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06 अप्रैल, 2018

21 वी सदी की सर्वाधिक सशक्त पार्टी है भाजपा

भाजपा के स्थापना दिवस (6 अप्रेल) पर विशेष आलेख 

6 अप्रेल 1980 को जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ तब शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी यह पार्टी विश्व की राजनीतिक धरा पर विशाल वट-वृक्ष की तरह स्थापित हो जायेगी. गैर-कांगेसी दलों के गठबंधन के रूप में 1977 में उपजी जनता पार्टी के बिखरने से देश में राजनैतिक संकट की स्थिति निर्मित हो गई थी. राजनीति से जनता का विश्वास भंग हो चुका था ऐसे समय में जनसंघ घटक ने जनता पार्टी से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की. भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मुबई में आयोजित पार्टी के प्रथम अधिवेशन में 1980 में कहा था “भारत के पश्चिमी घाट को महिमा मंडित करने वाले महानगर के किनारे खड़े होकर मैं यहां भविष्यवाणी करने का साहस करता हूॅ कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा." श्री वाजपेयी द्वारा साहस और दृढ़ निश्चय के साथ कहे गये इन शब्दो में पार्टी और देश को नये उजाले की ओर ले जाने का संकल्प प्रतिध्वनित हो रहा था. देश की वर्तमान राजनैतिक स्थिति को देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि श्री वाजपेयी की 38 वर्ष पूर्व की गई भविष्यवाणी पूरी तरह खरी उतरी है. 1980 से 2018 के सफ़र में 11 करोड़ से अधिक सदस्य बनाकर भारतीय जनता पार्टी आज विश्व की सर्वाधिक सदस्य वाली पार्टी बन चुकी है. केंद्र सहित भारत के अधिकांश प्रान्तों में भाजपा की सरकारें है. भाजपा की स्थापना के समय देश में कांग्रेस वर्सेस ऑल का दौर था जो अब पलट कर भाजपा वर्सेस ऑल हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कुशल नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस का एक एक किला फतह कर समूचे भारत में विजय पताका फहराने की दिशा में अग्रसर है.
1980 से अब तक के सफर में भारतीय जनता पार्टी को अनेको बार धूप-छांव का सामना करना किया. इस अवधि में पार्टी ने अनेक झंझावातो का सामना किया तथा असंख्य समर्पित, निष्ठावान एवं जीवट कार्यकर्ताओ की बदौलत प्रतिकूलता को अनुकुलता में तब्दील किया. स्थापना के बाद हुए 1984 के आम चुनाव में भाजपा को मात्र 2 सीटे मिली थी. हालांकि यह तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानूभूति का नतीजा था. तब भाजपा के विरोधी भाजपा नेताओं पर फब्ती कसते हुए कहते थे “हम दो हमारे दो“ इन फब्तियो की परवाह न करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओ ने अटल-अडवाणी के नेेतृत्व में अपनी संघर्ष यात्रा को अनवरत् जारी रखा. फलस्वरूप 1989 के आम चुनाव में लोकसभा में भाजपा सांसदों की संख्या दो से बढ़कर 85 हो गई. इसके बाद रामजन्म भूमि आंदोलन के चलते कांग्रेस सिमटती गई तथा भाजपा की ताकत में इजाफा होता गया. नतीजन 1991 में 120, 1996 में 161, 1998 में 182, 1999 में भी 182, 2004 में 138, तथा 2009 में भाजपा को लोकसभा में 116 सीटे हासिल हुई. परन्तु 2014 के आमचुनाव में भाजपा एक शक्तिशाली राजनैतिक पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई. इस चुनाव में पार्टी ने 275 सीटो का लक्ष्य रखा था, लेकिन परिणाम आया तो पता चला कि कांग्रेस एवं अनेक क्षेत्रीय पार्टियाॅं चारो खाने चित्त हो गई. भाजपा ने अकेले 31 प्रतिशत वोट पाकर 282 सीटो पर जीत हासिल की तथा सहयोगी दलो को मिलाकर राजग के सांसदो की संख्या 300 पार कर गई. अगर राज्यों की बात करें तो वर्तमान में 15 राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश और त्रिपुरा में भाजपा के मुख्यमंत्री है जबकि जम्मू कश्मीर, नागालैंड, सिक्किम, बिहार एवं मेघालय में सहयोगी दलों के साथ सरकार में काबिज है. कांग्रेस तो केवल चार राज्यों मिजोरम, कर्नाटक, पंजाब एवं पांडिचेरी में ही सिमट कर रह गई है. कर्नाटक में अभी चुनाव चल रहें है जहां भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
भारतीय जनता पार्टी ने यह मुकाम अपनी जन-कल्याणकारी नीतियों के बदौलत हासिल किया है. यह केवल एक राजनैतिक पार्टी नही बल्कि एक विचारधारा है जो भारतीय जनसंघ की नीतियों व सिद्धांतों पर बनी है तथा अंत्योदय के मार्ग पर चलकर देश की दशा व दिशा बदलने में लगी है. जिस पार्टी का ध्येय सबका साथ : सबका विकास हो उस पार्टी की विजय यात्रा को रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन भी है. मोदी-शाह की जोड़ी ने जो राजनैतिक करतब दिखाया है उससे तो यही परिलक्षित होता है कि भारतीय जनता पार्टी 21 वी सदी की सर्वाधिक सशक्त पार्टी के रूप में उभरेगी तथा पूरे विश्व में भारत को सर्वोच्च स्थान पर स्थापित करेगी. 
लेखक - अशोक बजाज

