अपनी वेबसाइट के जरिए अमेरिकी सरकार और उसके विभागों की लाखों पन्नों की गोपनीय जानकारियां सार्वजनिक करके विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है, उसकी वजह से दुनिया के अनेक देशों में साइबर वार की शुरूआत हो गई है.
फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जूलियन अंसाजे के लाखों समर्थकों ने दुनिया की नंबर दो क्रेडिट कार्ड कंपनी मास्टर कार्ड की बेवसाइट पर हल्ला बोल दिया है . फलस्वरूप मास्टर कार्ड की वेबसाइट कई घंटों से ठप्प है . विकीलीक्स विरोधी माने जाने वाले कई वेबसाइट का हुलिया बिगाड़ कर हैकरों ने चैट रूम में एक दूसरे को बधाई दी. मास्टर कार्ड की वेबसाइट हैक करने वालों ने अपने चैट रुम संदेशों में कहा, ''मास्टर कार्ड की वेबसाइट अब भी ठप पड़ी है ; भाड़ में जाएँ ''. एक दूसरे संदेश में कहा गया, '' वाह...सबने शानदार काम किया.'' यूएस साइबर कॉन्सिक्वेंसेज यूनिट के चीफ टेक्नॉलाजी अफसर जॉन बमगार्नर कहते हैं, ''ऐसे हमलों की शुरुआत करना बहुत आसान है.'' इंटरनेट पर ऐसे कई सॉफ्टवेयर मिल जाते हैं जो बेहद आधुनिक हैं और हैकर उन्हें आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. आशंका जताई जा रही है कि विकीलीक्स के समर्थक आने वाले दिनों में कई अन्य वेबसाइटों पर भी इसी तरह के हमले करेंगे. इन हैकरों ने विकीलीक्स के ख़िलाफ़ मुक़दमे में सरकारी वकील की वेबसाइट को भी हैक कर लिया है.
ऑस्ट्रेलिया और रूस की कई बड़ी हस्तियां विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज के समर्थन में उतर आई हैं.जूलियन असांज का समर्थन करते हुए रूसी अधिकारियों ने उन्हें नोबेल पुरस्कार देने की मांग की है. तो दूसरी तरफ बलात्कार और असुरक्षित यौन संबंध बनाने के आरोप में ब्रिटेन में असांज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है . उन्हें सात दिन की हिरासत में रखा गया है.
फोटो-साभार गूगल
आगे आगे देखिये होता है क्या?
जवाब देंहटाएं... kuchh chamatkaar hone hi chaahiye ... !!!
जवाब देंहटाएंदूसरों के कुएं हड़पने वाले कुएं में गिर भी सकते हैं.
जवाब देंहटाएंये क्या हो रहा है, अंदाज लगा पाना भी कठिन है.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा विषय और अच्छा प्रस्तुतिकरण . वास्तव में एक बेहतर और सदभावपूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है. जहाँ भी कोई दुराव-छिपाव है, समझो कि वहाँ दाल में कुछ न कुछ काला है . ऐसे में अगर विकीलिक्स ने अमरीकी कारगुजारियों का भंडाफोड कर कोई रहस्य उजागर किया है , तो अमेरिका के लिए भले ही वह गलत हो, पर बाकी दुनिया के लिए तो वह फायदे की बात है ,कि हमें अमरीका से सावधान रहना चाहिए . जूलियस असान्ज़ पर कोई भी आरोप, वह भी ब्रिटेन में इस भंडाफोड के बाद ही क्यों लगा, पहले क्यों नहीं ? यह सोचने वाली बात है. कहीं यह 'खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे' वाली बात तो नहीं है ?
जवाब देंहटाएंइस खेल हकीकत भी शायद ही सामने आये.....
जवाब देंहटाएंआगे-आगे देखिये होता है क्या...विश्व्यापी मुद्दे को सामने लाने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंविश्व्यापी मुद्दे को सामने लाने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंदेखे आगे क्या होता हे?????
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