिए मृत्युदंड को आजीवन कारावस में बदलते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया में मृत्यु दंड को लेकर बहस है, तो क्या उन लोगों को आजीवन कारावास नहीं दिया जा सकता है जो काला धन ले जाकर विदेशों में छुपाते है."
उन्होंने कहा कि अगर विदेशों में जमा काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दिया जाए तो वो अपना उपवास ख़त्म कर देंगे. कल तक वो मांग कर रहे थे कि जो लोग काला धन विदेशों में छुपाते हैं उन्हें देशद्रोही क़रार दिया जाना चाहिए. उन्होंने ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ मौत की सज़ा की मांग की थी.
रामदेव ने बड़े नोटों 500 और 1000 रूपये के नोटों को वापस लिए जाने की मांग भी 'स्थगित' करने की बात कही.
अपने समर्थकों के समक्ष बोलते हुए उन्होंने कहा कि वो इस मांग को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर रहे हैं.
अत्याधुनिक इंतज़ाम
इस बीच रामदेव के अनशन के लिए शनिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान का नक्शा ही बदला हुआ था. वहां भीड़ होगी, इसका अंदाज़ा तो हमें था लेकिन उसके स्वागत के लिए तैयारी इतनी सुव्यवस्थित होगी, ये नहीं सोचा था. विशाल तम्बू और उसमें हर राज्य के लोगों के लिए अलग जगह.
तेज़ गर्मी थी लेकिन पंखे भी थे, वो भी तम्बू की छत पर लटके.आराम इतना था कि कई लोग सो रहे थे.
लोगों की सहूलियत के लिए मंच की गतिविधियों का सीधा प्रसारण करती दो विशाल स्क्रीन थी.इस स्क्रीन पर सभी दिशाओं से ताज़ा तस्वीरें दिखाई जा सकें उसके लिए क्रेन की सुविधा वाले 'जिब' कैमरे भी लगाए गए थे.
बाबा रामदेव के समर्थकों में भी जोशोखरोश की कमी नहीं थी.
भारी भीड़
अमरीका से आए सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रिंस रतन ने बीबीसी को बताया कि वो पांच साल से बाबा रामदेव की योग शिक्षा का लाभ उठा रहे हैं. रतन ने कहा, “मैं यहां आया हूं क्योंकि देश से बाहर रहकर भी मैं भारत में फैले भ्रष्टाचार से प्रभावित हूं, मुझे यकीन है कि इससे बदलाव आएगा.”
बाबा रामदेव एक विशाल ऊंचे स्टेज पर बैठे थे. समर्थकों से एक सुरक्षित दूरी पर, रह-रहकर स्टेज से भारत माता की जय की ललकार आ रही थी जिसे लोग दोहराकर या तालियों से प्रोत्साहित कर रहे थे.
भगवा रंग रह-रहकर नज़र आ रहा था, हालांकि सुबह-सुबह साध्वी ऋतंबरा के भाषण के बाद वहां कोई और नेता नहीं पहुंचा.
रामदेव ने अपने समर्थकों को कई बार संबोधित किया और दोहराया कि उनकी मुहिम किसी एक व्यक्ति विशेष के ख़िलाफ नहीं बल्कि व्यवस्था के विरुद्ध है.
बाबा रामदेव प्रमुख तौर पर सरकार से देश से बाहर मौजूद काले धन को वापस लाने और उसे देश की संपत्ति करार देने की मांग कर रहे हैं.
सरकार के प्रतिनिधि पिछले कई दिनों से रामदेव से उनकी मांगों पर बातचीत करते रहे हैं.
कांग्रेस आन्दोलन खत्म कराने के लिए शाम-दाम-दंड-भेद की कूटनीति पर उतर आई है। किसी तरह बाबा की भुलावे में लेकर या उनके प्रशंसको भड़का कर डंडा चलाया जाए। आन्दोलन को खत्म किया जाए।
जवाब देंहटाएंअगर बाबा ने कुछ उल्टा कदम उठाया तो करोड़ों लोगों का विश्वास टूट जाएगा। फ़िर उन्हे जन समर्थन जुटाना कठिन हो जाएगा।
ईश्वर करे आन्दोलन सफ़ल हो।
जो आशंका मै व्यक्त कर रहा था, आखिर वही हुआ।
जवाब देंहटाएं@ श्री ललित शर्मा जी ,
जवाब देंहटाएंहमारा और आपका अनुमान सही निकला .सत्ता की ताकत पर आन्दोलन को कुचलने का षड़यंत्र चल रहा है , बाबा ने अगर थोड़ी भी चूक की तो यह आन्दोलन और यह मुद्दा हमेशा हमेशा के लिए दफ़न हो जायेगा . बहरहाल देश में आंतरिक आपात्तकाल के हालात बनते दिखाई दे रहे है.
बाबा रामदेव पर यह आरोप लगाना गलत है...क्योंकि पहले उन्होंने कुछ सांसदों को सही कहा है..बाद में थोड़ी सी ...543संख्या बोलना गलत हो गया..और हमेशा की तरह...सरकार तो इसी ताक में आँखें बिछाये बैठी थी ...और लो एक गलती ने बाबा के सारे मेहनत पर पानी फिर गया .परिणाम ..चाहें जो हो ...अभी और कुछ दिनों तक छत्तीसगढ़ का दुर्ग (दल्लीराजहरा) सुर्खियों में रहेगा।....जय हो बाबा रामदेव... http://ptvinodchoubey.blogspot.com/
जवाब देंहटाएं