03 फ़रवरी, 2018

55 वी बार ध्वजारोहण

गणतंत्र दिवस 2018 मेरे लिए बहुत ही अविस्मरीय इसलिए रहा क्योंकि इस दिन मैंने 3 विभिन्न शहरों के 7 स्थानों पर ध्वजारोहण किया. सबसे पहले चौपाल सिविल लाईन्स रायपुर तत्पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर के प्रांतीय मुख्यालय, सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर, शासकीय कन्या हायर सेकंडरी स्कूल अभनपुर, शासकीय बजरंगदास हायर सेकंडरी अभनपुर, मिनी स्टेडियम अभनपुर और शासकीय हरिहर उच्चतर माध्यमिक शाला नवापारा राजिम. विशेष उल्लेखनीय बात यह हुई कि सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में 1990 से लगातार (एक बार को छोड़ कर) 55 वी बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. यह मेरे लिए गौरवशाली पल था. जी हाँ सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में 1990 से लगातार राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा हूँ. लेकिन जब माननीय अटलबिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनें तब 15 अगस्त 1998 को उन्हें लाल किले में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए अपनी नज़रों से देखना चाहता था सो उस दिन दिल्ली में था. बहरहाल 15 अगस्त 1998 को छोड़ कर 1990 से अब तक सशिम में ध्वज फहराने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है.
गणतंत्र दिवस 2018 की झलकियाँ  
गणतंत्र दिवस 2018 : चौपाल सिविल लाईन रायपुर में ध्वजारोहण.
                                                                                     
गणतंत्र दिवस 2018 : अपेक्स बैंक मुख्यालय पंडरी रायपुर में ध्वजारोहण.

                                                                                   
गणतंत्र दिवस 2018 : अपेक्स बैंक मुख्यालय पंडरी रायपुर में गणतंत्र दिवस समारोह.
                                                                               
गणतंत्र दिवस 2018 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                               
गणतंत्र दिवस 2018 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में गणतंत्र दिवस समारोह में बाल मित्र पत्रिका का विमोचन.
                                                                                 
गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                               
गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में गणतंत्र दिवस समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में गणतंत्र दिवस समारोह में प्रतिभावान छात्राओं को प्रमाणपत्र वितरण.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में गणतंत्र दिवस समारोह में प्रतिभावान छात्राओं को प्रमाणपत्र वितरण.
                                                                                   
गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय बजरंगदास हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय बजरंगदास हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में गणतंत्र दिवस समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय बजरंगदास हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में गणतंत्र दिवस समारोह में प्रतिभावान छात्रों को प्रमाण पत्र वितरण.
                                                                                 
गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम में मुख्य समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम में मुख्य समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम के मुख्य समारोह में नन्हें कलाकारों को प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम के मुख्य समारोह में नन्हें कलाकारों को प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम के मुख्य समारोह में नन्हें कलाकारों को प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम के मुख्य समारोह में नन्हें कलाकारों को प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम के मुख्य समारोह में महिला स्व सहायता समूहों की महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम के मुख्य समारोह में नन्हे बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम में मुख्य समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम में मुख्य समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : अभनपुर स्टेडियम में मुख्य समारोह.
                                                                                     
गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में भारतमाता की मूर्ति की पूजा हुई.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में नवनिर्मित शेड का लोकार्पण.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में गणतंत्र दिवस समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में स्काउट गाईड के विद्यार्थियों के परेड की सलामी लेते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में स्काउट गाईड के विद्यार्थियों के परेड की सलामी लेते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में स्काउट गाईड के विद्यार्थियों के परेड की सलामी लेते हुए.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में गणतंत्र दिवस समारोह.

