पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या के बाद सरकार ने मीडियाकर्मियों को सुरक्षा के लिए हथियार रखने की इजाजत दे दी है. यानी पाकिस्तान में कलम को बन्दूक के सहारे की जरूरत पड़ रही है . पहले यह कहावत थी कि कलम की ताकत बन्दूक से ज्यादा होती है लेकिन अब कलम की धार कमजोर होती दिखाई पड़ रही है .
इसके पूर्व हमने दिनांक 17.12.2010 को " पाक : पत्रकारों के लिए बेहद ख़तरनाक " शीर्षक से प्रकाशित लेख में लिखा था कि ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स’ ने कहा है कि आत्मघाती हमलों में बढ़ौतरी के कारण पाकिस्तान पत्रकारों के लिए दुनिया का सब से ख़तरनाक देश बन गया है.सीपीजे ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया है कि इसी साल दुनिया में 42 पत्रकारों की मौत हुई जिन में से सब से ज़्यादा पाकिस्तान में मारे गए और इस क्रम में इराक़ दूसरे स्थान पर है.
परन्तु पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या आतंकवादियों द्वारा नहीं हुई है . उनकी हत्या में स्वयं पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आई.एस.आई. के हाथ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है ,. पाकिस्तान में ह्यूमन राइट्स वॉच के प्रतिनिधि अली देयन हसन का कहना है कि सलीम शहजाद को पाकिस्तान की गुप्तचर संस्थाओं की ओर से धमकी दी जा रही थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में हसन ने कहा, ''उन्होंने मुझे बताया था कि उनका पीछा किया जा रहा है और कोई लोगों से उन्हें धमकी भरे फोन भी मिल रहे हैं.'' हसन ने कहा, ''हम यह विश्वास से नहीं कह सकते कि सलीम शहजाद की हत्या किसने की है. लेकिन हम यह अवश्य कह सकते हैं कि आई.एस.आई. पहले भी इस तरह के कामों में शरीक रही है.''
41 वर्षीय सलीम शहजाद हॉन्ग कॉन्ग स्थित एशिया टाइम्स ऑनलाइन के लिए पाकिस्तान में ब्यूरो चीफ के तौर पर काम करते थे. रविवार रात वह अपने घर के पास से उस समय लापता हो गए, जब वह निजी टीवी चैनल 'दुनिया न्यूज' के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जा रहे थे. दो दिन बाद उनकी लाश मिली . इस घटना से पूरा मिडिया जगत स्तब्ध है .
भारत में सरकार ने 10 करोड़ नेटयुजर्स का मुंह बंद करने के लिए 11 अप्रेल से आई टी एक्ट में संशोधन करके संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का गला घोंटने की कवायद शुरु कर दी है। अब तो ब्लॉगर्स को संन्यास लेना पड़ेगा। इसके लिए मदकुद्वीप से अच्छी जगह कोई दुसरी नहीं हो सकती। आईए मद्कुद्वीप में धूनी रमाएं एवं लैपटॉप-कम्पयुटर का शिवनाथ नदी में विसर्जन करें।
जवाब देंहटाएंपाक में कोई, कब, कहाँ और कैसे टपक जाये, किसी को नहीं ज्ञात है।
जवाब देंहटाएंbahut umdaa aalekh
जवाब देंहटाएंhttp://drsatyajitsahu.blogspot.com/
अभी पाकिस्तान के मीडिया ग्रुप मे ऐसी अवधारणा बन रही है कि शहजाद को मारने का इरादा नही था खाली उनको चेतावनी के लिये पीटा जा रहा था पर ६ महिने पहले उन्हे गोली से छाती मे जख्म था वहा चोट लगने से उनकी मौत हो गयी
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