गणतंत्र दिवस 2018 : शासकीय हरिहर हायर सेकेंडरी स्कूल नवापारा राजिम में गणतंत्र दिवस समारोह.
                                                                               
गणतंत्र दिवस 2018 : ग्राम नाहना चंडी (अभनपुर) में गणतंत्र दिवस समारोह.
                                                                             
गणतंत्र दिवस 2018 : ग्राम नाहना चंडी (अभनपुर) में गणतंत्र दिवस समारोह.











01 जनवरी, 2018

मिशन 2018 सफल व सार्थक हो !

 मिशन 2018 सफल व सार्थक हो !


2018 की प्रथम पोस्ट
ASHOK BAJAJ ABHANPUR RAIPUR CHHATTISGARH
अशोक बजाज , अभनपुर , रायपुर, छत्तीसगढ़

24 दिसंबर, 2017

अटल प्रतिज्ञा का परिणाम है छत्तीसगढ़ राज्य

छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता, भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी के 93वें जन्मदिन पर विशेष आलेख 

लेखक - अशोक बजाज 

जनता के ह्रदय की धड़कन को बखूबी समझने वाले राष्ट्रनायक, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी की संकल्प शक्ति का ही परिणाम है कि 17 वर्ष पूर्व 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का उदय हुआ. उन्होंने 1998 में सप्रेशाला रायपुर के मैदान में जनता के नब्ज को टटोल कर वादा किया कि यदि आप लोकसभा की 11 में से 11 सीटो में भाजपा को जितायेंगे तो मैं तुम्हे छत्तीसगढ़ राज्य दूंगा. हालाँकि चुनाव में भाजपा को 11 में से 8 सीटें ही मिली लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार पुनः गई तथा अटल जी पुनः प्रधानमंत्री बन गए. प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप राज्य निर्माण के लिए पहले ही दिन से प्रक्रिया प्रारंभ कर दी. मध्यप्रदेश राज्य पुर्निर्माण विधेयक 2000 को 25 जुलाई 2000 को लोकसभा में पेश किया गया. इसी दिन दो अन्य राज्यों उत्तराखंड एवं झारखंड राज्य के विधेयक भी पेश हुए. 31 जुलाई 2000 को लोकसभा में और 9 अगस्त को राज्य सभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी. 25 अगस्त को राष्ट्रपति ने इसे मंदूरी दे दी. 4 सिंतबर 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और अटलजी की एक अटल-प्रतिज्ञा पूरी हुई.

वास्तव में राज्य का गठन करना कोई हंसी खेल तो था नहीं. कई वर्षो से लोग आवाज उठा रहे थे. इसके लिए लोग अनेक तरह से आंदोलन भी करते रहे लेकिन राज्य का निर्माण नहीं हो पाया था. यह तो अटलजी की दृढ इच्छा शक्ति का ही परिणाम है कि बिना खूनखराबे के राज्य का निर्माण हो गया. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पहले हम मध्यप्रदेश में थे. मध्यप्रदेश का निर्माण सन 1956 में 1 नवम्बर को ही हुआ था. हम 1 नवम्बर 1956 से 31 अक्टूबर 2000 तक यानी 44 वर्षो तक मध्यप्रदेश के निवासी थे तब हमारी राजधानी भोपाल थी. इसके पूर्व वर्तमान छत्तीसगढ़ का हिस्सा सेन्ट्रल प्रोविंस एंड बेरार (सी.पी.एंड बेरार) में था तब हमारी राजधानी नागपुर हुआ करती थी. इस प्रकार हमें पहले सी.पी.एंड बेरार, तत्पश्चात  मध्यप्रदेश और अब छत्तीसगढ़ के निवासी होने का गौरव प्राप्त हो रहा है. वर्तमान छत्तीसगढ़ में जिन लोगो का जन्म 1 नवम्बर 1956 को या इससे पूर्व हुआ है  वे तीन राज्यों में रहने का सुख प्राप्त कर चुके है.

परंतु छत्तीसगढ़ राज्य में रहने का अपना अलग ही सुख है। अगर हम भौतिक विकास की बात करे तो छत्तीसगढ़ कें संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि हमने इन 17 वर्षो में विकास की लंबी छलांग लगाई है. मै यह बात इसीलिए लिख रहा हू  क्योंकि हम 1 नवम्बर 2000 के पहले देश की मुख्य धारा से काफी अलग थे. गरीबी, बेकारी, भूखमरी, अराजकता और पिछड़ापन हमें विरासत में मिला था. छत्तीसगढ़ आज गरीबी, बेकारी, भुखमरी, अराजकता और पिछड़ापन के खिलाफ संघर्ष करके आज ऐसे मुकाम पर खड़ा है जिसे देखकर अन्य विकासित राज्यों को ईर्ष्या हो सकती है. इस नवोदित राज्य को पलायन व पिछड़ापन से मुक्ति पाने में 17 वर्ष लग गये. सरकार की जनकल्याणकारी योजनांए से नगर, गांव व कस्बो की तकदीर व तस्वीर तेजी बदल रही है. छत्तीसगढ़ की मूल आत्मा गांव में बसी हुई है, सरकार के लिए गांवो का विकास एक बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन इस काल - खण्ड में विकास कार्यो के संपन्न हो जाने से गांव की नई तस्वीर उभरी है. किसानों को सिंचाई, बिजली, सड़क, पेयजल, शिक्षा व स्वास्थ जैसी मूलभूत सेवाएँ प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराई गई है. हमें याद है कि पहले गावों में ग्राम पंचायतें तो थी लेकिन पंचायत भवन नहीं थे, शालाएं थी लेकिन शाला भवन नही थे, सड़कें तो नही के बराबर थी, पेयजल की सुविधा भी नाजुक थी लेकिन आज गांव की तस्वीर बन चुकी है. विकास कार्यो के नाम पर पंचायत भवन, शाला भवन, आंगनबाड़ी भवन, मंगल भवन, सामुदायिक भवन, उपस्वास्थय केन्द्र, निर्मलाघाट, मुक्तिधाम जैसे अधोसरंचना के कार्य गांव-गांव में दृष्टिगोचर हो रहे है. अपवाद स्वरूप ही ऐसे गांव बचें होंगे जहां बारहमासी सडकों की सुविधा ना हो, सड़को के निर्माण से गांव व शहर की दूरी कम हुई है. अनेक गंभीर चुनौतियों के बावजूद ग्रामीण विकास के मामले में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय प्रगति की है. छत्तीसगढ़ को भूखमरी से मुक्त कराने के लिए डॉ रमन सिंह की सरकार ने बी.पी.एल. परिवारों को 1 रूपये/2 रूपये किलों में प्रतिमाह 35 किलो चावल देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया जो देश भर में अनुकरणीय बन गया है इस योजना में थोड़ी तब्दीली कर अब एक/दो रुपये किलो में प्रति यूनिट 7 किलो चांवल तथा 2 किलो नमक मुफ्त में प्रदान किया जा रहा है. किसानो को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण प्राप्त हो रहा है, इस वर्ष किसानों को बिना ब्याज के लगभग 3200 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है. सिचाई सुविधा बढ़ाई गई है. किसान समृद्धि योजना एवं सौर सुजला योजना के धरातल में आने से सिंचित कृषि रकबे में वृद्धि हो गई है. स्कूली बच्चों को मुफ्त में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराई जा रही है. वनोपज संग्रहणकर्ता मजदूरों को चरण-पादुकांए प्रदान की जा रही है. इस वर्ष किसानों एवं वनोपज संग्राहकों को उनकी उपज के मूल्य के अतिरिक्त बोनस राशि प्रदान की गई है. केंद्र सरकार की अनेक महती योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, प्र.मं. उज्जवला योजना, सौभाग्य योजना एवं राष्ट्रीय बागवानी मिशन के कार्यों से राज्य की जनता लाभान्वित हो रही है. 

अगर यह संभव हो पाया तो केवल इसीलिए कि माननीय अटलबिहारी वाजपेयी ने एक झटके में छत्तीसगढ़ का निर्माण किया है, छत्तीसगढ़ की जनता उनका सदैव ऋणी रहेगी. छत्तीसगढ़ के समस्त नागरिकों की ओर से अटलजी को उनके 93 वी वर्षगांठ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. ईश्वर उन्हें स्वस्थ व दीर्घायु जीवन प्रदान करें.